नदियों को जोड़ने की योजना में इस प्रस्ताव की वरीयता तय
शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार अब ब्राह्मणी व मेज नदी का पानी लाएगी। ब्राह्मणी नदी को बनास नदी से जोड़ते बीसलपुर बांध में लाया जाएगा। वहीं सालों से खाली पड़े रामगढ़ बांध को मेज नदी के पानी से भरा जाएगा। प्रदेश भर में नदियों को जोड़ने की योजना में सरकार ने इस प्रस्ताव की वरियता तय की है। ताकि शहर के बढ़ते विस्तार व आबादी की पेयजल सप्लाई को लेकर चिंतामुक्त हुआ जा सके। योजनाओं पर काम करने के लिए सरकार ने जल संसाधन (सिंचाई) विभाग की टीम भी लगा दी है।
वर्तमान बीसलपुर योजना की डिजाइन वर्ष 2025 की आबादी के लिए ही है। यह बांध पूर्णतया मानसून पर आधारित है। इस पर जयपुर शहर व ग्रामीण के साथ ही अजमेर व टोंक जुड़े होने से जलदाय विभाग की भी चिंता बनी रही है। ऐसे में इस प्रस्ताव को वरियता में रखा है।
प्रजेंटेशन के बाद मुख्यमंत्री लेगी अंतिम फैसला
प्रदेश की नदियों को आपस में जोड़कर पानी की समस्या का स्थाई समाधान करने का मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री गुरुवार को सिंचाई विभाग में इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन लेगी। सभी प्रोजेक्ट व तथ्य उनके सामने रखे जाएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री ही प्रोजेक्ट व उनकी प्राथमिकताओं के बारे में अंतिम फैसला लेगी।
ब्राह्मणी नदी से बनास नदी
ब्राह्मणी नदी को चंबल की सहायक नदी मानते हैं। प्रस्ताव के अनुसार ब्राह्मणी नदी पर बेगू (चितौड़गढ़) में बांध बनाकर केनाल के लिए जहाजपुर (भीलवाड़ा) में बनास नदी में डाला जाएगा। ताकि पानी बीसलपुर बांध तक पहुंच सके। इससे 170 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी लेने के लिए 72 किलोमीटर की केनाल बनाई जाएगी। इसमें से 63 किमी की केनाल पहाड़ों के बीच टनल से निकाली जाएगी। इस पर 3500 करोड़ रु. की लागत आने की संभावना है।
मेज नदी से रामगढ़ बांध
मेज नदी भी चंबल की सहायक नदी है। इस पर बूंदी में एनिकट बनाकर इंटेल से पानी लिफ्ट कर ओपन केनाल के जरिए रामगढ़ बांध तक लाया जाएगा। यह केनाल 200 किमी की बनेगी तथा इस योजना पर करीब 1068 करोड़ रुपए की लागत आने की संभावना है। योजना में 200 किमी के मध्य में पड़ने वाले छोटे-बड़े बांधों में भी पानी से भरने की योजना है। हालांकि मेज नदी बरसाती है तथा बरसात के चार महीने से रामगढ़ बांध को भर दिया जाएगा।
हरा भरा होगा राजस्थान
प्रदेश में सिंचाई व पेयजल सिस्टम को सुदृढ़ करने के लिए सीएम के निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग ने नदियों को जोड़ने के प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। इसके लिए इंजीनियरों की 15 टीम लगाई हैं। इनसे नदियों की फिजिबल रिपोर्ट तैयार करवाई गई है।
रिपोर्ट का गुरुवार को मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन होने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश की बनास, कालीसिंध, साबरमती, ब्राह्मणी, चंबल, मेज, पार्वती सहित अन्य नदियों को बांधों व आपस में जोड़ा जाएगा। इसके लिए पहाड़ों में टनल बना कर पानी लाया जाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र में सिंचाई हो सके तथा बड़े शहरों के पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
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