100 फीट के ऊपर पहुँचा केआरएस का जलस्तर


सोमवार को यहाँ 11.49 टीएमसी पानी का था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 10.94 टीएमसी था। इस बाँध की अधिकतम जल भण्डारण क्षमता 15.67 टीएमसी है और इससे यह अभी 4 टीएमसी कम है। सोमवार को कबिनी में 4 हजार 511 क्यूसेक पानी की आवक थी जबकि 2 हजार पानी छोड़ा जा रहा था। 1 जून से अब तक कबिनी में 34 हजार 643 क्यूसेक पानी की आवक हुई जबकि 22 हजार 255 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। कोडुगू जिले में कावेरी पर बना हारंगी बाँध लबालब होने से सिर्फ डेढ़ फीट दूर है।

मैसूरु.मण्ड्या.मडिकेरी.हासन कावेरी नदी के जलग्रहण क्षेत्र कोडुगू में हुई पिछले एक पखवाड़े के दौरान हुई अच्छी बारिश के कारण सोमवार को इस नदी पर बने सबसे बड़े बाँध कृष्ण राज सागर (केआरएस) का जलस्तर 100 फीट से अधिक हो गया। पिछले इसी समय की तुलना में इस साल केआरएस का जलस्तर ज्यादा है।

राज्य प्राकृतिक आपदा नियंत्रण केन्द्र के आँकड़ों के मुताबिक सोमवार को केआरएस का जलस्तर 100.10 फीट पहुँच गया। पिछले साल 4 सितम्बर को केआरएस का जलस्तर 93.44 फीट था। केआरएस का अधिकतम स्तर 124.80 फीट है। केआरएस मैसूरु क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल के लिये जीवनरेखा की तरह है। राजधानी बंगलुरु को भी पेयजल की आपूर्ति केआरएस से होती है।

केन्द्र के आँकड़ों के मुताबिक केआरएस में कुल क्षमता का 41 फीसदी जल भण्डार है। केआरएस में सोमवार को 18.49 टीएमसी पानी का भण्डार था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को 13.69 टीएमसी पानी संग्रहित था। केआरएस की कुल भण्डारण क्षमता 45.05 टीएमसी है। सोमवार को केआरएस में 12 हजार 231 क्यूसेक पानी की आवक थी जबकि 8 हजार 63 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इस साल 1 जून से 4 सितम्बर के दौरान केआरएस में 48 हजार 904 क्यूसेक पानी आया जबकि इस दौरान 32 हजार 155 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

कावेरी नदी पर ही मैसूरु जिले के एच डी कोटे में बने कबिनी बाँध की स्थिति भी अच्छी और लगभग पिछले साल जैसी ही है। सोमवार को इसका जलस्तर 2276.95 फीट था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 2275.95 था। इसका अधिकतम स्तर 2284 फीट और अभी यह इससे 7.05 फीट कम है। इस भण्डार में कुल क्षमता का 73 फीसदी पानी संग्रहित है।

सोमवार को यहाँ 11.49 टीएमसी पानी का था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 10.94 टीएमसी था। इस बाँध की अधिकतम जल भण्डारण क्षमता 15.67 टीएमसी है और इससे यह अभी 4 टीएमसी कम है। सोमवार को कबिनी में 4 हजार 511 क्यूसेक पानी की आवक थी जबकि 2 हजार पानी छोड़ा जा रहा था। 1 जून से अब तक कबिनी में 34 हजार 643 क्यूसेक पानी की आवक हुई जबकि 22 हजार 255 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

कोडुगू जिले में कावेरी पर बना हारंगी बाँध लबालब होने से सिर्फ डेढ़ फीट दूर है। यह बाँध पिछले महीने में भी लबालब हुआ था जिसके बाद गेट खोलकर पानी छोड़ना पड़ा था। हारंगी का जलस्तर सोमवार को 2857.46 फीट था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 2854.15 फीट था। इसका अधिकतम जलस्तर 2859 फीट है, जिससे अभी यह 1.54 फीट कम है।

