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हरित कौशल को बढ़ावा (Promote green skills in Hindi)
पर्यावरणीय ज्ञान और पर्यावरणीय दृष्टिकोण के बीच सहसंबंध को व्यापक रूप से जाना जाता है। भारत में पर्यावरण के प्रति चिंताओं के कारण पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से युवाओं को संवेदनशील बनाने और उनके कौशल को मजबूत करने की मांग बढ़ रही है, जिसमें पर्यावरणीय रूप से सजग स्थायी भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है। Posted on 04 Oct, 2023 12:23 PM

पर्यावरणीय ज्ञान और पर्यावरणीय दृष्टिकोण के बीच सहसंबंध को व्यापक रूप से जाना जाता है। भारत में पर्यावरण के प्रति चिंताओं के कारण पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से युवाओं को संवेदनशील बनाने और उनके कौशल को मजबूत करने की मांग बढ़ रही है, जिसमें पर्यावरणीय रूप से सजग स्थायी भविष्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है। साहित्य से पता चलता है कि छात्र 'सुनने' की तुलना में 'करने से अधिक प्रभावी ढंग से सीखते हैं

हरित कौशल को बढ़ावा
प्रशासन से ले कर गाँव तक विभिन्न हितधारकों का नज़रिया, जेजेएम-पीएमयू सिक्किम
सिक्किम में कुल 1,31,880 परिवार (एचएच) हैं, जिनमें से 90,626 एचएच (68.72%) के पास नल जल आपूर्ति है। सिक्किम में कुल 439 गाँव हैं, जिनमें 84 गांवों में 100% परिवारों के पास नल कनेक्शन हैं और 19 गाँव 'हर घर जल' प्रमाणित हैं। Posted on 18 Sep, 2023 04:46 PM

जेजेएम एक अवसंरचना विकास कार्यक्रम

सिक्किम राज्य शांति और नीरव भूमि के रूप में पहचाना जाता है, क्योंकि यह हिमालय के स्प्रिंग स्रोतों से धन्य है जो अच्छी गुणवत्ता और प्रचुर मात्रा में पानी प्रदान करते हैं। इसे 2016 और 2018 में भारत में 'सबसे स्वच्छ राज्य' के रूप में सम्मानित किया गया। यह पूर्वी हिमालयी क्षेत्र भी 'हर घर जल' प्राप्त करने की दिशा में अग्रणी राज्यो

सिक्किम स्प्रिंग स्रोत
दमचोक गाँव के घरों में पहुंचा नल से जल,लद्दाख
सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए दमचोक के ग्राम प्रधान एवं नंबरदार श्री कर्मा एशाय कहते हैं, 'पहले हमें दूर-दराज की जल धाराओं से पानी लाना पड़ता था और सर्दियों में कभी-कभार सेना के टैंकरों से बहुत मदद मिलती थी। लेकिन आज जल जीवन मिशन के तहत हर दरवाजे पर पानी का कनेक्शन हमारे लिए एक सपने के सच होने और जीवन बदलने वाली आजादी जैसा है। मैं इस नेक कदम के लिए सरकार और सभी अधिकारियों को धन्यवाद देना चाहता हूँ।   Posted on 18 Sep, 2023 04:25 PM

लेह  जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा से पहले अंतिम लद्दाखी गांव दमचोक के ग्रामीणों के लिए घर पर नल से निर्बाध बहता पानी पाना अब कोई सपना नहीं रह गया है। इस शून्य-सीमा वाले गाँव में पानी लाने के लिए ग्रामीणों द्वारा सुबह के समय को कोई मेहनत नहीं करनी पड़ती है क्योंकि उन्हें अब अपने घरों में नल का पानी मिल रहा है।

दमचोक गाँव के घरों में पहुंचा नल से जल
वायु प्रदूषण घटा रहा है उम्र
शिकागो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स-2023 भयावह तस्वीर प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित देश और दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित शहर है। रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वच्छ हवा के मानकों पर खरी उतरती हो । Posted on 15 Sep, 2023 05:24 PM

वायु प्रदूषण अब नासूर बन गया है। यह सिर्फ सर्दी के मौसम की नहीं, सालभर रहने वाली समस्या बन चुका है। प्रदूषण का ज्यादा स्तर लोगों की उम्र पर बुरा असर डाल रहा है। देश में रह रहे लोगों की औसत उम्र में 5.3 वर्ष की कमी आई है। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा पांच वर्ष का था। एनसीआर की स्थिति और भी खराब है। यहां रहने वालों की उम्र औसतन 11.9 वर्ष तक घट रही है, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 10 वर्ष का था । इसका मतल

