बाँधा बछड़ा जाय मठाय।
बैठा ज्वान जाय तुँदियाय।।
भावार्थ- यदि बछड़ा बराबर बँधा रहे तो वह सुस्त हो जाता है अर्थात् आलसी हो जाता है और जवान व्यक्ति बराबर बैठा रहे तो उसकी तोंद निकल आती है।
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