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सूखा और बाढ़
अनियोजित विकास की मार प्राकृतिक आपदा
Posted on 11 Jun, 2016 04:18 PM
उत्तराखण्ड में इस साल मौसम ने फिर से करवट ली है। बेतरतीब बरसात और तूफान ने जहाँ लोगों के आवासीय भवनों की छतें उड़ाकर लील ली वहीं अत्यधिक वर्षा के कारण बादल फटने और बाढ़ के प्रकोप से लोगों की जानें खतरे में पड़ गई है। मौसम इतना डरावना है कि प्रातः ठीक-ठाक दिखेगा और सायं ढलते ही मौसम का विद्रुप चेहरा बनने लगता है।
उत्तराखण्ड में फटे बादल, भारी तबाही का अंदेशा (Uttarakhand cloud burst, the fear of massive destruction)
Posted on 30 May, 2016 05:22 PMउत्तराखण्ड चारधाम यात्रा मार्ग पर फिर कहर बरपा है। शनिवार की रात तीन जगहों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई जगह सड़कें बह गई हैं। बादल फटने की घटनाओं से हुई भारी बारिश की वजह से पहाड़ों में भू-स्खलन कई जगह हुआ है। भारी बारिश और भू-स्खलन की वजह से पाँच से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। भू-स्खलन के कारण राजमार्गों और केदारनाथ यात्रा मार्ग पर जगह-जगह
फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में उत्तराखण्ड
Posted on 30 May, 2016 04:31 PM
टिहरी जनपद की भिंलगनाघाटी हमेशा से ही प्राकृतिक आपदाओं की शिकार हुई है। साल 1803 व 1991 का भूकम्प हो या 2003, 2010, 2011 या 2013 की आपदा हो, इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण भिंलगनाघाटी के लोग आपदा के निवाला बने हैं।
उत्तराखण्ड के 3100 हेक्टेयर जंगल आग में स्वाहा
Posted on 30 May, 2016 09:56 AM
उत्तराखण्ड के जंगलों में लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। 1993 के बाद एक बार फिर जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिये सेना का हेलीकाप्टर उतारा गया। जिला प्रशासन ने पहले चरण में उन जगहों को चिन्हीकरण किया है, जहाँ आग आबादी की ओर बढ़ रही है।
पौड़ी, रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिलों सहित हरिद्वार और ऋषिकेश के जंगलों में 15 दिनों तक लगातार आग धधकती रही। इस मौसम में अब तक आग की 213 घटनाएँ हो चुकी हैं। राज्य के गढ़वाल और कुमाऊँ कमिश्नरी में 3100 हेक्टेयर जंगल आग लगने से राख हो चुके हैं। यही नहीं राजाजी और कार्बेट पार्क का 145 हेक्टेयर हिस्सा आग ने अपने हवाले कर दिया।
देश बदल रहा है पर बुन्देलखण्ड का किसान आत्महत्या कर रहा है
Posted on 29 May, 2016 09:31 AM
अच्छे दिन के बाद देश बदलने के नारों की गूँज में बुन्देलखण्ड का किसान गुम सा गया है। उसकी किस्मत में तो पहले भी भूखमरी, पलायन और आत्महत्या लेख था और आज भी इसी दुर्दशा का वो शिकार है। बुन्देलखण्ड में हालात ना बदलने का ही नतीजा है कि सात दिन पूर्व ही कर्ज में डूबे युवा किसान ने आत्महत्या कर ली वही एक ने बिजली के टावर पर चढ़कर खुदकुशी की कोशिश की।
बांग्लादेश में रोआनू ने मचाई तबाही
Posted on 24 May, 2016 10:56 AMढाका, प्रेट्र- बांग्लादेश में चक्रवात ‘रोआनू’ से भारी तबाही हुई है। तेज हवा, बारिश और भूस्खलन के चलते बांग्लादेश के दक्षिणी तट के इलाकों में अब तक 24 लोग मारे गए और 100 अन्य घायल हो गए हैं। हजारों बेघर हो गए और 5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया।बुन्देलखण्ड - पानी जैसे मुद्दे पर राजनीति का मतलब
Posted on 22 May, 2016 12:05 PMबुन्देलखण्ड के हालात दिन-पर-दिन बिगड़ते जा रहे हैं। वहाँ के क
जलवायु परिवर्तन के अलावा भी किसानों के समक्ष कई अन्य खतरे
Posted on 21 May, 2016 04:11 PMभारत में अधिकतर कृषि जोतों का आकार एक हेक्टेयर से भी कम है।
बुन्देलखण्ड में खेती नहीं रहा लाभ का धन्धा तो रकबा घट गया
Posted on 21 May, 2016 10:43 AMदो चरणों में खर्च के बाद अनुमान था कि इससे 296140 हेक्टेयर जम