नई दिल्ली। खेती एवं पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालने वाले कई कीटनाशकों का प्रयोग भारत में किया जाता है जबकि दुनिया में कई देशों ने उन्हें प्रतिबन्धित किया है। कृषि मंत्रालय ने इस हकीकत का खुलासा एक पर्यावरण कार्यकर्ता द्वारा लिखे गये पत्र के जवाब में किया है। उसने बताया है कि ऐसे 66 कीटनाशक हैं जिन पर विभिन्न देशों में रोक है पर भारत में उनका प्रयोग किया जाता है।
मंत्रालय ने ग्रेटर नोएडा के विक्रान्त तोंगड़ के पत्र के जवाब में कहा है कि कीटनाशक के प्रयोग का निर्णय और अनुमति देश की कृषि-पर्यावरण स्थितियों, फसल के पैटर्न, भौगोलिक, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों और साक्षरता के स्तरों पर तय की जाती है।
सरकार समय-समय पर इस मामले में संज्ञान लेकर कीटनाशको के प्रभाव पर पुनर्विचार करती है। इसके लिये खासतौर पर एक विशेषज्ञ समिति गठित है जिसकी सिफारिशों पर देश में 28 कीटनाशकों के निर्यात, निर्माण और प्रयोग पर रोक लगाई जा चुकी है। इसके अलावा तीन अन्य कीटनाशकों पर रोक लगाई गई थी जिनकी सामग्री से देश में निर्माण कराया जाता था।
मंत्रालय कीटनाशकों के प्रति किसानों को कर रहा जागरूक
सरकार ने आईएआरआई के पूर्व प्रोफेसर डॉ.अनुपम वर्मा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है जिसने इस पूरे मसले की समीक्षा की है। उसकी सिफारिशों के आधार पर दुष्प्रभाव वाले कीटनाशकों पर रोक लगाने का काम चरणबद्ध तरीके से चल रहा है। इसके अलावा भी मंत्रालय की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें किसानों को सुरक्षित और बेहतर कीटनाशक के प्रयोग के बारे में जागरूक करने के साथ उसके जरूरत के मुताबिक प्रयोग का प्रशिक्षण देना शामिल है। एकीकृत कीट प्रबन्धन को भी मंत्रालय लगातार बढ़ावा दे रहा है जो सबसे बेहतर है।
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