A recent study finds that climate change induced extreme weather events such as droughts can increase the vulnerability of women to Intimate Partner Violence (IPV).
Posted on 31 Jul, 2016 03:43 PM हम सभी ने सूखा व अकाल के बारे में सुना है लेकिन ये सूखा या अकाल क्या है, इस लेख के माध्यम से समझाने का प्रयास किया जा रहा है। आँकड़ों के आधार पर सामान्य से कम वर्षा, जो कि एक मौसम में विशेष रूप से लम्बे समय की अवधि के लिये मानव गतिविधियों को पूरा करने में अपर्याप्त होती है, सूखे का कारण बनती है जिसे आम भाषा में ‘अकाल’ भी कहा जाता है।
Posted on 31 Jul, 2016 02:33 PM 16-17 जून 2013 को उत्तराखण्ड में आई विनाशकारी आपदा के बाद इस साल पिथौरागढ़ के बस्तड़ी और चमोली जिले के घाट क्षेत्र में हुए जान-माल के भारी नुकसान ने साबित कर दिया है कि हमारी सरकारें घटनाओं-दुर्घटनाओं से कुछ भी सीखने को तैयार नहीं हैं। हालाँकि बादल का फटना पहाड़ में सामान्य घटना है और इसे रोक पाना शायद किसी भी सरकार के लिये संभव नहीं है किंतु सरकारें
Posted on 31 Jul, 2016 10:02 AM बिहार ने बाढ़ के साथ जीना सीख लिया है और राजस्थान व गुजरात ने सुखाड़ के साथ। अब हम भी सीखें तो बेहतर होगा। व्यापक स्तर पर यह सीखना और करना इसलिये भी जरूरी है; क्योंकि अब अन्य विकल्प शेष नहीं है। इसरो के आँकड़े हैं कि थार का रेगिस्तान आठ किलोमीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। इस रफ्तार को थामना तो एक यक्ष प्रश्न जैसा है लेकिन इतना तो किया ही जा सकता है कि वर्तमान या आगामी समस्याओं
Posted on 28 Jul, 2016 01:44 PM दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, बंगलुरु या कोई भी दूसरा बड़ा शहर हो पानी की बोतलों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। कुछ दशक पहले तक बोतलबंद पानी का इस्तेमाल एक छोटा और अमीर कहलाने वाला तबका ही करता था या विदेश से आने वाले सैलानी पानी की बोतलें माँगते थे लेकिन अब शहरों में ही नहीं देहातों में भी सफर के दौरान या दुकानों पर पानी की बोतलें बहुत आराम से मिल जाती हैं
Posted on 28 Jul, 2016 12:11 PM जल भोजन है और अग्नि भोजन का भक्षक है! अग्नि जल में और जल अग्नि में विद्यमान है।
तैत्तरीय उपनिषद की इन पंक्तियों का अर्थ समझने के लिये हमें 2008 में बिहार की कोसी में आई बाढ़ और जुलाई 2005 में मुम्बई में हुई मूसलधार बारिश के बाद मची तबाही को देखना होगा।
पानी शीतलता का प्रतीक होता है, लेकिन हाल के दिनों में हुई बाढ़ की तबाही की ये घटनाएँ हमारी स्मृतियों में अब भी चुभन पैदा कर देती है। इस चुभन को इस साल भी महसूस किया जा रहा है, जब देश के अधिकांश हिस्से अब भी मानसूनी बारिश की बाट जोह रहे हैं, असम के तेजपुर जिले के कुछ हिस्से बाढ़ जून की तपती दोपहरी में डूबने के लिये मजबूर हो गए।
Posted on 26 Jul, 2016 11:02 AM बाढ़ के कारण क्षति मुख्य रूप से नदी के किनारों के ऊपर पानी बहने और परिणामतः नदियों के पास के क्षेत्रों में जलमग्न हो जाने से होता है। क्षति को कम करने के लिये, सुरक्षात्मक कदम उठाए जाते हैं जिनमें बाढ़ के प्रवाह को अवशोषित करने और विनियमित करने के लिये भंडारण बाँधों का निर्माण; जल प्लावन को रोकने के लिये तटबंधों का निर्माण आदि जैसे संरचनात्मक उपाय शामिल हैं