आंध्र प्रदेश में जीएचएमसी, विजयवाडा और विशाखापत्तनम को छोड़कर वहाँ की 121 नगर पालिकाओं और शहरी स्थानीय निकायों में से केवल 24 में लोगों को रोजाना प्रति व्यक्ति 100 लीटर से अधिक पानी मिल रहा है। पानी की आपूर्ति का आदर्श स्तर 150 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन है, इसमें 100 लीटर पीने, पाक कला, नहाने और कपड़े धोने के लिए और 50 शौचालय आदि उपयोग के लिए।
अगर हम 135-150 लीटर की रेंज लें तो इससे ऊपर सिर्फ राजामुंदरी (181), नरसारॉवपेट (140) और तिरुपति (135) में आपूर्ति हो रही है, जबकि कुड्डापाह (132) और निजामाबाद (131) इस सीमा के काफी नजदीक हैं। कुछ स्थानों पर जहां पानी की आपूर्ति कम है वे रिपल्ले, तेनाली, पिडुगुरल्ला, कांदुकर, मारकापुर और नेल्लौर हैं।
हालांकि सरकारी अधिकारी इन हालातों से परेशान नहीं हैं। नगर अभियांत्रिकी विभाग में कार्यकारी अभियंता टी मोहन राव कहते हैं 'मदनापल्ली, रायाचोटी और गुंटकल जैसी कुछ नगर पालिकाओं को छोडकर राज्य में जब आपूर्ति की स्थिति बेहतर हैं।'' उन्होंने कहा कि पूरे राज्य के लिए एक नई पेयजल योजना बनाई जा रही है। इसके तहत नगर इंजीनियरिंग विभाग के पीने के पानी और स्वच्छता के लिए बुनियादी संसाधन खडे करेगा और उन्हें संबंधित नगर पालिकाओं को सौप देगा। हालांकि, जल पर दी जा रही सब्सिडी और रखरखाव में कमी के कारण जल आपूर्ति बुनियादी सुविधाओं पर नकारात्मक असर पडा है जिसके तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। विभाग के एक अधिकारी का कहना है, 'यह सर्वविदित है कि शहरी निकायों के कर्मचारियों के ऊंचे वेतन और निम्न आय के कारण रखरखाव के लिए बहुत कम पैसा बचता है।''
अगर हम 135-150 लीटर की रेंज लें तो इससे ऊपर सिर्फ राजामुंदरी (181), नरसारॉवपेट (140) और तिरुपति (135) में आपूर्ति हो रही है, जबकि कुड्डापाह (132) और निजामाबाद (131) इस सीमा के काफी नजदीक हैं। कुछ स्थानों पर जहां पानी की आपूर्ति कम है वे रिपल्ले, तेनाली, पिडुगुरल्ला, कांदुकर, मारकापुर और नेल्लौर हैं।
हालांकि सरकारी अधिकारी इन हालातों से परेशान नहीं हैं। नगर अभियांत्रिकी विभाग में कार्यकारी अभियंता टी मोहन राव कहते हैं 'मदनापल्ली, रायाचोटी और गुंटकल जैसी कुछ नगर पालिकाओं को छोडकर राज्य में जब आपूर्ति की स्थिति बेहतर हैं।'' उन्होंने कहा कि पूरे राज्य के लिए एक नई पेयजल योजना बनाई जा रही है। इसके तहत नगर इंजीनियरिंग विभाग के पीने के पानी और स्वच्छता के लिए बुनियादी संसाधन खडे करेगा और उन्हें संबंधित नगर पालिकाओं को सौप देगा। हालांकि, जल पर दी जा रही सब्सिडी और रखरखाव में कमी के कारण जल आपूर्ति बुनियादी सुविधाओं पर नकारात्मक असर पडा है जिसके तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है। विभाग के एक अधिकारी का कहना है, 'यह सर्वविदित है कि शहरी निकायों के कर्मचारियों के ऊंचे वेतन और निम्न आय के कारण रखरखाव के लिए बहुत कम पैसा बचता है।''
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