इस बाँध में सोमवार को कुल क्षमता का 94 फीसदी पानी उपलब्ध था। सोमवार को 7.55 टीएमसी पानी का भण्डार उपलब्ध था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 6.43 टीएमसी था। इसकी अधिकतम क्षमता 8.07 टीएमसी है।

सोमवार को बाँध में 2 हजार 450 क्यूसेक पानी का आवक था जबकि 3 हजार 800 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। 1 जून से अब तक बाँध में 21 हजार 181 क्यूसेक पानी की आवक हुई है जबकि 15 हजार 953 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हासन जिले के गोरुर में कावेरी पर बने हेमावती बाँध की स्थिति इसके जलग्रहण क्षेत्र सकलेशपुर और आस-पास के इलाकों में हुई कम बारिश के कारण अपेक्षाकृत खराब है और इससे इलाके के किसान चिन्तित हैं।

सोमवार को इस बाँध का जलस्तर 2893.27 फीट था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 2896.25 फीट था। इसका अधिकतम जलस्तर 2922 फीट है और यह उससे अभी 28.53 फीट कम है।

सोमवार को इस बाँध में कुल क्षमता का 41 फीसदी पानी का भण्डार था। सोमवार को बाँध में 14.55 टीएमसी पानी उपलब्ध था जबकि पिछले साल 4 सितम्बर को यह 16.23 टीएमसी था। इसकी अधिकतम भण्डारण क्षमता 35.76 टीएमसी है, जिससे अभी यह 21 टीएमसी कम है। सोमवार को बाँध में 2 हजार 664 क्यूसेक पानी की आवक थी जबकि 6 हजार 130 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। 1 जून से अब तक बाँध में 26 हजार 340 क्यूसेक पानी की आवक हुई जबकि इस दौरान 12 हजार 765 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

बारिश से खिले किसानों के चेहरे


मैसूरु। पिछले एक सप्ताह के दौरान जिले में हुई अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। इस दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान जिले में पहली बार औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। उपलब्ध आँकड़ों के मुताबिक 24 से 30 अगस्त के दौरान जिले में 349 फीसदी बारिश दर्ज की गई, जो राज्य में सर्वाधिक है। मौसम विभाग के आँकड़ों के मुताबिक इस दौरान मैसूरु में 57.5 मिमी बारिश दर्ज की गई जबकि इस दौरान सामान्यतः 12.8 मिमी बारिश होती है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में इस सप्ताह के दौरान सामान्य से 349 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि 1 से 30 अगस्त के दौरान जिले में 261 मिमी बारिश हुई जबकि सामान्यतः इस दौरान 235.2 मिमी बारिश होती है। कुल मिलाकर जिले में 11 फीसदी ज्यादा बारिश हुई लेकिन पूरे मानसून के दौरान जिले में अब भी बारिश सामान्य से कम है। मौसम विभाग के आँकड़ों के मुताबिक 1 जून से 23 अगस्त तक जिले में सामान्य से 7 फीसदी कम बारिश हुई है। मौसम विभाग का अनुमान है कि जिले में 6 सितम्बर तक हल्की से भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान 15.6 मिमी से 115.5 मिमी बारिश हो सकती है। अगर मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित होता है तो जिला सूखे की स्थिति से बाहर निकल जाएगा।

अलमट्टी और नारायणपुर लबालब


कृष्णा नदी पर बने अलमट्टी और नारायणपुर बाँध पूरी तरह लबालब हो चुके हैं। अलमट्टी और नारायणपुर बाँध का जलस्तर क्रमशः 1704.81 और 1615 फीट के अधिकतम सीमा को छू चुका है।

अगस्त अन्त में खूब बरसे बदरा


1. 350% बारिश मैसूरु जिला
2. 201% बारिश कोडुगू जिला
3. 58% बारिश मण्ड्या जिला
4. 140% बारिश हासन जिला
5. 58% बारिश चामराजनगर
6. 141% बारिश चिकमगलूरु

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