अब 'पानी लाने लगा' है आंदोलन

यमुना बचाओ आन्दोलन
यमुना बचाओ आन्दोलन
नई दिल्ली। यमुना बचाओ आंदोलन अब रंग लाने लगा है। आंदोलनकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को यमुना के वजीराबाद और आईटीओ स्थित यमुना में पानी का जायजा लिया। स्थानीय लोगों व गोताखोरों ने आंदोलनकारियों को बताया कि यमुना में पानी की बढ़ोतरी हुई हैं। जलस्तर भी पहले से बढ़ा हुआ पाया गया। इस मसले पर सरकार और आंदोलनकारियों के बीच औपचारिक बातचीत सोमवार को होगी। सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से सरकार की ओर से गठित कमेटी हथिनी कुंड, ताजेवाला और अन्य बांधों का दौरा नहीं कर सकी। प्रतिनिधिमंडल में संत जय कृष्णदास, भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह,महासचिव राजेन्द्र प्रसाद शास्त्री, सुनील सिंह, स्वामी ओंकारानंद, बलदेव दास, नारायण दास, रीता सिंह, गीता तिवारी, राजलक्ष्मी, आरएस यादव और वासुदेव यादव शामिल थे।

जंतर-मंतर पर आंदोलनकारियों का धरना जारी है। शनिवार को धरना स्थल पर भगवत गीता बांटी गई। राधे-कृष्णा की भक्तिमय संकीर्तन भी जारी रहा। भानु प्रताप सिंह ने कहा कि पानी छोड़े जाने की कोई सरकारी पुष्टि नहीं की गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना था कि यमुना में पहले से पानी देखी गई । सरकार सकारात्मक कदम उठा रही है तो सराहनीय कार्य हैं लेकिन धरना तब तक जारी रहेगा जब तक घोषणा के मुताबिक पर्याप्त पानी नहीं छोड़ी जाती है। यमुना में अविरल प्रवाह के पक्ष में हैं और यह तभी संभव है जब पर्याप्त मात्रा में निरंतर पानी छोड़ी जाए। उन्होंने सरकार से सोमवार को बैठक बुलाकर समाधान करने की मांग की है।

संत जयकृष्ण दास ने कहा कि सरकार सकारात्मक पहल कर रही है। उन्होंने आम लोगों से भी अपील की है कि यमुना की स्वच्छता बनाए रखने में बराबर की भागीदारी निभाएं।

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