अद्रा बरसै पुनर्बस जाय।
दीन अन्न कोऊ नहिं खाय।।
भावार्थ- यदि आर्द्रा नक्षत्र में बरसता पानी पुनर्वस तक बरसता रहे तो ऐसे अनाज को यदि कोई मुफ्त में भी दे तो नहीं खाना चाहिए क्योंकि वह अनाज विषैला हो जाता है।
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