बोली लोखरि फूली काँस


बोली लोखरि फूली काँस।
अब नाहिंन बरखा कै आस।।


भावार्थ- यदि लोमड़ी बोलने लगे और कांस फूलने लगे तो समझ लेना चाहिए कि अब वर्षा की कोई आशा नहीं है।

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Post By: tridmin
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