भोपाल का पानी

सेहत पर भारी पानी
सेहत पर भारी पानी

भास्कर न्यूज/ भोपाल. राजधानी में पानी के प्रदूषण की भयावहता उजागर होने के बाद अब सरकार ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई है। आवास एवं पर्यावरण मंत्री जयंत मलैया ने स्थिति पर तुरंत काबू पाने के निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को भास्कर ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि राजधानी के भूमिगत तथा बाहरी जल में भारी तत्वों की उपस्थिति घातक स्तर तक पहुंच चुकी है। इसके बाद शुक्रवार को दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा।आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों के साथ एक बैठक में भास्कर की खबर का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि यह चिंता का विषय है और पानी की स्थिति सुधारने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने मंडल से प्रदूषण के संबंध में विस्तार से जानकारी भी ली।

भयावह हैं हालात

राजधानी के पानी में प्रदूषण की भयावहता केवल प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट तक सीमित नहीं रह गई है। शुक्रवार को इस संबंध में समाचार प्रकाशित करने के बाद भास्कर की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि कोलार से फिल्टर होकर आ रहे पानी की गुणवत्ता भी संदेह के घेरे में है। यह भी पता चला है कि 10 साल पहले ही राजधानी के पानी में भारी तत्वों की संख्या आवश्यकता से अधिक होने का सिलसिला शुरू हो गया था।

विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं कि पर्याप्त सुरक्षा के बगैर पानी का सेवन करने वाले लोगों के शरीर में विभिन्न बीमारियों ने जड़ें जमाना शुरू कर दिया होगा। पड़ताल में सामने आया है कि कोलार से फिल्टर करने के बाद पूरी तरह जांचकर पानी दिए जाने के बावजूद उसके खराब होने की शिकायतें नहीं थमी हैं। नगरनिगम के जल परीक्षण प्रयोगशाला के सहायक लैब असिस्टेंट एलबी पटेल बताते हैं कि पानी में बैक्टीरिया की जांच के लिए रोजाना तीन से अधिक नमूने आ जाते हैं। हालांकि वे पानी में भारी तत्वों की उपस्थिति के बारे में कुछ नहीं बता पाए, क्योंकि लैब में इस तरह की जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

पहले भी अब भी

भू-जल विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ. डीके गोयल बताते हैं कि उनके द्वारा करीब 10 वर्ष पहले की गई जांच में शहर के पानी में नाइट्रेट की अधिकता पाई गई थी। तब नाइट्रेट 100 मिलीग्राम प्रतिलीटर से अधिक निकला था। वे बताते हैं कि सर्वधर्म क्षेत्र के पानी में हाल ही में उनके द्वारा करवाई पानी की जांच में नाइट्रेट की मात्रा डेढ़ सौ के करीब निकली है। जो सामान्य से लगभग तीन गुना ज्यादा है।

रिपोर्ट में और भी

मंडल द्वारा यहां के पानी की जांच में टर्बीडिटी (पानी की गंदगी की मात्रा) सबसे अधिक पाई गई। पानी में गंदगी की मात्रा 4 मिलीग्राम प्रतिलीटर पाई गई जो 1.5 मिलीग्राम अधिक है। इसी तरह अम्लीयता-क्षारीयता आठ के करीब पाई गई। यह आंकड़े कोलार के पानी के उस पानी के है जिसे पूरा शहर पी रहा है।

नाइट्रेट की सबसे अधिक मात्रा बड़े तालाब, नए भोपाल और बैरागढ़ क्षेत्र में पाई गई। यहां के पानी में नाइट्रेट की 45 मिलीग्राम प्रतिलीटर से अधिक की मात्रा है। आयरन की मात्रा कोलार रोड पर अधिक है।

आयरन, नाइट्रेट, फ्लोराइड के आंकड़ों का परीक्षण अभी चल रहा है। मंडल के चैयरमैन एसपी गौतम बताते हैं कि जलस्तर की कमी की वजह से इन तत्वों की मात्रा बढ़ रही है। रिपोर्ट के लिए कुछ तत्वों की विश्लेषण चल रहा है। सीनियर फिजीशियन डॉ. गुरुदत्त तिवारी के अनुसार आयरन, फ्लोराइड, नाइट्रेट की अधिकता वाला पानी बिल्कुल भी नहीं पीना चाहिए।

साभार - भास्कर न्यूज .

 

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