अतिक्रमण के शिकार हैं राजधानी के 169 जलाशय

लेक्स एंड अदर वाटर बॉडीज अथॉरिटी ने दिल्ली सरकार को दिया पुर्नसंरक्षण और विकास का निर्देश

हेली रोड स्थित अग्रसेन की सीढ़ीदार बावड़ीदिल्ली की 169 वाटर बॉडीज (जलाशयों-बावड़ियों) पर अतिक्रमण हो चुका है। इनमें सर्वाधिक 49 अतिक्रमण की शिकायतें उत्तरी क्षेत्र में पाई गई हैं। वैसे दिल्ली की 911 जलाशयों में से अधिकांश अतिक्रमण, अवैध निर्माण के अलावा सीवर के पानी का अड्डा बन चुकी हैं। इसके अलावा कई जलाशय सूख चुके हैं। इनकी वर्तमान स्थिति को देखते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत गठित 'लेक्स एंड अदर वाटर बॉडीज अथॉरिटी' ने दिल्ली सरकार को इन्हें पुर्नसंरक्षण और विकास के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली के 10 जिलों में से सर्वाधिक 266 जलाशय हैं। यहां पर 35 जलाशयों पर अतिक्रमण है। इसके अलावा उत्तरी क्षेत्र में 156 जलाशय हैं, लेकिन इनमें से 49 जलाशयों पर अतिक्रमण, 12 जलाशय में सीवर का गंदा पानी और 3 जलाशय में अवैध निर्माण किया गया है।

दक्षिणी दिल्ली में 30 जलाशयों पर अतिक्रमण, दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली में 35 जलाशयों पर अतिक्रमण और उत्तरी-पश्चिमी जोन में 17 जलाशय अतिक्रमण का शिकार हैं। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में स्थित दर्जनों जलाशयों पर अतिक्रमण किया गया है। जल विशेषज्ञ एवं यमुना जीए अभियान के संयोजक मनोज मिश्रा का कहना है कि यदि दिल्ली को एक महानगर के तौर पर लंबे समय तक सर्वाइव करना है तो इसे यमुना सहित यहां के जलाशयों को भी जीवित रखना जरूरी है। ये जलाशय पानी के स्रोत के अलावा शहरी बाढ़ जैसी आपदा से बचाने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हैं। अथॉरिटी का यह आदेश काफी सराहनीय है। अब इस पर दिल्ली सरकार को आवश्यक कदम उठाना है।

कुल जलाशय 911


अतिक्रमण 169
गंदे पानी युक्त जलाशय 93
अवैध निर्माण 36

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