बुन्देलखंड: विफल हुई नरेगा,पलायन जारी

यू तो सरकार ने राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना ( नरेगा ) के तहत लोगो को १०० दिन के रोजगार का बदोबस्त किया है पर बुन्देलखंड में यह योजना सफल नही हो पा रही है इसलिए हजारो ग्रामीणों का पलायन प्रतिदिन जारी है। बुन्देलखंड एकीकृत पार्टी के संयोजक संजय पाण्डेय का मानना है कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के संचालन में प्रदेश सरकार और उसके कर्मचारी ही सबसे बड़ा रोड़ा बने हुये है।राज्य कर्मचारी फर्जी जॉब कार्ड बना योजना के पैसे का बंदरबांट कर रहे हैं। परन्तु फर्जी रिपोर्ट बना बना कर योजना की सफलता की बात की जा रही हैं।

महोबा जिले के विकासखंड कबरई का गांव पचपहरा ,मुख्यालय से पांच किमी दूर इस गांव में नरेगा का हाल बेहाल है। पिछले वित्तीय वर्ष में काम करने के बाद मजदूरी न मिलने से ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं। ग्राम प्रधान भी गांव की दशा के लिए ग्राम विकास अधिकारी को जिम्मेदार मानते हैं। ग्राम प्रधान अवधरानी राजपूत बताती है कि पिछले वित्तीय वर्ष में खेत तालाब में मजदूरी करने वाले दर्जनों मजदूरों का आज तक भुगतान नहीं मिल पाया। वह कहती हैं कि ग्राम विकास अधिकारी दयाराम निर्मल महीनों से गांव में नहीं आये। पंचायत भवन पिछले 8 माह से अधूरा पड़ा हुआ है। गांव के राजू कुशवाहा ने बताया कि पिछले वर्ष की मजदूरी में एक हजार रुपया अभी तक नहीं मिला। गांव के ही कालीप्रसाद अनुरागी व ममता यादव ने भी पिछले कार्य की मजदूरी न मिलने का दुखड़ा रोया।

ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी द्वारा फर्जी जॉब कार्ड बना योजना के पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है। प्रधान अवधरानी का आरोप है कि ग्राम विकास अधिकारी कोरी चेक में हस्ताक्षर बनाने का दबाव बना रहे थे। मना करने पर पंचायत में आया 9 लाख रुपया विकास कार्यो की राह देख रहा है। वह कहती है कि ग्रामीण पंचायत सचिव को ही नहीं जानते। महीनों से गांव में खुली बैठक का आयोजन नहीं किया गया। वह कहती है कि कई बार उच्चाधिकारियों से पंचायत अधिकारी को हटवाने की मांग कर चुकी है। मगर अधिकारियों से सांठगांठ होने के कारण आज तक कार्रवाई नहीं की गई। वह कहती है कि सचिव की मनमानी का विरोध करने पर अपनी पहुंच शासन स्तर पर बता धमकी देते है। जिसका सबूत पिछले वित्तीय वर्ष में आया 9 लाख रुपया अभी खर्च होना है। गांव के प्रमोद राजपूत व रामकुमार ने बताया कि मजदूरी का पिछला पैसा ही नहीं मिला तो आगे मजदूरी करने से क्या फायदा।ग्राम विकास अधिकारी दयाराम निर्मल कहते है कि सभी जरूरत मंदों को जॉब कार्ड दिलाया जा रहा है। ग्राम प्रधान अपने हिसाब से काम कराने के लिये अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। यही हाल बुन्देलखंड के हर गाँव का है । संजय पाण्डेय ने कहा कि बुन्देलखंड एकीकृत पार्टी नरेगा में हो रही धांधली को प्रमुख मुद्दा बनाकर बंदरबांट का खुला विरोध करते हुए जनांदोलन छेड़ेगी। कहा कि पार्टी मांग करेगी की बुंदेलखंड में १०० दिन का रोजगार नहीं बल्कि पूरे वर्ष के रोजगार की गारंटी हो.

Path Alias

/articles/baunadaelakhanda-vaiphala-haui-naraegaapalaayana-jaarai

Post By: admin
×