नौ गाँवों का भ्रमण किया प्रमुख सचिव कृषि ने
हरनावदा और गोरवा को विशेष उपलब्धि वाला बताया
देवास टोंकखुर्द और सोनकच्छ ब्लॉक में बनाए बलराम, रेवा और खेत तालाबों को देखकर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव इंद्रनीलशंकर दाणी अभिभूत हो गए। उन्होंने दोनों ब्लॉकों के करीब नौ गांवों का निरीक्षण किया। वे विशेष रूप से इन तालबों को देखने के लिए सोमवार को देवास आए थे। दौरे को लेकर दाणी नेरेस्ट हाउस पर ‘पत्रिका’ से विशेष चर्चा की। दाणी ने बताया कि देवास जिले के सोनकच्छ और टोंकखुर्द ब्लॉक में बनाए गए बलराम तालाब, रेवा सागर और खेत तालाबों ने किसानों को काफी अच्छी स्थिति में ला दिया है। इनमें अभी भी पानी है। इससे किसानों को न केवल लाभ मिला है बल्कि क्षेत्र की भूजल स्तर भी बढ़ा है। यह भी देखने में आया है कि जिन क्षेत्रों में तालाबों का अच्छा सुपरविजन और तकनीकी रूप से देखभाल की जा रही है जिस तरह से देवास में यह योजना सफल रही है, लेकिन बुंदेलखंड में यह कानसेप्ट उपयोगी नहीं है।
दाणी ने बताया कि उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य तालाबों का निरीक्षण करने के साथ ही यह देखने भी था कि विभाग की योजनाओं का सही मायनों में क्रियान्वयन हो भी रहा है या नहीं। सभी गांवों में यह देखकर काफी प्रसन्नता हुई कि विभाग की योजनाओं के तहत कार्य बहुत अच्छे हो रहे हैं। मसलन सभी किसानों को कीटनाशक, बीज आदि समय पर मिल जाते हैं।
दाणी ने बताया कि हरनावदा और गोरवा ने उन्हें काफी प्रभावित किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ कलेक्टर सचिन सिन्हा भी थे। दाणी ने हरनावदा में भागीरथ कृषक रघुनाथसिंह पंवार और गोरवा में अन्य किसानों से चर्चा की। उन्होंने पाया कि बीज उत्पादक समिति द्वारा किसान पंवार को 500 क्विंटल बीज दिया गया था। इस बीज से उन्होंने 11 हजार क्विंटल बीज का उत्पादित कर लिया। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। दाणी ने पाया कि गोरवा में पानी के अभाव में किसान रबी की फसल नहीं लेते थे। तालाब बनने के बाद यहां के किसान न सिर्फ रबी की फसल ले रहे हैं बल्कि बिजली के अभाव ट्रैक्टर से जनरेटर चलाकर सिंचाई भी कर रहे हैं।
अभी तक जिले में 2200 बलराम तालाब बनाए जा चुके हैं। साथ ही इस बजट में 281 तालाब भी पूर्ण हो चुके हैं। अब 1000 बलराम तालाब बनाने की मांग की गई है। इस संबंध में दाणी ने बताया कि तालाब निर्माण के लिए राशि के बंदोबस्त पर विचार किया जा रहा है। अन्य किसी जिले में राशि का उपयोग नहीं हुआ हो तो उसका उपयोग भी किया जा सकता है।
कपिल धारा योजना के तहत बनाए जा रहे कुओं से सिंचाई के लिए साधन कैसे उपलब्ध कराए जाए इस योजना पर विचार किया जा रहा है। किस तरह से पानी का रकबा बढ़ सकता है इस पर भी काम हो रहा है। दाणी ने बताया कि देवास जिला प्रोग्रेसिव है साथ ही यहां के लोग भी सकारात्मक है जिले में फसल की स्थिति बेहतर है।
दाणी ने टोंकखर्द और सोनकच्छ क्षेत्र के तालोद, गढ़खजुरिया, रजापुर, जोलाय, नारायणा, छोटा मालसापुरा, गोरवा, हरनावदा और एक अन्य गांव का भ्रमण किया।
हरनावदा और गोरवा को विशेष उपलब्धि वाला बताया
