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नदियां
कैसे मरने दें गंगा को
Posted on 25 Jan, 2009 08:50 AMजब हरिद्वार में ही गंगा जल आचमन के योग्य नहीं रहा, तो इलाहाबाद और वाराणसी का क्या कहना- स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
अनेक वर्षों से मैं माघ मास की मौनी अमावस्या के पर्व पर प्रयाग जाता रहा हूं। कुछ वर्ष पूर्व जब मैं माघ मेले के अपने शिविर में जा रहा था, तब अनेक महात्माओं, कल्पवासियों एवं पुरी के शंकराचार्य जी आदि ने मुझे बताया कि गंगा की धारा अत्यंत क्षीण हो गई है और उसका जल लाल दिखाई दे रहा है। मुझे भी ले जाकर गंगा की वह स्थिति दिखाई गई। मैंने जब लोगों से गंगा की इस दुर्दशा का कारण जानना चाहा, तो पता चला कि गंगोत्री से नरौरा तक गंगा जी को कई स्थानों पर बांध दिया गया है, जिसके कारण हिमालय का यह पवित्र जल कई स्थानों पर ठहर कर सड़ रहा है, और जो जल दिखाई दे रहा है,
नर्मदा समग्र
Posted on 19 Jan, 2009 07:21 AMनर्मदा समग्र एक प्रयत्न है। नर्मदा नदी, एक जल स्त्रोत, एक आस्था को स्वस्थ, सुंदर और पवित्र बनाये रखने का यह एक प्रयास है। विश्व की अधिकांश संस्कृतियों का जन्म व विकास नदियों के किनारे हुआ है। भारत के ऋषियों ने पर्यावरण संतुलन के सूत्रों को ध्यान में रखकर समाज की नदियों, पहाडों, जंगलों व पशु-पक्षियों सहित पूरे संसार की ओर देखने की विशेष सह अस्तित्व की अवधारणा का विकास किया। उन्होंने पाषाण में भी
यमुना से खिलवाड़
Posted on 17 Jan, 2009 01:11 PMआख़िर अदालत ने यमुना किनारे राष्ट्रमंडल खेलों के लिए विभिन्न तरह के निर्माणों की इजाज़त दे ही दी। लेकिन, सवाल तो फिर भी है कि राष्ट्रमंडल खेल या एक नदी की ज़िन्दगी से खिलवाड़!जलधारा अभियान
Posted on 11 Nov, 2008 08:05 AMजयपुर शहर के उत्तर पश्चिम से निकल कर पश्चिम-दक्षिण होती हुई, ठूण्ड नदी से मिलने वाली, द्रव्यवती नदी, उर्फ अमानी शाह का नाला, जयपुर शहर की जीवन रेखा रही है। सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित सन् 1865- 66 के नक्शों में भी इस नदी को साफ तौर पर दर्शाया गया है। उसके बाद भी सर्वे आफ इंडिया द्वारा प्रकाशित नक्शों में नदी साफ तौर पर चिन्हित है। यदि नदी कहीं नहीं है, तो राजस्थान सरकार के राजस्व विभाग के रिकाबाढ़ की प्रलय और फल्गु नदी प्यासी
Posted on 25 Sep, 2008 11:44 AMपटना, 17 सितंबर । एक तरफ उत्तर बिहार की नदियां उफान पर हैं तो दूसरी तरफ दक्षिण बिहार के गया की फल्गु नदी में आज भी नहीं के बराबर पानी है।
एक तरफ बाढ़ के पानी से लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना के जवानों को लगाया गया है तो दूसरी तरफ फल्गु नदी में अपने पितरों की आत्मा को मुक्ति देने के लिए तर्पण करने वालों के लिए पानी नदी खोद कर निकालना पड़ रहा है।
गोदावरी का उद्गम त्रयंबकेश्वर
Posted on 22 Sep, 2008 12:20 AMत्रयंबकेश्वर के बाद और नासिक से पहले चक्रतीर्थ नामक एक कुंड है, यहीं से गोदावरी एक नदी के रूप में बहती नजर आती है। इसलिए बहुत से लोग चक्रतीर्थ को ही गोदावरी का प्रत्यक्ष उद्गम मानते हैं। नासिक से 35 किमी दूर त्रयंबक कस्बे में स्थित त्रयंबकेश्वर तीर्थ का महत्व दो कारणों से है, एक तो यह द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है और दूसरा दक्षिण की गंगा कही जाने वाली पावन नदी गोदावरी का उद्गम स्थल है। त्र
गोमती नदी में गंदा नाला डालने की कोशिश!
Posted on 21 Sep, 2008 11:00 PMजागरण/पीलीभीत। गोमती नदी के प्रदूषण को लेकर जहां राज्य सरकार चिंतित है, वहीं इस पौराणिक नदी के उद्गम स्थल पर गंदा नाला डालने की कोशिश की जा रही है। हालांकि मामले की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी ने फौरी तौर पर एक्शन लेने की हिदायत मातहत अफसरों को दी है। फिलहाल इस नदी की सफाई करने की पहल यहां भी किये जाने की जरूरत है।
क्या मैदानी क्या रेतीली- सभी जगह पानी की कमी
Posted on 20 Sep, 2008 07:42 AMतलहटी में भी पेयजल की समस्या / भरावन (हरदोई)। ऐसा नहीं है कि पेयजल की समस्या केवल मैदानी क्षेत्र भरावन में ही बनी हुई है। तपती धूप और निरंतर नीचे गिरता सतर गोमती नदी तलहटी में बसें गांवों भटपुर, कटका, महीठा के डालखेड़ा, लालपुर खाले, जाजपुर, बेहड़ा, नई गढ़ी इत्यादि गांवों में भी पेयजल की समस्या से लोग जुझ रहे है। गोमती नदी के किनारे बसे भटपुर गांव व सड़क के चौराहे पर भी पेयजल की गम्भीर स