भारत में हर साल 2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदाओं में से एक था।जी हां , भोपाल गैस त्रासदी , यह वह त्रासदी थी जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवाई थी। उन्हीं की याद में आज राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है
भारत में राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस 2022 को मनाने का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक आपदाओं को रोकने के लिए लोगों को उद्योगों के सही उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह दिन मानवीय लापरवाही के साथ-साथ औद्योगिक उत्सर्जन से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करता है ।
वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण जैसे कई अन्य प्रकार के प्रदूषणों के कारण लंबे समय से पर्यावरण के साथ समझौता किया गया है। समय की मांग है कि हम जागें और अपने इस धरती के जीवों की रक्षा के लिए आगे आये ।
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3 दिसंबर 1984 को, लगभग 45 टन खतरनाक गैस मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन के भारतीय प्रभाग के स्वामित्व वाले एक कीटनाशक संयंत्र से निकल गई। कुछ ही समय में जहरीली गैस फेल गई जिसमें आस-पास के इलाकों के कई लोग इसकी चपेट में आ गए। इस त्रासदी का डर लोगों में इतना था कि कई लोगों घर तो छोड़िए शहर भी छोड़ दिया था ।
भोपाल मेडिकल अपील के अनुसार, इस घटना में लगभग 15,000 से 20,000 लोग मारे गए थे और पांच लाख लोग श्वसन, मानसिक, दृश्य, श्रवण और अन्य अक्षमताओं से पीड़ित थे। जाहिर तौर पर, दुर्घटना घटिया संचालन और सुरक्षा के कम कर्मचारियों के कारण हुई थी। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने का महत्व भोपाल गैस त्रासदी जैसी समान आपदाओं से बचने और पृथ्वी को प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए है।
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