31 दिसंबर तक जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हो जाएंगे 2.2 करोड़ लोग

31 दिसंबर तक जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हो जाएंगे 2.2 करोड़ लोग
31 दिसंबर तक जलवायु परिवर्तन के कारण विस्थापित हो जाएंगे 2.2 करोड़ लोग

जलवायु परिवर्तन से आज विश्व का कोई भी देश अछूता नहीं है। हर जगह बेमौसम बारिश, बर्फबारी, बाढ़, चक्रवात, तूफान, सूखा सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं से जीवन प्रभावित हो रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण जन्म ले रही बीमारियों से करोड़ों लोगों की जान जा चुकी है। जीव-जतुओं और वनस्पतियों की सैंकड़ों प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं, जबकि कई विलुप्त होने की कगार पर हैं। समुद्र के पानी का तापमान बढ़ने से समुद्री जीवन प्रभावित हो रहा है और जलीय जीवन पर संकट मंडरा रहा है। हिमालय और ग्लेशियर पिघलने से द्वीपों के किनारों को समुद्र लील रहा है। जिससे लोगों के सामने आजीविका के साथ ही अपने अस्तित्व को बचाने का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए खुद को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ों लोग अपना आशियाना छोड़ चुके हैं, यानी विस्थापित हो चुके हैं, जबकि जलवायु परिवर्तन के कारण 31 दिसंबर 2019 तक 2 करोड़ से अधिक लोक विस्थापित हो जाएंगे।

स्पेन की राजधानी मद्रिद में 25वा काॅन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (काॅप 25) चल रहा है, जहां विश्व मौसम संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने 3 दिसंबर को वैश्विक जलवायु दशा 2019 रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप अधिक मौसमी घटनाओं के कारण अधिक विस्थापन होने की बात कही गई है। रिपोट में बताया गया कि जनवरी 2019 से जून 2019 के बीच करीब एक करोड़ लोग अपने ही देश की सीमा में दूसरे स्थानों पर विस्थापित हुए हैं, जिसमें 70 प्रतिशत लोग यानी करीब 70 लाख लोग ऐसे हैं, जो बाढ़, चक्रवात और हर्रिकेन जैसी मौसमी घटनाओं के कारण विस्थापित हुए हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 31 दिसंबर 2019 तक दुनिया भर के 2.2 करोड़ लोग विस्थापित हो जाएंगे। इससे आबादी वाले इलाकों, विशेषकर शहरों की जनसंख्या में इजाफा होगा और विभिन्न प्रकार की नई परेशाानी शुरू सकती है।

दरअसल, मौसमी घटनाओं में अतिशय बदलाव का मुख्य कारण हमारी जीवशैली है। साथ ही जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए धरातल पर कोई खास कदम उठते नहीं दिख रहे हैं। जिस कारण अब अतिवृष्टि तो हो ही रही है, उन स्थानों पर भी बाढ़ आने लगी है, जहां कम वर्षो होती थी। अमेरिका में तो जुलाई 2018 से जून 2019 के बीच 692 मिलीमीटर वर्षो रिकाॅर्ड की गई, जो कि बीते एक साल में सबसे अधिक वर्षो है और औसत वर्षा में सबसे उच्च आंकड़ा है। भारत भी अधिक मौसम घटनाओं से अछूता नहीं है। बिहार, चेन्नई, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र सहित विभिन्न राज्यों में हर साल बाढ़ सैंकड़ों जान ले लेती है, जबकि लाखों लोग बेघर हो जाते हैं। 

TAGS

climate change, effect of climate change, reason of climate change, climate change india, climate change hindi, climate change and people displaced, global warming, global warming hindi, causes of climate change, causes of global warming, COP25, COP25 hindi, COP25 madrid.

 

Path Alias

/articles/31-daisanbara-taka-jalavaayau-paraivaratana-kae-kaarana-vaisathaapaita-hao-jaaengae-22

Post By: Shivendra
×