बूढ़ा बैल बेसाहै झीना कपड़ा लेय।
आपन करै नसौनी देवै दूषन देय।।
भावार्थ- घाघ का कहना है कि जो गृहस्थ बूढ़ा बैल खरीदता है, पतला कपड़ा पहनता है, वह नाश तो अपना करता है लेकिन दोष ईश्वर को देता है।
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