बादल ऊपर क्यों लटका

जल से बादल बनता
जल से बादल बनता
संदर्भ के अंक 17 में बच्चों द्वारा पूछे गए बादलों से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे हैं इस बार।
सवाल : जब पानी को गर्म करते हैं, और पानी वाष्प बनकर ऊपर जाकर बादलों का रूप धारण कर लेता है तो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से वह नीचे क्यों नहीं खिंचता? बादल ऊपर ही क्यों रहता है?

जवाब : जब हम पानी को किसी बर्तन में गर्म करते हैं तो उस के आस-पास हवा की धारा कुछ इस तरह बहती है। गर्म हवा का घनत्व ठंडी हवा से कम होता है। अत: गर्म हवा ऊपर की ओर उठती है और आस-पास की ठंडी हवा उसका स्थान लेती है।

पानी को गर्म करने से जो वाष्प बनती है वह एक तो हल्की (कम घनत्व वाली) होती है और गर्म भी। अत: वह गर्म हवा के बहाव के साथ ऊपर उठती है।

यही प्रक्रिया समुद्र, झीलों और नदियों के साथ भी होती है। यहाँ ऊष्मा का मुख्य स्रोत सूर्य है।

पर पृथ्वी का वायुमंडल पारदर्शी होने के कारण सूर्य की किरणें हवा को गर्म किए बगैर पृथ्वी की सतह पर आ पहुँचती हैं और उसे तपाती हैं। अत: दिन में गर्म हवा का ऊपर की ओर निरंतर बहाव रहता है। किसी भी जलाशय के पास ऊपर की ओर बहने वाली गर्म हवा अपने में नमी अर्थात जलवाष्प समेट लेती है।

बादल कैसे बनते हैं? इसमें दो मुख्य बातें हैं। पहली बात यह, कि हवा में जलवाष्प की एक खास मात्रा ही समा सकती है। यह सीमा तापमान पर निर्भर करती है। गर्म हवा में ज्यादा और ठंडी हवा में कम जलवाष्प समा सकती है। अब गर्म, नम हवा को अगर ठंडा किया जाए, तो उसमें समायी हुई जलवाष्प पानी की बूँदों में तब्दील होने लगती है। इस क्रिया को संघनन कहते हैं। संघनन से बनने वाली पानी की बूँदें कभी बादल तो कभी कोहरे का रूप लेती हैं। रात को जब जमीन ठंडी हो जाती है तो उसके संपर्क में आने वाली हवा भी ठंडी हो जाती है। यदि उसमें जलवाष्प की मात्रा अधिक हो तो संघनित पानी ओस के रूप में दिखाई देता है।

ओस या कोहरे में और बादल में मुख्य अंतर है बादलों की ऊँचाई। इसमें एक दूसरी बात आ जाती है। जैसे-जैसे हम वायुमंडल में ऊपर की ओर उठते हैं, तापमान घटता जाता है। यानि हवा की ऊपर की परतें ठंडी होती हैं, नीचे वाली परतों की तुलना में। समुद्र और दूसरे बड़े जलाश्यों से उठने वाली गर्म नम हवा जैसे-जैसे ऊपर की उठती है, वह ठंडी परतों के संपर्क में आती है। इससे उसका तापमान गिरने लगता है। एक समय ऐसा आता है जब उसमें मौजूद जलवाष्प उसमें समा नहीं सकती।

इस संघनन में हवा में स्थित धूल के कण मदद करते हैं। संघनित पानी की बूँदों को हम बादलों के रूप में देखते हैं।

पृथ्वी की सतह से ऊँचाई के अनुसार बादलों को निचले, मध्यम और ऊँचे बादलों में बाँटा जा सकता है। निचले बादल एक कि.मी. से भी कम ऊँचाई पर होते हैं। कभी-कभी तो ये धरती को छूने लगते हैं- अर्थात इन्हें कोहरे का परिवर्तित रूप माना जा सकता है। अधिक धूलकणों की मौजूदगी के कारण ये प्राय: काले नजर आते हैं। मध्यम ऊँचाई के बादल अधिकतर 1-3 किलोमीटर की ऊँचाई पर होते हैं। जबकि ऊँचे बादल अक्सर 4 किलोमीटर से अधिक ऊँचाई पर होते हैं। ये ऊँचे बादल पानी के नहीं बल्कि बर्फ के रवों के बने होते हैं, क्योंकि इतनी ऊँचाई पर तापमान शून्य से कहीं कम होता है। कुछ बादल ऐसे भी होते हैं जिनका निचला भाग एक किलोमीटर से कम ऊँचाई पर रहता है, जबकि उनका शिखर 10 किलोमीटर से भी अधिक ऊँचाई को छूता है। ये प्रचंड बादल अक्सर गरज के साथ तेज बारिश लाते हैं।

