भटिंडा : पानी में यूरेनियम …


हालिया अध्ययन के अनुसार भटिंडा जिले के मुल्तानिया गाँव में पीने के पानी में यूरेनियम और रेडॉन की भारी मात्रा पाई गई है। यूरेनियम की यह मात्रा WHO के सुरक्षित मानक स्तर से 18 गुना ज्यादा अर्थात 7134 BQ/L (Becquerel Per Litre) पाई गई है। गुरुनानकदेव विश्वविद्यालय के फ़िजिक्स विभाग में पदस्थ जियोफ़िजिक्स के प्रोफ़ेसर सुरिन्दर सिंह और चार अन्य शोधार्थियों द्वारा भटिण्डा जिले के 24 गाँवों में किये गये इस अध्ययन के मुताबिक कम से कम आठ गाँवों में पीने के पानी में यूरेनियम और रेडॉन की मात्रा 400 BQ/L के सुरक्षित स्तर से कई गुना अधिक है, इनमें संगत मंडी, मुल्तानिया, मुकन्द सिंह नगर, दान सिंहवाला, आबलू, मेहमा स्वाई, माल्की कल्याणी और भुन्दर शामिल हैं। डॉ सुरिन्दर सिंह ने कहा कि गैस के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले घातक प्रभाव को देखते हुए तुरन्त ही तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है। ये गाँव जोधपुर, गोरियाना और बुचो मण्डी इलाके के आसपास लगते हैं। रेडॉन गैस के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि रेडॉन गैस रेडियम नामक पदार्थ का ही अवशिष्ट है और यह “यूरेनियम परिवार” का एक प्रमुख घटक है। पीने के पानी में रेडियम युक्त यूरेनियम से मनुष्यों में कई तरह के घातक प्रभाव देखने में आते हैं। यूरेनियम की अधिकता किडनी को प्रभावित करती है, जबकि रेडॉन की अधिक मात्रा से कैंसर की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है।

संयुक्त राष्ट्र की एक संस्था साइंटिफ़िक कमेटी ऑन इफ़ेक्ट ऑफ़ अटॉमिक रेडियेशन (UNSEAR) द्वारा पानी में रेडॉन की अधिकतम सुरक्षित मात्रा 400 BQ/L घोषित की गई है। डॉ सुरिन्दर सिंह ने आगे बताया कि इस इलाके के पानी के नमूनों में यूरेनियम की अधिक मात्रा के बारे में उनका शोध पहले भी “एन्वायर्न्मेण्ट रेडियोएक्टिविटी” नामक जर्नल में प्रकाशित हो चुका है। भूजल में यूरेनियम की सर्वाधिक मात्रा जोधपुर, गोबिन्दपुर, भूचो और कुइना गाँवों में रिकॉर्ड की गई है। हरियाणा के भिवानी जिले और साथ लगे हुए भटिण्डा जिले में स्थित तुसाम पहाड़ियों की रेडियोएक्टिव ग्रेनाईट चट्टानों के कारण इस क्षेत्र के भूजल में यूरेनियम और रेडॉन की अधिकता पाये जाने की सम्भावना भी जताई गई है। डॉ सिंह के अनुसार 1999 से इस क्षेत्र में कैंसर के कारण हुई मौतों में बढ़ोतरी हुई है और तात्कालिक तौर पर इसका कारण यूरेनियम और रेडॉन ही लगता है। उन्होंने आशा जताई कि सरकार इस प्रकार के अध्ययनों को अधिक आर्थिक मदद देकर सही और ज्यादा आँकड़े जुटाये ताकि जिले के लोगों की जान बचाई जा सके और मनुष्य जीवन के लिये खतरनाक साबित होने वाले जहरीले रेडियोएक्टिव पदार्थों की रोकथाम के लिये कुछ ठोस कदम उठाये जा सकें।

अनुवाद – सुरेश चिपलूनकर

With Courtesy - Chandigarh Tribune, Wednesday, February 7, 2001, 
Tags - High radioactivity in Bathinda water, found high uranium and radon concentration 18 times more at 7134 BQ/L (becquerel per litre) than the safe limit in the drinking water of Multania village in Bathinda district,
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