अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों ने देखे तालाब

तालाब निर्माण से बदली तस्वीर को देखा


जलाभिषेक अभियान के तहत जिले में बनाए गए बलराम और रेवासागर तालाबों का अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों के दल ने अवलोकन किया।

इंटरनेशनल जर्नलिस्ट इंग्लैंड यूरोपियन प्रेस फेडरेशन के विवेक व नाइट, शेड मीडिया प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध संचालक एके प्रभात रंजन ने कलमा, चिड़ावदा, टोंककलां, हरनावदा, निपानिया, टोंकखुर्द, गोरवा, पाड़लिया व आगरोद में किसानों द्वारा खेतों में बनाए तालाबों का अवलोकन किया।

उनका उद्देश्य देवास जिले में जलसंवर्धन के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के माध्यम से सोशियल डेवलपमेंट ऑन ग्राउंड पर इंटरनेशनल रिपोर्टिंग करना है। भ्रमण के दौरान सहायक संचालक कृषि डॉ. मोहम्मद अब्बास, जिला पंचायत के हरिसिंह जाट सांथ थे। पत्रकारों ने किसानों से चर्चा कर तालाबों से होने वाले लाभ की जानकारी प्राप्त की। किसानों ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व क्षेत्र में रबी की फसल बहुत कम ली जाती थी। केवल मावठा होने पर ही किसान रबी में एक या दो सिंचाई वाली फसल की बोवनी करते थे। गहरे ट्यूबवेल के पानी से सिंचाई करने से भूमि क्षारीय एवं खराब हो रही थी। क्षेत्र के किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी। वर्ष 2006-07 में जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों द्वारा किसानों को अपने खेतों में तालाब बनाने के लिए प्रेरित कर प्रशिक्षण दिया गया। इन तालाबों को मां नर्मदा के नाम रेवासागर व तालाब बनाने वाले किसानों को भागीरथ किसान के नाम से संबोधित किया गया। उस संचालक कृषि विजय अग्रवाल ने बताया कि जिले में गत पांच वर्षों से अभी तक करीब तीन हजार से अधिक बलराम तालाब तथा रेवासागर एवं अन्य जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इससे बीस हजार हेक्टेयर क्षेत्र में रबी का अतिरिक्त सिंचित रकबा बढ़ा। जिले में उत्पादित डॉलर चना विदेशों में निर्यात किया जा रहा है। किसानों के आर्थिक एवं सामाजिक स्तर में सुधार हुआ।

किसानों के बच्चे शहरों के अच्छे स्कूलों में अध्ययन कर रहे हैं जिले के किसान बिजली पर निर्भर नहीं होकर कृषि विभाग की योजनाओं से एवं निजी स्तर से डीजल इंजन क्रय कर सिंचाई कर रहे हैं। उन्नत तकनीकी खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। पर्यावरण की दृष्टि से यहां विदेशी पक्षी साइबेरियन, बतख, हिरणों के झुंड एवं अन्य जानवर गर्मी में तालाबों से अपनी प्यास बुझाते हैं।

इस दौरान कृषि विकास अधिकारी जयसिंह तोमर, सर्वेयर आबिद अली के अलावा हुकूमसिंह राजपूत, प्रेमसिंह गविचा, देवेंद्र सिंह खिंची,दिलीपसिंह पवार, इंदरसिंह चावड़ा, रघुनाथसिंह तोमर, महावीरसिंह चावड़ा, रणछोड़ पटेल, विक्रमसिंह पटेल उपस्थित थे।

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