बाढ़ पूर्वानुमान एवं जल प्रबंधन में निर्णय समर्थक तंत्र की भूमिका

हमारे देश में जल वृष्टि एवं हिमपात के रूप में जल उपलब्ध होता है, किंतु यह समय और स्थान की भिन्नता के कारण एक ओर बाढ़ एवं दूसरी और सूखा की स्थिति उत्पन्न कर देता है। इससे बचने के लिये विभिन्न उपाय किये गये हैं किन्तु इस समस्या का सम्पुर्ण उन्मूलन नहीं हुआ है। वहीं दूसरी ओर विकास की प्रक्रिया में साधारणतः संसाधनों की मात्रा एवं गुणवत्ता दिन पर दिन क्षीण होती जाती है, जब तक कि प्राकृतिक अथवा कृत्रिम प्रक्रिया से उसका भरण पोषण न किया जाये।

जल विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे विकास का उपयोग कर कृत्रिम बुद्धिमत्ता युक्त निर्णय समर्थक तंत्र विभिन्न जलविज्ञानीय समस्याओं के निदान में एक सहायक के रूप में आज के संदर्भ में अपेक्षित है। जल संसाधन प्रबंधन निर्णय तंत्र (DSS) संगणक आधारित उच्च वैज्ञानिक सॉफ्टवेयर होता है जो कि जल संसाधन प्रबंधन में आवश्यक निर्णय लेने में सहायता प्रदान करता है। क्योंकि जलविज्ञान के क्षेत्र में कोई निर्णय लेना बहुत ही जटिल एवं कठिन समस्या है अतः निर्णय समर्थक तंत्र एक अति उपयोगी वैज्ञानिक यंत्र के रूप में आवश्यक है। जलविज्ञान के जटिल निर्णय समस्या का मुख्य कारण जल उपलब्धता, जल आवश्यकता तथा सामाजिक एवं वाणिज्यिक तंत्र के बीच जटिल सम्बंध तथा साथ ही विभिन्न जल समूहों का जल प्रयोग/उपयोग के प्रति विशेष उद्देश्य सम्मलित हैं।

जल संसाधन विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन में यह अभियांत्रिक तकनीक महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। धरेलू, औद्योगिक, मानव स्वास्थ्य, सिंचाई एवं निकासी आदि सभी के लिये जल की आवश्यकता है अतः निर्णय समर्थक तंत्र का उचित उपयोग कर विभिन्न आवश्यकताओं को प्राथमिकता के आधार पर वर्तमान एवं भविष्य में जल का आंवटन सूनिश्चित किया जा सकता है। इस प्रपत्र में निर्णय समर्थक तंत्र के विभिन्न घटको का विस्तार में वर्णन कर बाढ़ पुर्वानुमान एवं जल प्रबंधन क्षेत्र में इसकी भूमिका का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है।

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