अब प्रश्न यह है कि बादलों में स्थित पानी की बूँदों पर (या बर्फ के रवों पर) गुरुत्व बल लगता है कि नहीं। अवश्य लगता है। और इसके कारण ये बूँदे नीचे की ओर गिरती हैं। इनके गिरने की प्रवृत्ति का विरोध करती है हवा। अगर हवा स्थिर हो और उस समय पानी की बूँद नीचे गिर रही हो, तो उसमें उत्पन्न श्यान बल (विस्कोसिटी) के कारण बूँद के गिरने का अंतिम वेग बहुत कम होता है। बूँद जितनी छोटी, उसका अंतिम वेग उतना ही कम होता है।

उदाहरणतः 0.02 मिली मीटर व्यास की बूँद का अंतिम वेग लगभग 3 मि.मी. प्रति सेकेंड होता है। जबकि 0.1 मि. मी. व्यास की बूँद का अंतिम वेग लगभग 10 सें. मी. प्रति सेकेंड होता है।

बादल के रंगबादल के रंग यहाँ हमने हवा को स्थिर माना है। परंतु हवा स्थिर नहीं होती है, बल्कि बादलों में और उनके नीचे हवा का ऊपर की ओर बहाव रहता है। छोटे बादलों में हवा का वेग औसतन 3-4 सें.मी. प्रति सेकेंड होता है जबकि बड़े गरज वाले बादलों में यह वेग 10 मीटर प्रति सेकेंड तक हो सकता है। हवा का यह बहाव बादलों से पानी की छोटी बूँदों को गिरने नहीं देता। कुछ बूँदें ऐसी होती हैं जिनका अंतिम वेग हवा के उर्ध्वगामी वेग से ज्यादा होता है। अत: ये हवा के विरोध के बावजूद नीचे की ओर चल पड़ती हैं। आगे क्या होता है यह निर्भर करता है बूँद के व्यास पर और हवा की नमी पर। अगर बूँद छोटी हो और नीचे हवा में नमी कम हो तो वह पृथ्वी की सतह पर पहुँचने से पहले - कहीं तो कुछ मीटर की दूरी तय करते ही - वाष्पीकृत हो जाएगी। यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि नीचे का तापमान बादल के तापमान से अधिक होता है। कुछ बादलों के साथ ऐसा ही होता है - वे वाष्प से बनते हैं और वाष्प में लीन हो जाते हैं।

लेकिन अगर हवा का वेग बूँदों को रोकने के लिये काफी न हो, और वाष्पीकरण की प्रक्रिया बूँद को पूरी तरह गुल न कर पाए तो? . . . . चिंता किस बात की, यही तो है वह जीवनदायिनी धारा, जिसका हम गर्मी के दिनों में बेताबी से इंतजार करते हैं! जी हाँ, गुरुत्व बल के कारण नीचे गिर कर पृथ्वी की सतह तक पहुँचने वाली ये बूँदे ही बारिश कहलाती हैं। बादल को बरखा में अंजाम देने वाला बल गुरुत्वाकर्षण ही है।

सवाल: शाम के समय बादलों के रंग अलग-अलग कैसे हो जाते हैं?

जवाब: पहला सवाल तो यही है कि आखिर बादलों का रंग अक्सर सफेद क्यों होता है- और कभी-कभी एकदम घना काला। इसका जवाब वैसे तो आसान सा है कि बादल इतने हल्के-फुल्के होते हैं कि बहुत ही कम प्रकाश सोखते हैं और प्रकाश के समस्त रंगों को बराबर-बराबर बिखेर देते हैं। इसलिये उनका रंग सफेद ही तो होगा न।

यह सही है कि अगर बादल की किसी एक छोटी सी बूँद की बात करें तो कुछ विशेष दिशाओं से देखने पर उसमें रंग नजर आएँगे। परंतु बादलों में पानी की बूँदे बहुत ही छोटी होती है और वे सब भी बहुत अलग-अलग साइज की होती हैं इसलिये कुल मिलाकर बादल में से टकराकर निकलने वाले प्रकाश में सब रंग तकरीबन बराबर रूप में मौजूद रहते हैं और इसीलिये बादल झक्क सफेद दिखता है।

