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स्वैच्छिक नागरिक या सिविल सोसायटी सेक्टर
विश्व मौसम संगठन
Posted on 29 Jan, 2011 12:13 PMविश्व मौसम संगठन (डब्लूएमओ) ने मानव सुरक्षा और कल्याण के लिए बहुत योगदान किया है। पिछले साठ सालों में डब्लूएमओ के सफर और डब्लूएमओ में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की भूमिका का जिक्र करते हुए आईएमडी के महानिदेशक डा.
बांधों के विरोध में उत्तर-पूर्व के संगठन
Posted on 15 Jul, 2010 10:58 AMभारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में पर्यावरण और मानवाधिकार के प्रति समर्पित सामाजिक कार्यकर्ताओं, किसानों और आम नागरिकों ने इस इलाक़े में बड़े बांधों के निर्माण के ख़िलाफ़ अपना आंदोलन तेज़ करने की योजना बनाई है।
नर्मदा जयंति मनाया
Posted on 04 Feb, 2009 10:42 AMमां नर्मदा जयंति पर हजारों छात्र-छात्राओं ने लिया पानी बचाने का संकल्प
महू(निप्र)- सामाजिक संस्था प्रतिज्ञा द्वारा मालवा को रेगिस्तान होने से बचाने के लिए जन जन में पानी के मूल्य को समझाने के लिए जल बचान आंदोलन का शुभारंभ हरिफाटक शासकीय माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 में किया गया जहां अतिथि के रूप में श्री डॉ. सत्यानंद जी महाराज(दुनीवाले बाबा), श्री मनोज कुमार चौरसिया तहसीलदार एवं प्रभारी एस.डी.ओ. महू,
नर्मदा समग्र
Posted on 19 Jan, 2009 07:21 AMनर्मदा समग्र एक प्रयत्न है। नर्मदा नदी, एक जल स्त्रोत, एक आस्था को स्वस्थ, सुंदर और पवित्र बनाये रखने का यह एक प्रयास है। विश्व की अधिकांश संस्कृतियों का जन्म व विकास नदियों के किनारे हुआ है। भारत के ऋषियों ने पर्यावरण संतुलन के सूत्रों को ध्यान में रखकर समाज की नदियों, पहाडों, जंगलों व पशु-पक्षियों सहित पूरे संसार की ओर देखने की विशेष सह अस्तित्व की अवधारणा का विकास किया। उन्होंने पाषाण में भी
जलधारा अभियान
Posted on 11 Nov, 2008 08:05 AMजयपुर शहर के उत्तर पश्चिम से निकल कर पश्चिम-दक्षिण होती हुई, ठूण्ड नदी से मिलने वाली, द्रव्यवती नदी, उर्फ अमानी शाह का नाला, जयपुर शहर की जीवन रेखा रही है। सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित सन् 1865- 66 के नक्शों में भी इस नदी को साफ तौर पर दर्शाया गया है। उसके बाद भी सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित नक्शों में नदी साफ तौर पर चिन्हित है। यदि नदी कहीं नहीं है, तो राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के रिकाजल संसाधन मंत्रालय
Posted on 23 Sep, 2008 06:57 PMसिंचाई और विद्युत’ विषय का इतिहास बहुत पहले 1855 से शुरू होता है जब इस विषय का दायित्व उन दिनों नवनिर्मित लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया था लेकिन 1858 में गंभीर अकाल पड़ने पर सिंचाई और तत्सम्बन्धी नीति में तेजी आई थी। तब एक बड़े पैमाने पर नहर निर्माण का काम हाथ में लेने का निर्णय लिया गया तथा त्वरित विशाल निर्माण कार्य पर निगाह रखने के लिए नहर महानिरीक्षक की नियुक्ति की गई। देश के भीतर सिंचाई स
अकाल के काल विलासराव सालुंके की जबानी उनकी कहानी
Posted on 01 Jan, 1970 05:30 AM
एक कथा ऐसी भी...
एक-दो नहीं
तरुण भारत संघ
Posted on 14 Jan, 2011 02:44 PM‘तरुण भारत संघ’ ने पिछले 25 वर्षों में देशभर में दस हजार से ज्यादा जोहड़-तालाब बनवाये हैं। इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने समुदायों को सचेत करके जल की समझ बढ़ाकर और उन्हें जल सहेजने वाले कार्यों में जोड़कर तथा जल संरक्षण व जल के अनुशासित उपयोग के संस्कार बनाकर और कम पानी में पैदा होने वाले अन्न उत्पादन को बढ़ावा देकर सात नदियों को पुनर्जीवित किया है।अहिंसक सत्याग्रहियों पर हमला
Posted on 23 Feb, 2010 11:24 PMभावनगर 20 फरवरी 2010। गुजरात के भावनगर जिले के महुआ तहसील में हरे-भरे उपजाऊ कृषि जमीन पर प्रस्तावित निरमा सिमेंट फैक्टरी के खिलाफ गांधीवादी स्थानीय विधायक कनू भाई कलसारिया के अगुवाई में मौन जुलूस मार्च कर रही जनता पर निरमा कंपनी के दलालों और पुलिस द्वारा कातिलाना हमला किया गया जिसमें वे और उनकी पत्नी दोनों घायल हैं। हमले में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। और दर्जनों लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिय