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शायद आप यह सुनकर हैरान हो जाएँ जिस गोमती के पानी को हम लखनऊ में छू तक नहीं सकते हैं उसी गोमती के पानी को लखनऊ से कुछ किलोमीटर पहले के गाँव वाले रोजाना पीते हैं। गोमती के पानी से कई घरों का खाना पकता है। दूर दराज के खेत खलिहानों में जब इस चटक धूप में प्यास लगती है तो वो भी इसी गोमती के पानी से प्यास बुझाता है। नदी के किनारे बसे गाँव वालों का कहना है कि आज तक उनके इलाके में न तो कभी गोमती की सफाई हुई और न ही कभी कोई विभाग का अधिकारी गोमती की सफाई के नाम पर आया। बरसों से लखनऊ जिले में गोमती का पानी सदैव निर्मल होकर बहता रहा है। वैज्ञानिकों का भी कहना है कि इस इलाके में गोमती का जल बेहद निर्मल और शुद्ध है।
इटौंजा से पाँच किलोमीटर दूर माल रोड गोमती पुल के किनारे पर गाँव है बसहरी घाट। इस गाँव के शिवकुमार और धीरेंद्र सिंह चौहान कहते हैं कि उनकी उम्र तीस साल से ज्यादा हो गई है। लेकिन आज तक उन्होंने कभी भी गोमती को इस इलाके में गंदा देखा ही नहीं। वह कहते हैं कि कभी कभार जब तेज हवाएँ चलती हैं या फिर बरसात में पीछे से गंदा पानी आता है लेकिन वह भी तेज बहाव के चलते कुछ दिनों में साफ हो जाता है। गाँव की महिलाएँ भी नदी के पनघट पर रोजाना पानी लेने पहुँचती है। गाँव के लोगों का कहना है कि आज तक उन्होंने तो कभी नहीं देखा कि उनके गाँव की नदी की कभी सफाई हुई हो या कोई अधिकारी या इंजीनियर नदी को साफ करने के लिये पहुँचे हों। इस इलाके में बसहरी, अकड़रिया, अटरिया, लासा, हुहरा समेत दर्जनों गाँव गोमती नदी के अविरल जल को शुद्ध मानते हुए न सिर्फ पानी पीते हैं बल्कि खाने से लेकर पूजा अर्चना तक करते हैं।
अट्ठारह फीट तक पूरी गहराई साफ दिखती है
गोमती का पानी कितना साफ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नदी की तकरीबन अट्ठारह फीट की तलहटी एकदम साफ दिखती है। यही नहीं नदी के कई फीट गहरे शैवाल तक साफ-साफ इस जगह पर देखे जा सकते हैं। पानी की सफाई का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि बच्चे नदी में सिक्के डालकर उसको देखते हैं और मैग्नेट से उसको चिपका कर ऊपर उठा लेते हैं। यही नहीं नदी में तैरते हुए बच्चे जब डाइव लगाते हैं तो आप उनको वहाँ के पुल से साफ साफ नदी की तलहटी में जाते हुए देख सकते हैं।
![गोमती नदी](https://c1.staticflickr.com/5/4177/34056331130_3a730f8f17.jpg)
इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी
गोमती नदी में इलेक्ट्रिकल कंडक्टिविटी (ईसी) का स्तर बसहरी घाट पर तकरीबन 300 सौ के करीब है।
लखनऊ शहर के गऊघाट पर ईसी का स्तर 380 से 450 के करीब है।
शहर के शहीद स्मारक पर 659 से 746 के करीब ईसी का स्तर है।
कॉलीफॉर्म काउंट
गोमती नदी में कॉलीफॉर्म काउंट का स्तर बसहरी घाट पर तकरीबन सौ मिलीलीटर पानी में पाँच का है।
यही कॉलीफॉर्म काउंट गऊघाट पर बढ़ जाता है लेकिन शहीद स्मारक पर आते-आते इसका प्रति सौ मिलीलीटर पर कॉलीफॉर्म काउंट 35000 से 50000 तक हो जाता है। जो बेहद खतरनाक है।
ph लेवल
बसहरी घाट पर गोमती नदी के पानी का पीएच लेवल 6.5 से 7.5 है।
लखनऊ शहर के गऊघाट पर यह स्तर बढ़कर 7.5 हो गया।
शहीद स्मारक पर गोमती में यह स्तर पर बढ़कर 7.8 हो जाता है।
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