अरबी घोड़े पर सवार

अरबी घोड़े पर सवार
जैसे कोई राजकुमार
नदी में डाल गया हो अपना यौवन
और वह हो गई हो निहाल
ऐसा है उसका यौवन
जो नगर में आज नाची
और कुहकी-
हाथों में भरे मदिरा
और हाथ में लिए कटार!

‘फूल नहीं रंग बोलते हैं’ से संकलित

Path Alias

/articles/arabai-ghaodae-para-savaara

Post By: admin
×