बिहार के कई इलाकों में पीने लायक पानी नहीं है। क्योंकि इनमें भारी मात्रा में यूरेनियम है कुछ दिन पहले ही केंद्रीय भूजल बोर्ड के द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों में इकट्ठा किए गए पानी के नमूनों का विश्लेषण किया गया जिसमें यह पाया गया कि जिस मात्रा में यूरेनियम पानी में होना चाहिए उससे कहीं अधिक मौजूद है।
विभाग के अनुसार पानी में यूरेनियम की सीमा 30 पीपीबी होनी चाहिए है। जबकि सीजीडब्ल्यूबी ने भूजल के नमूनों में करीब 40-50 पीपीबी की सीमा में यूरेनियम पाया गया है।
यूरेनियम की अधिकता से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा
अगर पानी मे तय मात्रा से अधिक यूरेनियम पाया जाता है तो उससे कई गंभीर बीमारी हो सकती है एक शोध के अनुसार पानी मे यूरेनियम के अधिक होने से हड्डियों और किडनी की बीमारी के साथ कैंसर की भी संभावना होती है।
बिहार के कई जिलों में पानी पीने लायक नही
सीजीडब्ल्यूबी के क्षेत्रीय निदेशक ठाकुर ब्रह्मानंद सिंह ने एक समाचार पत्र को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि बिहार के लगभग 10 जिले जिनमे नालंदा,कटिहार, नवादा,, मधेपुरा, वैशाली ,सुपौल, औरंगाबाद, गया, सारण और जहानाबाद शामिल है सभी के यहाँ से पानी के नमूने एकत्र कर लखनऊ केंद्र में भेजे गए है।
जहाँ इंडक्टिवली कपल्ड प्लाजमा मास स्पेक्ट्रोमेट्री ( आईसीपी-एस एस) तकनीक के माध्यम से विस्तृत जांच हो रही है । कुछ नमूनों के विश्लेषण से पहले ग्राउंड वाटर में यूरेनियम अधिकता की सूचना मिली है सभी नमूनों के विस्तृत जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समस्या को देखत हुए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और भारत विश्वविद्यालय सरक्षण के साथ एक जॉइंट स्टडी की जा रही है ताकि इस समस्या को जल्द से जल्द हर कर लिया जाए।
बिहार कई जिलों में यूरेनियम की मात्रा अधिक
2020 -2021 के दौरान सीजीडब्ल्यूबी ने देशभर से भूजल के कुल 14,377 नमूने लिए थे ताकि जुर्म की मौजूदगी के संबंध में जांच की जा सके उन्होंने बताया कि बिहार से करीब 64 नमूनों का विश्लेषण किया गया जिसमें पता लगा कि 11 नमूनों में भारी धातु की मात्रा तय समय सीमा से अधिक और प्रेदश के कई जिलों में यूरेनियम काफी अधिक है ।उनमे सारण, भभुआ, खगड़िया, मधेपुरा, नवादा, शेखपुरा, पूर्णिया, किशनगंज और बेगूसराय के भूजल में यूरेनियम की मात्रा ज्यादा है।
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