वायु प्रदूषण घटा रहा है उम्र
हरियाली से है प्रकृति का श्रृंगार
प्रकृति का विषय जब आता है तो हरी-भरी धरती, गहरा- गहरा विशाल समुद्र, सफेद चमकते पर्वतआदि की कल्पना मन में आ जाती है, जो आज सफेद कागजों पर लिखी नीली स्याही के समान समय के साथ धीरे- धीरे विलीन होता जा रहा है। मिट्टी की उपजाऊ शक्ति और मिट्टी की बनावट का संरक्षण किए बिना सघन खेती करते रहे तो हरी- भरी जमीनें रेगिस्तानों में बदल जाएंगी। पानी के निकास का प्रबंध किए बिना सिंचाई करते रहे तो मिट्टियां कल्लर या रेतीली हो जाएंगी। Posted on 15 Sep, 2023 05:06 PM

प्रकृति का नाम आते ही भूपटल के वृहद पक्षों पर अपने चारों ओर फैले नीले आकाश, हरी-भरी धरती, गहरा- गहरा विशाल समुद्र, सफेद चमकते पर्वत, लहलहाती फसलें, फूलों से लदे वृक्ष, पक्षियों का कलरव, झरनों की मधुर ध्वनि, जंगलों की गहरी गूंज तथा विशाल क्षेत्र में फैले मरुस्थल आदि की कल्पना 'मन में आ जाती है।

हरियाली से है प्रकृति का श्रृंगार
पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन एवं पर्यावरण प्रबंधन
पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ई.आई.ए.) एक ऐसी महत्वपूर्ण विधा है जिसके द्वारा किसी भी परियोजना / क्रियाकलाप से संबंधित निर्णय लेते समय, उससे पर्यावरण प्रबंधन संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाता है ताकि सतत् विकास सुनिश्चित किया जा सके कुछ वर्षों पूर्व परियोजनाओं को केवल तकनीकी एवं वित्तीय व्यावहारिकता (फाइनेंशियल लायबिलिटी) के आधार पर ही आंकलन किया जाता था एवं अनुमति दी जाती थी, लेकिन ई.आई.ए. की विधा किसी भी परियोजना क्रियाकलाप के क्रियान्वयन सहमति के लिए यह भी आवश्यक हो गया कि यह पर्यावरण की दृष्टि से भी अनुकूल हो Posted on 14 Sep, 2023 12:54 PM

सारांश : 

पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ई.आई.ए.) एक ऐसी महत्वपूर्ण विधा है जिसके द्वारा किसी भी परियोजना / क्रियाकलाप से संबंधित निर्णय लेते समय, उससे पर्यावरण प्रबंधन संबंधित मुद्दों को शामिल किया जाता है ताकि सतत् विकास सुनिश्चित किया जा सके कुछ वर्षों पूर्व परियोजनाओं को केवल तकनीकी एवं वित्तीय व्यावहारिकता (फाइनेंशियल लायबिलिटी) के आधार पर ही आंकलन किया जाता थ

पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन एवं पर्यावरण प्रबंधन
महासागर एवं जलवायु परिवर्तन (Oceans and Climate Change in Hindi)
महासागर पानी के वो अथाह समूह हैं जो धरती के सातों महाद्वीपों को अलग-अलग करते हैं अंतरिक्ष से पृथ्वी नीले रंग की दिखाई देती है जिसका कारण ये महासागर ही हैं। सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन जैसी अद्भुत प्राकृतिक घटना के कारण नीले रंग का प्रतीत होता समुद्री जल पृथ्वी को 'नीले ग्रह' की संज्ञा दिलाता है। Posted on 13 Sep, 2023 02:26 PM

धरती ग्रह पर जीवन का उद्भव महासागरों में ही हुआ। महासागर पृथ्वी के लगभग तीन-चौथाई क्षेत्रफल में विस्तृत हैं और ये अथाह जल का विशालकाय भंडार हैं। धरती पर उपलब्ध कुल जल - राशि का 97% हिस्सा इसके 71% भाग पर फैले इन्हीं महासागरों में समाहित है और इन महासागरों में समाया संपूर्ण जल सोडियम क्लोराइड, मैग्नीशियम क्लोराइड जैसे लवणों की मौजूदगी के कारण खारा है। 

