खेती-किसानी को संबल देने और किसानों की आय दोगुना करने की कोशिशों में जुटी राज्य सरकार अब प्रदेश के सभी 95 ब्लॉकों के एक-एक गांव में ‘मैं एक गांव हूं’ योजना लांच करने जा रही है। इसके तहत चयनित गांवों में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देकर उन्हें मॉडल के तौर पर विकसित किया जाएगा। योजना के लिए पूर्व में तैयार गाइडलाइन में कुछ बदलाव किए गे हैं। अब कृषि उत्पादों की बिक्री से किसानों को लाभांश भी दिया जाएगा।
गांवों से निरंतर हो रहे पलायन के चलते कृषि योग्य भूमि के बंजर में तब्दील होने का रकबा बढ़ने से चिंतित सरकार ने पूर्व में ‘मैं एक गांव हूं’ योजना का खाका खींचा। कृषि सुबोध उनियाल ने इसमें खासी रुचि ली। गाइडलाइन भी तैयार हुई, लेकिन तमाम कारणों से मामला लटकता रहा। अब इस योजना को लेकर सरकार गंभीर हुई और मार्च में इसकी लांचिंग को प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है। इसके लिए योजना की गाइडलाइन में बदलाव भी किए जा रहे हैं। कृषि मंत्री उनियाल के मुताबिक योजना के तहत सभी 95 विकासखंडों में एक-एक गांव में खेती को लाभाकारी बनाते हुए इसकी तरफ लोगों का रुझान बढ़ाने को कदम उठाए जाएंगे।
सभी चयनित गांवों में कृषि एवं इससे जुड़ी गतिविधियों के लिहाज से मॉडल गांव के तौर पर विकसित किया जाएगा। योजना के तहत इन गांवों को बजट से अतिरिक्त राशि मिलेगी। कृषि सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि योजना की गाइड लाइन में कुछ बदलाव किए गए हैं।
वन सीमा पर सोलर पावर फैंसिंग, सिंचाई प्रणाली, फार्मर्स मशीनरी बैंक, कलेक्शन कक्ष शर्टिंग-ग्रेडिंग प्लांट, पशुपालन, मुर्गी-बकरी पालन, मौन पालन जैसे कार्यों में किसानों का शैयर 10 फीसद रखा जाएगा। शेष राशि सरकार वहन करेगी। साथ ही चयनित गांव में बनने वाले किसानों के समूह का पदेन सदस्य सचिव एडीओ पंचायत को बनाया जाएगा। सबसे अहम यह है कि कृषि उत्पादों की बिक्री से होने वाले लाभांश में से कुछ फीसद हिस्सा किसानों को दिया जाएगा और कुछ रिवाल्विंग फंड में सीड मनी के तौर पर रखा जाएगा।
योजना में पांच फीसद प्रशासनिक व्यय को भी शामिल किया गया है। कृषि उत्पादों की मार्केटिंग की व्यवस्था होगी। कार्यों की मॉनीटरिंग को प्रकोष्ठ भी बनेगा। उन्होंने कहा कि मार्च में यह योजना लांच कर दी जाएगी।
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