कृषि

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Meta Description
Agriculture, an important sector of our economy accounts for 14 per cent of the nation’s GDP and about 11 per cent of its exports. India has the second largest arable land base (159.7 million hectares) after US and largest gross irrigated area (88 milion hectares) in the world. Rice, wheat, cotton, oilseeds, jute, tea, sugarcane, milk and potatoes are the major agricultural commodities produced. More importantly, over 60 per cent of the country’s population, comprising several million small farming households, depends on agriculture as a principal income source and land continues to be the main asset for livelihood security. 
Meta Keywords
Flowers, trees
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Enhancing efficiency through sprinkler irrigation (Image: Rawpixel; CC0 License)
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Women working in the field in India (Image: IWMI Flickr/Hamish John Appleby; CC BY-NC-ND 2.0 DEED)
April 1, 2024 Decoding the problems and solutions related to stubble burning
Burning of rice residues after harvest, to quickly prepare the land for wheat planting, around Sangrur, Punjab (Image: 2011CIAT/NeilPalmer; CC BY-SA 2.0 DEED)
January 3, 2024 How has the shifting focus on rural electrification affected groundwater irrigation and agriculture in India? A study explores.
Rural electrification can affect irrigation practices. Image for representation purposes only. (Image Source: IWP Flickr photos)
पादप रसायन एवं जैव तकनीकी
Posted on 23 Feb, 2017 04:09 PM

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहाँ एक तरफ व्याप्त दुर्लभ वन्य पादप प्रजातियों की खोज व उनका

संकट के बीज
Posted on 23 Feb, 2017 01:14 PM
कीटों के लगातार हमलों, बीजों के बढ़ते मूल्य और उपज का उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसानों ने भारत की पहली आनुवंशिक रूप से परिवर्तित (जीएम) फसल यानी बीटी कॉटन से किनारा करना शुरू कर दिया है
बंपर उत्पादन बना मुसीबत
Posted on 20 Feb, 2017 01:33 PM


किसानों और उपभोक्ताओं को कीमतों में उतार-चढ़ाव की मार से बचाने के लिये बना मूल्य स्थिरता कोष भी बेअसर

farmer in trouble
जैविक में है दम, सिक्किम बना प्रथम
Posted on 19 Feb, 2017 04:30 PM


यदि हमारी खेती प्रमाणिक तौर पर 100 फीसदी जैविक हो जाये, तो क्या हो? यह सोचते ही मेरे मन में सबसे पहले जो कोलाज उभरता है, उसमें स्वाद भी है, गन्ध भी, सुगन्ध भी तथा इंसान, जानवर और खुद खेती की बेहतर होती सेहत भी। इस चित्र के लिये एक टैगलाइन भी लिखी है - “अब खेती और किसान पर कोई तोहमत न लगाए कि मिट्टी, भूजल और नदी को प्रदूषित करने में उनका भी योगदान है।’’

अभी यह सिर्फ एक कागजी कोलाज है। जमीन पर पूरी तरह कब उतरेगा, पता नहीं। किन्तु यह सम्भव है। सिक्किम ने इस बात का भरोसा दिला दिया है। उसने पहल कर दी है। जब भारत का कोई राज्य अपने किसी एक मण्डल को सौ फीसदी जैविक कृषि क्षेत्र घोषित करने की स्थिति में नहीं है, ऐसे में कोई राज्य 100 फीसदी जैविक कृषि राज्य होने का दावा करे; यह बात हजम नहीं होती।

सिक्किम में जैविक खेती
साम्राज्यवादी साजिश में तबाह झूम कृषि
Posted on 19 Feb, 2017 12:25 PM
टोंग्या एक ऐसी चाल है जिसका अंग्रेजों ने बर्मा (आधुनिक म्यांमार) में खूब इस्तेमाल किया। इस पद्धति का पहली बार प्रयोग वहाँ 19वीं शताब्दी के मध्य में किया गया था। म्यांमार की भाषा में ‘टोंग’ का अर्थ टीला और ‘या’ का अर्थ खेती होता है। साम्राज्यवादियों ने इस पद्धति का विकास इसलिये किया, ताकि वनों को व्यावसायिक मूल्य वाले वृक्षों से पाटा जा सके। मानव श्रम के लिये उन्होंने ऐसे गैर-ईसाई लोगों को अप
मार दिया जाए या छोड़ दिया जाए
Posted on 19 Feb, 2017 12:08 PM
केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मन्त्रालय ने नीलगाय और जंगली सूअर को नाशक जीव घोषित करते हुए बिहार में एक साल के लिये इन्हें मारने की छूट दे दी है। नीलगाय ने अफीम की खेती के लिये प्रसिद्ध मध्य प्रदेश के नीमच जिले के किसानों के नाक में भी दम कर रखा है। कुंदन पांडेय ने नीमच के पावटी गाँव के सरपंच कमल राठौर और मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता से इसी समस्या को लेकर उनका नजरिया जानने
फूल उद्योग से रोजगार की सुगन्ध
Posted on 13 Feb, 2017 04:53 PM

महोग गाँव की सालाना आय एक करोड़ से डेढ़ करोड़ तक पहुँच जाती है। इस गाँव को फूलों की खेती

फूल
पोषक तत्वों का खजाना मशरूम
Posted on 12 Feb, 2017 12:36 PM
सफेद मशरूम को वनस्पति जगत में ‘एगैरिकस बाइस्पोरस’ नाम से जाना जाता है। इन्हें सामान्य रूप से वनस्पति श्रेणी में रखा गया है। यह एक खाने योग्य कवक है और मुख्य रूप से अमेरिका एवं यूरोप का उत्पाद है। अब इस कवक का उत्पादन विस्तृत हो गया है। इसका संवर्धन लगभग 70 से भी अधिक देशों में किया जाता है। मशरूम एक खाद्ययोज्य है यह उच्च पोषक तत्वों और स्वास्थ्यवर्द्धक पदार्थ के रूप में भोजन का एक अच्छा विकल
जलवायु परिवर्तन को कम करती जैविक कृषि
Posted on 10 Feb, 2017 03:26 PM
वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व के लिये एक चिन्ता का विषय बन गया है जोकि कृषि पैदावार और उत्पादन पर गम्भीर प्रभाव डाल रहा है। वैश्विक जलवायु परिवर्तन फसल पैदावार, कीट-पतंगों के विस्तार और कृषि उत्पादन की आर्थिक लागत को प्रभावित कर सकता है। मौसम की चरम सीमा में फसलों को नुकसान हो रहा है और किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी हो रही
कभी कर्जे में डूबे थे, अब लखपति हैं किसान
Posted on 09 Feb, 2017 10:30 AM
नेवरी के पास कजली वन मार्ग पर सेतखेड़ी में उम्मीदों का आसमान
farmer
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