मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक योजना के तहत प्रत्येक गाँव से कम से कम एक युवा को इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा। इसके लिये पंचायतों से ही प्रस्ताव माँगे जाएँगे। पंचायतों की माँग के मुताबिक, यह संख्या बढ़ भी सकती है।
नई दिल्ली! ‘वन एवं पर्यावरण मंत्रालय’ ‘ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (जीएसडीपी)’ के तहत हरेक गाँव में क्लाइमेट-मैनेजर या पर्यावरण-दूत तैनात करेगा, जो लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने के साथ ही, गाँवों में पर्यावरणीय समस्याओं के सुधार में मदद करेंगे। इस क्षेत्र में अपने भविष्य को भी संवारेगा। सरकार ने इसे लेकर एक बड़ी योजना तैयार की है।इसके तहत युवाओं को पर्यावरण से जोड़ने के लिये कौशल विकास से जुड़े करीब 50 नए कोर्स डिजाइन किए गए हैं। योजना के तहत 2018 के साल के अंत तक 80 हजार युवाओं को प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। और धीरे-धीरे 5,60,000 लोगों को अगले तीन वर्षों में प्रदूषण निगरानी, वन्यजीव प्रबंधन और मैनग्रो संरक्षण जैसे ‘हरित कौशल’ के बारे में प्रशिक्षित किया जायेगा।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि 2018-19 के बजट में एनवायरमेंटल इनफॉर्मेशन सिस्टम (ईआईएस) के लिए कुल 24 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो 2017-18 की तुलना में 33% अधिक है। इस फंड से ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (जीएसडीपी) के तहत ट्रेनिंग कोर्स भी कराये जायेंगे।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने युवाओं को पर्यावरण के करीब लाने के लिये यह पूरी योजना तैयार की है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये करीब 24 करोड़ का एक कोष भी तैयार किया है। इसके तहत युवाओं को पर्यावरण से जुड़े विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान जिन प्रमुख विषयों को कोर्स में शामिल किया गया है, उनमें प्रदूषण निगरानी (जल, वायु, ध्वनि और मृदा) शोधन संयंत्र (ईटीपी) प्रचालन, अपशिष्ट प्रबंधन, वन-प्रबंधन, ‘जल-बजटिंग और ऑडिटिंग’, नदी डॉल्फिनों का संरक्षण, बांस प्रबंधन और जैव विविधता आदि शामिल है। कौशल विकास से जुड़े यह सभी कोर्स तीन महीने के होंगे।
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि 2018-19 के बजट में एनवायरमेंटल इनफॉर्मेशन सिस्टम (ईआईएस) के लिए कुल 24 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं, जो 2017-18 की तुलना में 33% अधिक है। इस फंड से ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम (जीएसडीपी) के तहत ट्रेनिंग कोर्स भी कराये जायेंगे।
जीएसडीपी केंद्र सरकार की हालिया पहल है जिसके तहत देश के युवाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके अंतर्गत वित्त वर्ष 2018-2019 में कुल 80,000 लोगों को प्रशिक्षित किया जायेगा। वहीं वित्त वर्ष 2019-2020 में 1,60,000 और वित्तवर्ष 2020-2021 में 3,20,000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी।
हर्षवर्धन ने कहा कि वित्तवर्ष 2018-2019 व वित्तवर्ष 2020-2021 में 5 लाख 60 हजार युवाओं को ट्रेनिंग मिलेगी। पहला जीएसडीपी पाठ्यक्रम तीन महीनों के लिए तैयार किया गया था। यह पिछले साल लॉन्च हुआ था। प्रायोगिक तौर पर इस पाठ्यक्रम को देश के नौ जैव-भौगोलिक क्षेत्रों को कवर करनेवाले 10 जिलों में शुरू किया गया था। पाठ्यक्रम का उद्देश्य जैवविविधता का संरक्षण करनेवालों व पैरा टैक्सोनोमिस्टों का कौशल विकास करना था।
मंत्रालय से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक योजना के तहत प्रत्येक गाँव से कम से कम एक युवा को इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा। इसके लिये पंचायतों से ही प्रस्ताव माँगे जाएँगे। पंचायतों की माँग के मुताबिक, यह संख्या बढ़ भी सकती है। योजना के तहत कोर्स भी इस तरह के तैयार किए गए है, जिसकी जरूरत आने वाले दिनों में पंचायतों को महसूस होगी।
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