आज दिल्ली में दाखिल होगी यमुना पदयात्रा

आंदोलनकारियों को सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
मांगें मानने का केंद्र दे लिखित आश्वासन तो वहीं से वापस लौटने को तैयार

यमुना को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन को बल देने के लिए जंतर-मंतर पर कई हजार प्रदर्शनकारियों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की माने तो केवल एक से डेढ़ हजार लोग ही अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए जंतर-मंतर पहुंच सकेंगे। उधर, बातचीत के रास्ते पुलिस प्रदर्शनकारियों को रविवार को दिल्ली आने से रोकने में सफल रही है। दिल्ली के दरवाजे पर मौजूद हजारों प्रदर्शनकारियों को रोकने की घबराहट पुलिस के चेहरे पर साफ नजर आ रही है। यमुना नदी की निर्मल अविरल धारा के लिए केंद्र सरकार द्वारा सख्त कानून बनाने और कानून को तुरंत लागू करने की मांग को लेकर पिछले दस दिनों से चल रहे पैदल यात्रा अभियान में लाखों की तादाद में आंदोलनकारी सोमवार को दिल्ली में प्रवेश करेंगे। आंदोलनकारियों की मांग है कि यदि यमुना से जुड़ी हमारी मांगों का केंद्र सरकार लिखित आश्वासन दे देती है तो सभी आंदोलनकारी दिल्ली में प्रवेश करने से पहले ही वापिस होने को तैयार है। आंदोलनकारियों का कहना है कि हमारा आंदोलन शांतिमय तरीके से किया जा रहा है। ऐसे में यदि सरकार हमारी मांगों की लिखित स्वीकृति देने नहीं आती है तो हम खुद ही संसद की तरफ कूच करेंगे। इसमें यदि पुलिस बाधा डालती है और बिना मांग को स्वीकार किए हमें दिल्ली में प्रवेश से रोका जाता है तो हमें पुलिस के लाठी और डंडों की भी परवाह नहीं है।

वृंदावन के छटीकरा रोड से दस दिन पहले निकली यह यात्रा अब तक चौमुहा, कोटवन बॉर्डर, मोरकटी (हरियाणा), पलवल, बल्लभगढ़ से होता हुआ रविवार को फरीदाबाद तक पहुंचा जहां सराय सेक्टर 37(एनएचपीसी चौक) पर उन्हें आगे बढऩे से रोक दिया गया। यमुना रक्षक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संत जय कृष्ण दास ने कहा कि अब तक हमारी मांगों को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नही आई है। हम सोमवार को सरकार की प्रस्तावना की प्रतीक्षा करेंगे और सरिता विहार पहुँचेंगे। यदि तब भी कोई प्रतिक्रिया नही मिली तो वहां से संसद मार्ग की तरफ कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि जबतक यमुना को मुक्त नहीं किया जाता तब तक बृज भूमि में होली नहीं खेली जाएगी।

किसान नेता भानुप्रताप सिंह ने कहा कि सरकार यह न समझे कि पिछली बार की तरह वह इस बार भी हमें सांत्वना देकर बहला देगी। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को पुलिस की लाठी और आंसू गैस के गोले से डराकर आंदोलन को समाप्त नहीं किया जा सकता और न ही हमें संसद तक पहुंचने से रोका जा सकता है। सरकार से विनम्र आग्रह है कि वह लोगों की भावना को समझें और प्रकृति के इस धरोहर को संजोने में अपनी भूमिका अदा करें।

भानु प्रताप सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस कहती है कि जंतर-मंतर पर सिर्फ 5000 लोगों को जाने की अनुमति है जबकि रामलीला मैदान उस दिन खाली नहीं है। जब की आंदोलनकारियों की संख्या कल दो लाख तक हो सकती है जो देश के कोने-कोने से राजधानी में ट्रेनों, बसों से एकत्रित हो सकते हैं।

