अद्रा में जो बोवै साठी।
दुःखै मार निकारै लाठी।।
भावार्थ- जो किसान आर्द्र मे साठी धान बो दे तो वह दरिद्रता को घर से डण्डे मार कर नकाल सकता है।
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