जब भी बादल काला दिखता है तो उसके प्रमुखत: दो कारण होते हैं।

अगर बादल की मोटाई बहुत ही ज्यादा हो और सूर्य बादल के पीछे की तरफ हो तो प्रकाश इतने मोटे बादल में से छनकर नहीं आ पाता या कम मात्रा में आता है - ऐसी स्थिति में बादल गहरा काला या मटमैला दिखता है।

विशाल बादल सफेद तभी दिखेगा अगर उस पर सामने से प्रकाश पड़ रहा हो। परंतु ऐसी स्थिति में भी अगर वह किसी दूसरे बादल की परछाई में आ जाता है तो काला ही दिखेगा।

इसका अर्थ यह हुआ कि बादल सफेद हो या काला (आगे चल कर बात करेंगे चाहे लाल हो, पीला या अन्य किसी भी रंग का) उन सब में पानी की बूँदे तो एक सी ही होती हैं - ऐसा नहीं कि काले बादल मटमैली बूँदों से बने हों। अंतर सिर्फ इस बात का पड़ता है कि बादल में से प्रकाश निकल पा रहा है कि नहीं या बादल पर सामने से रोशनी पड़ रही है अथवा नहीं।

इसीलिये अक्सर घने विशाल बादलों के किनारे सफेद चमकती हुई दिखती है - अगर सूर्य उनके पीछे हो, क्योंकि किनारे पर बादल इतना घना नहीं होता और रोशनी उसमें से गुजर कर एक चमकती हुई किनारा बना देती है।

अब असली सवाल पर आ जाते हैं जो इस बात से जुड़ा है कि आखिर शाम के समय (या सुबह के समय) सूर्य के प्रकाश का रंग क्यों बदल जाता है। इसका जवाब आसमान के नीले रंग से जुड़ा है।

सूर्य की रोशनी में लाल से लेकर बैंगनी तक अलग-अलग रंगों की किरणें होती हैं। ये किरणें हवा के अणुओं से टकरा कर बिखर जाती हैं (जिसे अक्सर 'स्केटरिंग' कहते हैं)। इनमें बैंगनी और नीले रंग की किरणों की तरंग की लंबाई कम होती है और ये सबसे ज्यादा बिखरती हैं। फलस्वरूप आसमान नीला दिखाई देता है।

हवा में मौजूद कण किरणों को बिखराने के साथ-साथ उन्हें सोख भी लेते हैं। परंतु दोपहर में सूर्य की रोशनी इतनी तेज होती है कि काफी मात्रा में नीली बैंगनी किरणें निकल जाने पर भी ज्यादा अंतर नहीं पड़ता।

परंतु शाम को सूर्य की किरणें वायुमंडल के अंदर काफी ज्यादा दूरी तय करती है। इससे स्केटरिंग भी ज्यादा होती है और इसलिये ज्यादातर नीली बैंगनी किरणें वातावरण के कणों द्वारा सोख ली जाती हैं। ज्यादा मात्रा में नीली बैंगनी किरणों के निकल जाने से सूर्य की रोशनी में लाल या नारंगी रंग का पलड़ा भारी हो जाता है। अत: सूर्योदय या सूर्यास्त के समय सूर्य लाल गोले की तरह दिखाई देता है।

अब बादलों का रंग बदलना स्वाभाविक लगता है। लाल नारंगी किरणों को परावर्तित करने वाले बादल उसी रंग के दिखते हैं। या फिर बादल घने न हों और उनमें से रंगीन प्रकाश छनकर आ रहा हो तो भी वे रंगीन दिखेंगे। है ना आसान सी बात।

कुछ ऐसी बातें हैं जो इस सीधे जवाब को थोड़ा जटिल कर देती हैं। बादल से टकराने से पहले किरणों ने वायुमंडल में कितनी दूरी तय की है? और इस पर भी कि बादल से टकराने के बाद हम तक पहुँचने के लिये किरणों को कितनी दूरी तय करनी पड़ती है। ये दोनों बातें निर्भर करती हैं बादल की ऊँचाई पर, क्षितिज से उसकी दूरी पर और सूर्य की अवस्थिति पर (यानी कि क्षितिज से कितना ऊपर है वह उस समय); जो बादल पहले सफेद दिख रहा था, वही सूर्य के थोड़ा नीचे जाते ही पीला दिखने लगता है। अगर बादल सूर्य की तरफ पश्चिमी दिशा में है, तो उसमें से होकर भी कुछ प्रकाश गुजरता है। इस स्थिति में बादल का रंग कारण इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कितना घना है और उसकी मोटाई कितनी है। मौका मिले तो इस बारे में फिर बात करेंगे। परंतु संदर्भ के इस अंग का मुख-पृष्ठ देख कर आप यह तो अहसास कर ही सकते हैं कि एक जैसी बूँदों से बने हुए बादल कितने रंग दिखा सकते हैं!