महासागर,असीम जैवविविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
मृदा अपरदन और संरक्षण (Soil Erosion and Conservation in Hindi)
बढ़ती आबादी के कारण इमारती लकड़ी, ईंधन की मांग, खेती के विस्तार आदि के कारण समस्या विस्फोटक रूप लेती जा रही है। इसके अलावा, खेतों में भूमि के प्रयोग में गलत पद्धतियों के अपनाने से भी समस्या बढ़ती जा रही है।मिट्टी के संरक्षण में केवल मृदा अपरदन पर काबू पाना ही शामिल नहीं है, बल्कि मिट्टी अथवा मृदा की कमियों को दूर करने, खाद और उर्वरक का प्रयोग, सही तरीके से बारी-बारी से फसल उगाना, सिंचाई, जल निकासी, आदि अनेक पक्ष भी इसके अंतर्गत आते हैं। इस व्यापक प्रक्रिया का लक्ष्य उच्च स्तर तक मृदा की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाना है। Posted on 13 Sep, 2023 01:09 PM

मिट्टी के संरक्षण में केवल मृदा अपरदन पर काबू पाना ही शामिल नहीं है, बल्कि मिट्टी अथवा मृदा की कमियों को दूर करने, खाद और उर्वरक का प्रयोग, सही तरीके से बारी-बारी से फसल उगाना, सिंचाई, जल निकासी, आदि अनेक पक्ष भी इसके अंतर्गत आते हैं। इस व्यापक प्रक्रिया का लक्ष्य उच्च स्तर तक मृदा की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाना है। इस अर्थ में, मृदा संरक्षण, सामान्यतः, भूमि के इस्तेमाल में सुधार लाने के उद्देश्य से

मृदा अपरदन
हर घर जल स्वास्थ्य, पोषण - और जीवन की गुणवत्ता में सुधार
15 अगस्त, 2019 को शुरू हुए जल जीवन मिशन के बाद यह नल कनेक्शनों की कवरेज में तीन गुना की वृद्धि है। ओडिशा भी नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के अपने निरंतर प्रयासों से राष्ट्रीय औसत प्रतिशत के करीब पहुँच रहा है क्योंकि राज्य में अब तक 48% से ज़्यादा ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन उपलब्ध कराये जा चुके हैं, जबकि इस मिशन की शुरुआत के समय ओड़ीशा में कवरेज केवल 3.51% ही था। Posted on 12 Sep, 2023 05:13 PM

आज देश में 50% से ज़्यादा ग्रामीण आबादी को उनके ही घर में नल से पेयजल की आपूर्ति होने लगी है। कुल 19.21 करोड़ ग्रामीण घरों में से अब 9.75 करोड़ घरों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति नल कनेक्शन से होने लगी है। 15 अगस्त, 2019 को शुरू हुए जल जीवन मिशन के बाद यह नल कनेक्शनों की कवरेज में तीन गुना की वृद्धि है। ओडिशा भी नल कनेक्शन उपलब्ध कराने के अपने निरंतर प्रयासों से राष्ट्रीय औसत प्रतिशत के करीब पहुँच

हर घर जल शुद्ध पेयजल कनेक्शन
संसाधन संरक्षण की सामान्य विवेचना की झाँकी में जल संरक्षण की उपयोगिता एवं उपाय
देश काल क्षेत्र एवं परिस्थितियों के अनुसार संसाधनों की उपलब्धता वहाँ की जनसंख्या, उसकी मांग एवं जीवन स्तर, विदोहन, उपयोग की दिशा तथा परिमाण पर निर्भर है तथा इसका अविवेकपूर्ण दोहन तथा अनियंत्रित उपयोग अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दे सकता है। या तो वे सम्पूर्ण रूप से समाप्त हो जायेंगे अथवा रूप परिवर्तन अथवा प्रदूषण के फलस्वरूप निष्प्रभावी हो जायेंगे और नहीं तो पर्यावरणीय समस्या पैदा कर देंगे। Posted on 07 Sep, 2023 11:25 AM

प्रस्तावना

'संसाधन' अथवा 'रिसोर्स' का दृष्टिकोण वास्तव में बहुत व्यापक है। इसका अर्थ है - लंबी अवधि का साधन । परन्तु सही अर्थों में इस अर्थ के पीछे मनुष्य मात्र की आवश्यकता की पूर्ति का दृष्टिकोण समाहित है । यह कहीं दृष्टव्य है तो कहीं अदृश्य। समय के साथ-साथ यह परिवर्तनशील है। किसी समय यदि कोई वस्तु मानव आवश्यकता की पूर्ति में सक्षम है तो अन्य किसी समय में कोई

प्राकृतिक संसाधन
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