अपर जिलाधिकारी ने नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं श्रीराम पिस्टन कंपनी से वार्ता की
गाजियाबाद। लोहिया नगर में भू-जल प्रदूषण से निपटने के लिए प्रशासनिक कसरत का फिलहाल कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। बढ़ते जनविरोध ने जिम्मेवार अफसरों की मुश्किलें जरूर बढ़ा रखी हैं। इसके मद्देनजर एडीएम (सिटी) ने नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और श्रीराम पिस्टन कंपनी प्रबंधतंत्र के साथ लंबी मंत्रणा की। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौ समरसेबिल पंप के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए गए।
मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र और लोहिया नगर में भू-जल प्रदूषित हो चुका है। जहरीला पानी निकलने से रेजीडेंट्स परेशान हैं। इस प्रकरण में रेजीडेंट्स और श्रीराम पिस्टन कंपनी पंरबंधतंत्र एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। रेजीडेंट्स का कहना है कि श्रीराम पिस्टन कंपनी के कारण भू-जल स्तर प्रदूषित हो रहा है जबकि कंपनी प्रबंधतंत्र इसके लिए घर-घर में स्थापित समरसेबिल पंपों के इस्तेमाल को जिम्मेवार ठहरा रहा है। अपर जिलाधिकारी (नगर) रक्षपाल सिंह ने मंगलवार को जिला मुख्यालय सभागार में नगर निगम, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं श्रीराम पिस्टन कंपनी के प्रबंधतंत्र के साथ वार्ता की।
एडीएम सिटी सिंह ने निगम को लोहिया नगर में नियमित रूप से शुद्ध पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए। जला-पूर्ति हेतु रिजर्व में पानी के टैंकर की व्यवस्था रखने व हेल्पलाइन नंबर जारी कर तत्काल टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में प्रत्येक सप्ताह व पाक्षिक पानी के नमूने लेकर प्रमाणित लैब में जांच कराई जाए।
उन्होंने श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स एवं अन्य उद्योगों द्वारा लोहिया नगर में भू-गर्भ जल प्रदूषण के रेमिडिएशन कार्य की विस्तार से समीक्षा की। ऐसे में कुछ स्थानों की स्थिति संतोषजनक मिली। कुछ स्थानों पर ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। बैठक में श्रीराम पिस्टन कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में सौ समरसेबिल स्थापित हैं। नतीजतन पानी का शुद्धिकरण किए जाने के बाद वह पुनः प्रदूषित होने का खतरा रहता है।
लिहाजा समरसेबिल को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इस पर एडीएम सिटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पारस नाथ को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट कपिल सिंह, श्रीराम पिस्टन कंपनी के प्रबंधक के.के.शर्मा, वी.के.कपूर आदि मौजूद रहे।
गाजियाबाद। लोहिया नगर में भू-जल प्रदूषण से निपटने के लिए प्रशासनिक कसरत का फिलहाल कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। बढ़ते जनविरोध ने जिम्मेवार अफसरों की मुश्किलें जरूर बढ़ा रखी हैं। इसके मद्देनजर एडीएम (सिटी) ने नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और श्रीराम पिस्टन कंपनी प्रबंधतंत्र के साथ लंबी मंत्रणा की। इस बीच प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौ समरसेबिल पंप के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए गए।
मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र और लोहिया नगर में भू-जल प्रदूषित हो चुका है। जहरीला पानी निकलने से रेजीडेंट्स परेशान हैं। इस प्रकरण में रेजीडेंट्स और श्रीराम पिस्टन कंपनी पंरबंधतंत्र एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं। रेजीडेंट्स का कहना है कि श्रीराम पिस्टन कंपनी के कारण भू-जल स्तर प्रदूषित हो रहा है जबकि कंपनी प्रबंधतंत्र इसके लिए घर-घर में स्थापित समरसेबिल पंपों के इस्तेमाल को जिम्मेवार ठहरा रहा है। अपर जिलाधिकारी (नगर) रक्षपाल सिंह ने मंगलवार को जिला मुख्यालय सभागार में नगर निगम, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं श्रीराम पिस्टन कंपनी के प्रबंधतंत्र के साथ वार्ता की।
एडीएम सिटी सिंह ने निगम को लोहिया नगर में नियमित रूप से शुद्ध पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिए। जला-पूर्ति हेतु रिजर्व में पानी के टैंकर की व्यवस्था रखने व हेल्पलाइन नंबर जारी कर तत्काल टैंकर के जरिए पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में प्रत्येक सप्ताह व पाक्षिक पानी के नमूने लेकर प्रमाणित लैब में जांच कराई जाए।
उन्होंने श्रीराम पिस्टन एंड रिंग्स एवं अन्य उद्योगों द्वारा लोहिया नगर में भू-गर्भ जल प्रदूषण के रेमिडिएशन कार्य की विस्तार से समीक्षा की। ऐसे में कुछ स्थानों की स्थिति संतोषजनक मिली। कुछ स्थानों पर ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए। बैठक में श्रीराम पिस्टन कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र में सौ समरसेबिल स्थापित हैं। नतीजतन पानी का शुद्धिकरण किए जाने के बाद वह पुनः प्रदूषित होने का खतरा रहता है।
लिहाजा समरसेबिल को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। इस पर एडीएम सिटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी पारस नाथ को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट कपिल सिंह, श्रीराम पिस्टन कंपनी के प्रबंधक के.के.शर्मा, वी.के.कपूर आदि मौजूद रहे।
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