बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में पाइप पेयजल योजनाएं खराब

water crisis
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गर्मियों के शुरू होते ही बुन्देलखण्ड में पेयजल के लिए हाहाकार मचने लगता है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पानी की समस्या न हो इसके लिए फरवरी माह से ही तैयारियां शुरू हो गई थी। निर्देश दिए गए थे कि पाइप पेयजल योजनाओं को दुरुस्त कराते हुए सुचारू करा दिया जाए ताकि लोगों के घर पर शुद्ध पेयजल पहुंचे। लेकिन अभी भी जिले की 10 पाइप पेयजल योजनाएं खराब पड़ी हैं, अधिकांश के पाइप क्षतिग्रस्त है। 

जिसको लेकर स्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जाना है। लेकिन आदेश के बाद भी अभी तक किसी बीडीओ ने स्टीमेट नहीं दिया। जिस पर डीडीओ ने कड़ी चेतावनी कहा, जल्द दें अन्यथा कोताही पर कार्रवाई होगी। सरकार की मंशा है कि गर्मियों में लोगों को पेयजल की समस्या न हो और पानी हर हाल में मुहैया कराया जाए। जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से फरवरी माह में समीक्षा की गई थी। इसमें सामने आया था कि 93 परियोजनाएं चालू है और इसमें से 10 खराब पड़ी हुई है।

इसमें अलग अलग प्रकार की कमियां है और कुछ पाइप पेयजल में पाइप क्षतिग्रस्त होने के कारण भी दिक्कत है। जिसको लेकर डीडीओ उग्रसेन ने सभी बीडीओ को निर्देश दिए थे कि एक हफ्ते में स्थिति बता दें, जहां छोटी कमियां है वहां ग्राम पंचायत की निधि से काम कराए जाएं। जहां पाइप क्षतिग्रस्त है वहां का स्टीमेट दें। अब तक एक हफ्ते का समय भी बीत चुका है और अभी तक जिला विकास अधिकारी के पास किसी ने भी स्टीमेट नहीं भेजा है। जबकि जिले से शासन को स्टीमेट भेजा जाना है ताकि जल्द लोगों को पानी की व्यवस्था शुरू हो सके और उन्हें लाभ मिल सके।

पानी की न हो दिक्कत

जिला विकास अधिकारी ने कहा कि जिले में कई जगह पानी की दिक्कत है लेकिन वहां पर टैंकरों के द्वारा पानी को सप्लाई किया जा रहा है। जिले के 38 ग्रामीण क्षेत्रों में 72 टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई कराई जा रही है। टैंकरों के पर्याप्त सोर्स भी है और टैंकर भी है। इसी को लेकर डीडीओ ने सभी बीडीओ को निर्देश जारी कर दिए है कि तत्काल अपने क्षेत्रों में खराब पाइप पेयजल योजना की रिपोर्ट दें। स्टीमेट भी दें यदि कोताही बरती गई तो कड़ी कार्रवई की जाएगी। 

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