Posted on 02 Aug, 2016 04:47 PM भारत की जनसंख्या की कुल आबादी का अधिकांश भाग ग्रामीण अंचलों में बसता है। जिसके जीवन का मूल आधार कृषि पर निर्भर एवं ग्रामीण किसान व आम जनमानस का भरण-पोषण एवं पालन रोजगार के साधन की आर्थिक निर्भरता पर निहित है। आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री स्व.
Posted on 02 Aug, 2016 04:24 PM प्रयाग में संगम तट क्षेत्र में माघ में प्रतिवर्ष लगने वाला संत मेला ‘खिचड़ी’ से प्रारंभ होकर ‘शिवरात्रि’ के बाद समापन हो जाता है। माघ मेले में देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग आते हैं। बहुत से लोग ‘कल्पवास’ भी करते हैं। माघ मेले के दौरान गंगा तट पर यदि आपने कुछ दिन निवास किया होगा अथवा प्रात:काल स्नान के लिये गए होंगे, तो आपने निश्चित रूप से कुछ लोगों को गंगा तट के निकट वृक्षों के नीचे बै
Posted on 02 Aug, 2016 03:37 PM धरती के ताप का बढ़ना पूरी दुनिया के लिये चिंताजनक एवं चिंतनीय विषय है। वैज्ञानिकों एवं समाजशास्त्रियों ने अपने नवीनतम अध्ययनों में पाया है कि ग्रीनहाउस गैसों के ताबड़तोड़ उत्सर्जन पर प्रभावी रोक नहीं लगा पाने के कारण ग्लोबल वार्मिंग की विश्वव्यापी समस्या और गंभीर होने लगी है और इससे नई बीमारियों तथा अन्य पर्यावरणीय संकट के फैलने का खतरा बढ़ गया है। वस्तुत: आज संपूर्ण विश्व के सामने अनन्य आर्थिक-
Posted on 01 Aug, 2016 03:43 PM स्वीडन मूल के वैज्ञानिक स्वांते आरहेनियस ने मत रखा था कि जीवाश्म ईंधन के प्रज्जवलन से ग्लोबल वार्मिंग संभव है। परंतु इसका मत सन 1980 में उस समय सत्यापित हो सकता जब तीव्रता से अनियमित हो रहे मौसम ने पूरे विश्व को जकड़ लिया था। मनुष्य ने अंजाने में ही विकास और औद्योगिकीकरण के नाम पर अपने माइक्रो तथा मैक्रो इंवायरमेंट को परिवर्तित कर दिया था।
Posted on 01 Aug, 2016 03:11 PM बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के फैजाबाद मंडल के चार जिलों में से एक है। यह घाघरा व गोमती की सम्यांतर धाराओं के बीच स्थित है। कृषि वातावरण तालिका में बाराबंकी को उत्तर प्रदेश पूर्वी समतल क्षेत्र में रखा गया है। बाराबंकी में औसत वार्षिक वर्षा 1002.7 मिमी होती है, जो कि जून से लेकर अक्टूबर के बीच होती है (तालिका-1)।
Posted on 01 Aug, 2016 02:20 PM पृथ्वी की सतह पर, भूकम्प अपने आप को, भूमि को हिलाकर या विस्थापित करके प्रकट करता है। जब एक बड़ा भूकम्प अधिकेंद्र (एपीसेंटर) अपतटीय स्थिति में होता है, यह समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारण बनता है, जो सुनामी का कारण है। भूकम्प के झटके कभी-कभी भूस्खलन और ज्वालामुखी गतिविधियों को भी पैदा कर सकते हैं। भूकम्प पृथ्वी की परत (क्रस्ट) से