बुंदेलखंड पैकेज में बदलाव करेगी नई सरकार

18 जून 2014, नई दिल्ली। राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी परियोजना 'बुंदेलखंड पैकेज' पर हमेशा विवाद रहे। कई सालों के सूखे के बाद कांग्रेस ने यह पैकेज जारी किया था। उम्मीद की गई थी कि बुंदेलखंड को सूखे से राहत मिलेंगी। पैकेज में पानी रोकने और भूजल संवर्धन के काम ही किए जाने थे ताकि बुंदेलखंड में सुखे को रोका जा सके, लेकिन धरातल पर हुआ उल्टा। लगभग 10,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा दो चरणों में खर्च हो चुका है। पर परिणाम बहुत बेहतर नहीं रहे। नई सरकार कुछ नए तरीके अपनाकर बुंदेलखंड पैकेज से बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने की कोशिश करने वाली है। वर्तमान सरकार के इस नई कवायद पर मनीष दीक्षित की एक रिपोर्ट...

यूपीए सरकार द्वारा बनाए बुंदेलखंड पैकेज की राशि के खर्च करने के नियमों को केंद्र सरकार बदल सकती है। केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने पर तीन साल के भीतर बुंदेलखंड बनने की वकालत करने वाली केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती जल्द ही बुंदेलखंड पैकेज की समीक्षा के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सांसदों की बैठक बुलाएंगी। इस बैठक में केंद्रीय योजना आयोग द्वारा बुंदेलखंड पैकेज के लिए दिए गए 11,866 करोड़ रुपए की योजना की वर्तमान स्थिति पर प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इस दौरान खर्च किए के नियमों को परिवर्तन किए जाने के विषय में भी विचार किया जाएगा। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि केंद्रीय योजना आयोग जल्दी ही नियमों को बदलने का निर्णय ले सकता है। बुंदेलखंड पैकेज के तहत पहले चरण में 7455 करोड़ और दूसरे चरण में 4400 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। चूंकि इस राशि की बड़ी राशि खर्च नहीं हो सकी है, ऐसे में बुंदेलखंड के सांसदों को यह चिंता सताने लगी है कि यह राशि वापस न हो जाए। हालांकि राशि को खर्च करने में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड, उत्तर प्रदेश से बेहतर है।

बुंदेलखंड पैकेज के तहत पहले चरण में 7455 करोड़ और दूसरे चरण में 4400 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। चूंकि इस राशि की बड़ी राशि खर्च नहीं हो सकी है, ऐसे में बुंदेलखंड के सांसदों को यह चिंता सताने लगी है कि यह राशि वापस न हो जाए। हालांकि राशि को खर्च करने में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड, उत्तर प्रदेश से बेहतर है। इधर, सूत्रों का कहना है कि पैकेज की शर्तें सूखा राहत पैकेज की शर्तों के सामान है और यदि इनमें परिवर्तन नहीं किया गया तो इस राशि का उपयोग विकास के अन्य कार्यों में नहीं किया जा सकेगा। गौरतलब है कि पहले ही इस पैकेज की खामियां सामने आ चुकी है।

केंद्रीय योजना आयोग में बुंदेलखंड पैकेज के सीईओ जेएस सामरा ने भी स्वीकार किया कि जल्द ही बुंदेलखंड के सांसदों के समक्ष प्रजेंटेशन किया जाएगा। पैकेज के नियमों में परिवर्तन के सवाल पर उन्होंने कहा कि सांसदों के जो भी सुझाव आएंगे उन्हें लागू करने में कोई गुरेज नहीं है।

सांसदों की बैठक में बुंदेलखंड पैकेज के नियम बदले जाने पर भी चर्चा की जाएगी। इस पैकेज की काफी बड़ी राशि खर्च नहीं हो सकी है और इसके वापस जाने का खतरा मंडरा रहा है। यह प्रयास किए जाएंगे कि पैकेज की राशि किसी भी स्थिति में वापस न हो। - उमा भारती, केंद्रीय जल संसाधन मंत्री

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Post By: pankajbagwan
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