कलेक्ट्रेट सभागार में रविवार को मप्र आदिवासी विकास आयुक्त ने किसानों को पानी की उपयोगिता बताते हुए अपना तालाब बनाने को प्रेरित किया।
रविवार को म.प्र. आदिवासी विकास के आयुक्त उमाकांत उमराव ने कलेक्ट्रेट सभागार में पानी मौजूदा स्थिति और लेयरों को समझाते हुए किसानों पूछा कि क्या वास्तव में वह अपने बच्चों से प्यार करते हैं, अगर प्यार करते हैं तो फिर पानी बचाने का हर संभव प्रयास करें। उन्होंने बताया कि देवास में तो पानी रेल से पीने के लिए आता था और आज की स्थिति में वहां पर अपने पानी से किसान तीन-तीन फसले साल में ले रहा हैं। कहा कि वास्तव में पानी को खर्च करना व बचाना बड़ी कला उसे बचाना है। जब पानी को बचाने के प्रारंभ कर दिए हैं तो फिर आगे बढ़िए और पूरे जिले को पानी पानी कर दीजिए। ताकि आने वाले पीढ़ियों को सुरक्षित तौर पर पानी मिले और वह भी पानी को संरक्षित करने का काम करी रहे।
इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि पानी एक ऐसी आवश्यकता है, जिसके बगैर मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अपना पानी बनाने के लिए किसानों को प्रेरित करने के साथ ही खुद का तालाब खोदने के लिए हर संभव मदद दी जा रही है। आने वाले समय में यहां पर भारी मात्रा में तालाब बनेंगे, जो टिकाऊ पानी का श्रोत होंगे। इस दौरान अपर जिलाधिकारी एके द्विवेदी, मुख्य विकास अधिकारी,इंडिया वाटर पोर्टल के सिराज केसर,ग्राम स्वराज्य प्रहरी संस्थान के पुष्पेन्द्र भाई, कृषि निदेशक जीसी कटियार, समाजसेवीशिव कुमार गोस्वामी सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
रविवार को म.प्र. आदिवासी विकास के आयुक्त उमाकांत उमराव ने कलेक्ट्रेट सभागार में पानी मौजूदा स्थिति और लेयरों को समझाते हुए किसानों पूछा कि क्या वास्तव में वह अपने बच्चों से प्यार करते हैं, अगर प्यार करते हैं तो फिर पानी बचाने का हर संभव प्रयास करें। उन्होंने बताया कि देवास में तो पानी रेल से पीने के लिए आता था और आज की स्थिति में वहां पर अपने पानी से किसान तीन-तीन फसले साल में ले रहा हैं। कहा कि वास्तव में पानी को खर्च करना व बचाना बड़ी कला उसे बचाना है। जब पानी को बचाने के प्रारंभ कर दिए हैं तो फिर आगे बढ़िए और पूरे जिले को पानी पानी कर दीजिए। ताकि आने वाले पीढ़ियों को सुरक्षित तौर पर पानी मिले और वह भी पानी को संरक्षित करने का काम करी रहे।
इस दौरान जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने कहा कि पानी एक ऐसी आवश्यकता है, जिसके बगैर मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अपना पानी बनाने के लिए किसानों को प्रेरित करने के साथ ही खुद का तालाब खोदने के लिए हर संभव मदद दी जा रही है। आने वाले समय में यहां पर भारी मात्रा में तालाब बनेंगे, जो टिकाऊ पानी का श्रोत होंगे। इस दौरान अपर जिलाधिकारी एके द्विवेदी, मुख्य विकास अधिकारी,इंडिया वाटर पोर्टल के सिराज केसर,ग्राम स्वराज्य प्रहरी संस्थान के पुष्पेन्द्र भाई, कृषि निदेशक जीसी कटियार, समाजसेवीशिव कुमार गोस्वामी सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
Path Alias
/articles/apanaa-taalaaba-banaanae-kao-kaiyaa-paraeraita
Post By: Hindi