अटल भूजल योजनाः 6 हजार करोड़ होंगे खर्च जल संकट से उबरने को

अटल भूजल योजना
अटल भूजल योजना

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पिछले साल अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया गया। भारत जैसे विशाल आबादी वाले देश के लिए पानी का संकट सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़ा है। खेती के लिए हम ज्यादातर बारिश पर निर्भर रहते है। वही अपने इस्तेमाल के लिये भूजल पर निर्भर रहते है। पिछले कई दशकों से भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है। जिसे दुरस्त करने के लिए साल 2019 में केंद्र सरकार अटल भूजल योजना लेकर आई थी। इस योजना का मकसद 7 राज्यों राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश मे भूजल में सुधार लाना है।

देश मे लगभग 23 प्रतिशत ब्लॉक ऐसे जहां ग्राउंड वाटर लेवल क्रिटिकली ओवरएक्सप्लोइटेड की स्थिति में है। क्लाइमेट चेंज और जनसंख्या वृद्धि ने चुनौती को गहरा किया है।

भूजल का गिरता स्तर भविष्य भारी जल संकट की वजह बनेगा इसका असर ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों पर पड़ेगा। 7 प्रदेशों के 78 जिलों के 8 हज़ार से अधिक गांवों में ये योजना काम करेगी।

5 साल में इस योजना पर 6 हज़ार करोड़ रूपए ख़र्च किये जायेंगे। जिसमें 50 प्रतिशत विश्व बैंक लोन देगा और 50 प्रतिशत की बजटीय सहायता केंद्र सरकार देगी। राज्यों को केंद्रीय मदद अनुदान के रूप में दी जायेगी। इस राज्यों को वितीय बोझ नहीं पड़ेगा। आईये जानते हैं कैसे काम करेगी यह योजना-

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