महज एक से डेढ़ हजार प्रदर्शनकारी ही पहुंच सकेंगे जंतर-मंतर


यमुना को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन को बल देने के लिए जंतर-मंतर पर कई हजार प्रदर्शनकारियों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की माने तो केवल एक से डेढ़ हजार लोग ही अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए जंतर-मंतर पहुंच सकेंगे। उधर, बातचीत के रास्ते पुलिस प्रदर्शनकारियों को रविवार को दिल्ली आने से रोकने में सफल रही है। दिल्ली के दरवाजे पर मौजूद हजारों प्रदर्शनकारियों को रोकने की घबराहट पुलिस के चेहरे पर साफ नजर आ रही है। हैदराबाद धमाकों के बाद से दिल्ली पुलिस पहले ही हाई अलर्ट पर है। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर इतनी भारी संख्या में प्रदर्शनकारी ने दिल्ली की ओर कूच किया तो यहां न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था चरमरा जाएगी, बल्कि सोमवार को सप्ताह का पहला वर्किंग-डे होने के कारण यातायात व्यवस्था भी काबू से बाहर हो जाएगी। दिल्ली यातायात पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त अनिल शुक्ला ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह प्रदर्शनकारियों से फ़रीदाबाद जाकर निरंतर बातचीत की जा रही है। अब तक हुई बातचीत में बनी आपसी सहमति के अनुसार प्रदर्शनकारी का एक बड़ा जत्था सोमवार को पैदल आने के बजाए बसों में दिल्ली आएगा। अधिकतर बसों को दक्षिण दिल्ली के सरिता विहार इलाके में ही रुकवा लिया जाएगा। केवल हजार से डेढ़ हजार लोगों ही जंतर-मंतर पर आ सकेंगे। जो अपनी मांगों को लेकर यहां प्रदर्शनकारी करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय पर धरना देने जा रहे भाजपा विधायक हिरासत में


दिल्ली में विधान सभा चुनाव करीब आने के साथ ही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा राजनीतिक लाभ का कोई मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती। यमुना बचाने के लिए वृंदावन से फ़रीदाबाद पहुंच चुकी पद यात्रा के समर्थन में प्रधानमंत्री कार्यालय पर धरना देने के लिए भाजपा विधायक दल रविवार को एनडीएमसी मुख्यालय के बाहर जमा हुए। लेकिन पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग थाने पर ही रोक लिया। पदयात्रा को रविवार को दिल्ली पहुंचना था लेकिन उसे फरीदाबाद में ही रोक लिया गया। अब यात्रा सोमवार को दिल्ली पहुँचेगी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार मलहोत्रा की अगुआई में 16 विधायकों को हिरासत में ले लिया गया। प्रो. मलहोत्रा ने कहा कि यमुना जैसी पवित्र नदी को गंदे नाले में बदलने का पाप दिल्ली की शीला दीक्षित सरकार ने किया है। राजधानी में 22 किलोमीटर का यमुना का हिस्सा इसकी कुल लंबाई का महज 2 फीसदी है। लेकिन यमुना को प्रदूषित करने में दिल्ली की भागीदारी 80 फीसदी से भी ज्यादा है। दिल्ली से हर रोज यमुना में 45 करोड़ लीटर सीवर बहता है। मलहोत्रा ने कहा कि बुधवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में वे इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाकर सरकार से जवाब मांगेंगे। मलहोत्रा के अलावा हिरासत में लिए गए विधायकों में डॉ. हर्षवर्धन, प्रो.जगदीश मुखी, हरचरण सिंह बल्ली, मोहन सिंह बिष्ट, साहब सिंह चौहान, कुलवंत राणा, ओपी बब्बर, एसपी रातावाल, नरेश गौड़, रमेश बिधूड़ी, रविंद्र नाथ बंसल, सतप्रकाश राणा, सुभाष सचदेवा, सुनील वैद्य, अनिल झा, श्याम लाल गर्ग, श्रीकृष्ण त्यागी, डॉ. एससीएल गुप्ता और प्रद्युम्न राजपूत शामिल हैं।

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