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नदियां
गंगा स्वच्छता के लिए जागरुकता आवश्यक
Posted on 04 Jun, 2019 12:42 PM
गंगा की अवरिता तथा निर्मलता व अस्मिता को छिन्न- भिन्न करने के लिए राजनेताओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। गंगा अपनी सफाई खुद कर लेती है। यह कार्य अनादि काल से होता आ रहा है। जिसके लिए बजट निर्गत करने की जरूरत है। इसके बाद भी गंगा की स्वच्छता खत्म हो रही है। इसके लिए लोगों को भी जागरुक होने की जरूरत है।
![ganga](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/ganga_68.jpg?itok=O8sAht9b)
सिंचाई विभाग से काम छीनने का किया विरोध
Posted on 11 May, 2019 11:40 AMसिंचाई विभाग को आवंटित त्यूनी-प्लासू तथा आराकोट-त्यूनी जल विद्युत परियोजना का काम छीनने का सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ ने विरोध किया है। महासंघ ने बैठक कर कहा कि यदि आवंटित परियोजनाएं साजिश के तहत यूजेवीएनएल को दी गई तो प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए महासंघ ने जल्द आंदोलन की रणनीति बनाने की बात कही है।
![office building main entrance of UJVNL](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/office-uttarakhand-vidyut-nigam-ltd_3.jpg?itok=BVyLcru5)
सहस्त्रधारा से अवैध खनन की मिट्टी पुलिस विभाग को जानी थी
Posted on 27 Apr, 2019 12:47 PM
पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा को बचाने की मुहिम में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। सहस्त्रधारा में एक बड़े हिस्से में अवैध रूप से पहाड़ खोदकर निकलने वाली मिट्टी पुलिस विभाग की देहरादून में बनने वाली एक बड़ी बिल्डिंग में भरान के लिए जानी थी। इसके लिए प्रॉपर्टी डीलर का एक आईपीएस से समझौता तक हो गया था।
नदी तंत्र पर मानवीय हस्तक्षेप और जलवायु बदलाव का प्रभाव
Posted on 16 Mar, 2019 06:09 AMआदिकाल से नदियाँ स्वच्छ जल का अमूल्य स्रोत रही हैं। उनके जल का उपयोग पेयजल आपूर्ति, निस्तार, आजीविका तथा खेती इत्यादि के लिये किया जाता रहा है। पिछले कुछ सालों से देश की अधिकांश नदियों के गैर-मानसूनी प्रवाह में कमी हो रही है, छोटी नदियाँ तेजी से सूख रही हैं और लगभग सभी नदी-तंत्रों में प्रदूषण बढ़ रहा है। यह स्थिति हिमालयीन नदियों में कम तथा भारतीय प्रायद्
![नदी तंत्र](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/river_8.png?itok=vLvDPcIu)
जन सुनवाई में जनता से खतरा क्यों
Posted on 01 Mar, 2019 10:42 PM27 फरवरी, 2019। जखोल साकरी बाँध, सुपिन नदी, जिला उत्तरकाशी, उत्तराखण्ड की 01 मार्च, 2019 को दूसरी पर्यावरणीय जनसुनवाई की घोषणा हुई है। इस बार जनसुनवाई का स्थल परियोजना स्थल क्षेत्र से 40 किलोमीटर दूर है। यह मोरी ब्लॉक में रखी गई है ताकि वह जनविरोध से बच जाए। सरकार ने प्रभावितों को उनकी भाषा में आज तक भी जानकारी नहीं दी जो कि वे आसानी से कर सकते थे।![जन सुनवाई में शामिल न किये जाने से आक्रोशित लोग](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Jakhol%20Sankri%20public%20hearing_3.jpg?itok=kHWOlmE8)
128 दिन के लम्बे उपवास पर सरकार गम्भीर नहीं
Posted on 28 Feb, 2019 05:44 PM15 दिन की जाँच समिति अस्वीकार
![सन्त आत्मबोधानंद](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/aatmabodhanand_3.jpg?itok=a5PG0xEW)