आसाढ़ी पूनो दिना, बादर भीनो चन्द।
सो भड्डर जोसी कहै सकल नराँ आनन्द।।
शब्दार्थ – भीनो – छिपा हुआ। नरा – आदमी।
भावार्थ – यदि आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा बादलों में छिपा हो तो भड्डर ज्योतिषी कहते हैं कि पानी खूब बरसेगा जिससे फसलों को लाभ मिलेगा और लोग आनन्द का अनुभव करेंगे।
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