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शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के पाँच साल बाद भी छत्तीसगढ़ के प्राइमरी, मिडिल, हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाओं के अभाव में पढ़ाई करनी पड़ रही है। छत्तीसगढ़ के करीब 1700 सरकारी स्कूलों में पीने के पानी का कोई इन्तज़ाम नहीं है। इसलिये पहली से बारहवीं तक पढ़ने वाले सवा लाख बच्चे पीने के पानी के लिये तरस रहे हैं।
वहीं प्रदेश के 4 हजार 347 स्कूलों में 2 लाख 88 हजार 301 बालिकाओं के लिये अभी शौचालय नहीं बन पाया है। शौचालय के अभाव में स्कूल जाने वाली बालिकाएँ लगातार शर्मसार हो रही हैं। इनमें रायपुर के 73 स्कूल शामिल हैं। बालिकाओं की तरह ही 12 हजार 893 स्कूलों में तो बालकों के लिये भी शौचालय नहीं है।