अपनी तो बस तिलक होली

इस बार डीबी जल स्टार अवार्ड भी


होली के अवसर पर दो वर्ष पूर्व जल सत्याग्रह अभियान में दैनिक भास्कर ने एक आग्रह जोड़ा था-तिलक होली का। जल जागरण के लिए संवेदनशील करोड़ों पाठकों ने इसे अपनाया और दोनों वर्ष तिलक होली खेलकर एक छोटे से आह्वान को बड़े जन अभियान का रूप दे दिया। अब फिर जीवन में रंग-राग, प्रेम और सौहार्द का संदेश लिए होली का पर्व आ गया है। स्वभावत: हम सभी होली की मस्ती में डूबेंगे। विश्वास है इस बार भी पर्व के उत्साह के साथ-साथ प्रकृति और पानी के प्रति जिम्मेदारी का भाव होगा। वजह- पानी की कमी लगातार बनी हुई है और घटते जल भंडारों की चिंता समय के साथ गहराती जा रही है। हालांकि इस वर्ष देश के अधिकांश इलाकों में मानसून मेहरबान रहा है। लेकिन उपलब्ध जलभंडार हमारी जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसका सीधा सा अर्थ है- जलसंकट की तात्कालिक और दीर्घकालिक चुनौती बनी हुई है।

पानी का संरक्षण और जिम्मेदारीपूर्ण बचत ही इसकी मांग और उपलब्धता के अंतर को पाट सकती है। तिलक होली ऐसी ही एक कोशिश है। जिसमें पर्व की पूरी गरिमा के साथ पानी का अपव्यय रोकने की भावना निहित है। दैनिक भास्कर के पाठकों ने तिलक होली के आह्वान पर यह अनुभव किया कि इसे अपनाकर एक दिन में करोड़ों लीटर पानी बचाया जा सकता है। अब इस अभियान को और व्यापक स्वरूप देने की आवश्यकता है। आग्रह है कि लोग एक-दूसरे को इसका मर्म जरूर बताएं, कि अबीर-गुलाल, चंदन-कुमकुम का एक छोटा सा तिलक होली के बड़े अर्थ को अभिव्यक्त करने में समर्थ है। सभी इस अभियान से जुडेंगे और जितने अधिक से अधिक लोगों को जोड़ेंगे उतनी ही पानी की बचत होगी। आने वाली पीढ़ी के लिए हम इस होली पर इससे सुंदर और कीमती उपहार भला क्या दे सकते हैं, जब उन्हें जल-भंडारों के रूप में जीवन के स्रोत बतौर धरोहर सौंपेंगे। इस वर्ष जल संरक्षण के लिए राज्य स्तर पर ‘डीबी जल स्टार’ सम्मान देने की शुरुआत भी की जा रही है। इसका उद्देश्य पानी की बचत को बढ़ावा देते हुए इस कार्य में जुटे लोगों, समूह, संस्थाओं को रेखांकित कर समाज के सामने लाना है। ताकि समाज उनसे प्रेरित हो और इस अहम कार्य में अपनी भूमिका के लिए उत्साहित हो सके।

होली की शुभकामनाओं सहित

रमेशचंद्र अग्रवाल
चेयरमैन, भास्कर समूह


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