बैल मरकहा चमकुल जोय।
वा घर ओरहन नित उठि होय।।
भावार्थ- जिस किसान का बैल मारने वाला हो और स्त्री चटक-मटक वाली चंचलहो, उसे सदैव उलाहना मिलता है।
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