TAGS

what is cloud technology in hindi, cloud computing services in hindi, what is cloud computing with example in hindi, cloud wiki in hindi, cloud computing wiki in hindi, what is cloud computing in simple terms in hindi, cloud google in hindi, types of cloud computing in hindi, How can I access my cloud? in hindi, What does in the cloud mean? in hindi, What exactly is the cloud? in hindi, Whats is a cloud? in hindi, Is hot water good for you? in hindi, What are the benefits of warm water? in hindi, What is the benefit of drinking warm water? in hindi, How much hot water should I drink a day? in hindi, benefits of drinking hot water for skin in hindi, benefits of drinking hot water whole day in hindi, effects of drinking hot water daily in hindi, drinking hot water before sleep in hindi, effects of hot water in hindi, how much hot water should i drink a day in hindi, benefits of drinking hot water with honey in hindi, hot water heater in hindi, Is it dangerous to vape? in hindi, What are the side effects of vaping? in hindi, What is a vapor? in hindi, What is popcorn lung from vaping? in hindi, vapor smoke in hindi, vapor examples in hindi, vapor swift in hindi, vapor definition science in hindi, water vapor in hindi, vapor synonym in hindi, vapor store in hindi, vapor watch in hindi, drops design yarn in hindi, drops design baby in hindi, drops design knitting patterns in hindi, drops language in hindi, drops design crochet in hindi, drops design poncho in hindi, drops knitting patterns for babies in hindi, drops meaning in hindi, hot air meaning in hindi, hot air movie in hindi, hot air balloon in hindi, hot air bias in hindi, hot aire in hindi, hot air saying in hindi, hot air slang in hindi, more than hot air in hindi, Why does cold air hold less moisture? in hindi, Does warm or cold air hold more moisture? in hindi, Is cold air always dry? in hindi, Why is humidity less in cold air? in hindi, does warm air hold more moisture than cold air in hindi, warm air can hold more water vapor than cold air true or false in hindi, which kind of air can contain more moisture cold or warm in hindi, why can't cold air hold much water vapor quizlet in hindi, warm air can hold more water vapor than cold air quizlet in hindi, why cold air is dry in hindi, what happens to the water vapor in the air when it cools at high altitudes in hindi, why cold air hold less moisture in hindi, Are dust particles harmful? in hindi, What percentage of dust is human skin? in hindi, How do you get rid of dust particles in the air? in hindi, What is dust made up of? in hindi, dust particles effect in hindi, dust particles footage in hindi, dust particles png in hindi, dust particles overlay in hindi, dust particles crossword in hindi, dust particles after effects in hindi, dust particles in air in hindi, dust particles texture in hindi, What rain symbolizes? in hindi, Is it good luck when it rains? in hindi, What happens when it rains? in hindi, What is rain an example of? in hindi, rain wikipedia in hindi, rain sound in hindi, rain youtube in hindi, rain website in hindi, rain korean in hindi, rain synonyms in hindi, rain quotes in hindi, rain singer in hindi, Why are the clouds different colors? in hindi, What does it mean when the clouds are orange? in hindi, Can clouds be blue? in hindi, Why do clouds turn orange? in hindi, cloud color code in hindi, what is the true color of clouds in hindi, what causes blue clouds in hindi, cloud color paint in hindi, cloud color hex in hindi, the colour of clouds blog in hindi, cloud color palette in hindi, why are clouds white in hindi, What is sunlight used for? in hindi, What wavelength is sunlight? in hindi, What is in the sunlight? in hindi, How do we get sunlight? in hindi, sunlight wavelength in hindi, uses of sunlight in hindi, sunlight spectrum in hindi, what is sunlight made of in hindi, sunlight company in hindi, sunlight definition in hindi, sunlight movie in hindi, sunlight detergent in hindi, What is the difference between scattering and reflection? in hindi, What is the scattering of light? in hindi, What do you mean by scattering? in hindi, What are the three types of scattering? in hindi, types of scattering in hindi, light scattering theory in hindi, non selective scattering in hindi, scattering of light depends on in hindi, scattering examples in hindi, mie scattering in hindi, rayleigh scattering in hindi, scattering physics in hindi


Path Alias

/articles/baadala-upara-kayaon-latakaa

Post By: editorial
×