अद्रा भद्रा कृत्तिका, असरेखा जो मघाहिँ।
चन्दा ऊगै दूज को, सुख से नरा अघाहिँ।।
भावार्थ- द्वितीया का चन्द्रमा यदि आर्द्रा, भद्रा (भाद्रपद), कृत्तिका, अश्लेषा या मघा में उदित हो, तो मनुष्य को सुख ही सुख प्राप्त होगा।
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