देवास टोंकखुर्द और सोनकच्छ ब्लॉक में बनाए बलराम, रेवा और खेत तालाबों को देखकर कृषि विभाग के प्रमुख सचिव इंद्रनीलशंकर दाणी अभिभूत हो गए। उन्होंने दोनों ब्लॉकों के करीब नौ गांवों का निरीक्षण किया। वे विशेष रूप से इन तालबों को देखने के लिए सोमवार को देवास आए थे। दौरे को लेकर दाणी नेरेस्ट हाउस पर ‘पत्रिका’ से विशेष चर्चा की। दाणी ने बताया कि देवास जिले के सोनकच्छ और टोंकखुर्द ब्लॉक में बनाए गए बलराम तालाब, रेवा सागर और खेत तालाबों ने किसानों को काफी अच्छी स्थिति में ला दिया है। इनमें अभी भी पानी है। इससे किसानों को न केवल लाभ मिला है बल्कि क्षेत्र की भूजल स्तर भी बढ़ा है। यह भी देखने में आया है कि जिन क्षेत्रों में तालाबों का अच्छा सुपरविजन और तकनीकी रूप से देखभाल की जा रही है जिस तरह से देवास में यह योजना सफल रही है, लेकिन बुंदेलखंड में यह कानसेप्ट उपयोगी नहीं है।
वास्तविकता देखने आए थे
दाणी ने बताया कि उनके दौरे का मुख्य उद्देश्य तालाबों का निरीक्षण करने के साथ ही यह देखने भी था कि विभाग की योजनाओं का सही मायनों में क्रियान्वयन हो भी रहा है या नहीं। सभी गांवों में यह देखकर काफी प्रसन्नता हुई कि विभाग की योजनाओं के तहत कार्य बहुत अच्छे हो रहे हैं। मसलन सभी किसानों को कीटनाशक, बीज आदि समय पर मिल जाते हैं।
500 के 11 हजार
दाणी ने बताया कि हरनावदा और गोरवा ने उन्हें काफी प्रभावित किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ कलेक्टर सचिन सिन्हा भी थे। दाणी ने हरनावदा में भागीरथ कृषक रघुनाथसिंह पंवार और गोरवा में अन्य किसानों से चर्चा की। उन्होंने पाया कि बीज उत्पादक समिति द्वारा किसान पंवार को 500 क्विंटल बीज दिया गया था। इस बीज से उन्होंने 11 हजार क्विंटल बीज का उत्पादित कर लिया। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। दाणी ने पाया कि गोरवा में पानी के अभाव में किसान रबी की फसल नहीं लेते थे। तालाब बनने के बाद यहां के किसान न सिर्फ रबी की फसल ले रहे हैं बल्कि बिजली के अभाव ट्रैक्टर से जनरेटर चलाकर सिंचाई भी कर रहे हैं।
1000 बलराम तालाब की मांग
अभी तक जिले में 2200 बलराम तालाब बनाए जा चुके हैं। साथ ही इस बजट में 281 तालाब भी पूर्ण हो चुके हैं। अब 1000 बलराम तालाब बनाने की मांग की गई है। इस संबंध में दाणी ने बताया कि तालाब निर्माण के लिए राशि के बंदोबस्त पर विचार किया जा रहा है। अन्य किसी जिले में राशि का उपयोग नहीं हुआ हो तो उसका उपयोग भी किया जा सकता है।
यह योजना विचाराधीन है
कपिल धारा योजना के तहत बनाए जा रहे कुओं से सिंचाई के लिए साधन कैसे उपलब्ध कराए जाए इस योजना पर विचार किया जा रहा है। किस तरह से पानी का रकबा बढ़ सकता है इस पर भी काम हो रहा है। दाणी ने बताया कि देवास जिला प्रोग्रेसिव है साथ ही यहां के लोग भी सकारात्मक है जिले में फसल की स्थिति बेहतर है।
इन गांवों में पहुँचे
दाणी ने टोंकखर्द और सोनकच्छ क्षेत्र के तालोद, गढ़खजुरिया, रजापुर, जोलाय, नारायणा, छोटा मालसापुरा, गोरवा, हरनावदा और एक अन्य गांव का भ्रमण किया।
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