पुस्तकें और पुस्तक समीक्षा

Term Path Alias

/sub-categories/books-and-book-reviews

गंगा-छवि
Posted on 04 Jul, 2013 03:29 PM नव उज्जल जलधार हार हीरक सी सोहति।
बिच बिच छहरति बूंद मध्य मुक्ता मनि पोहति।
लोल लहर लहि पवन एक पै इक इमि आवत।
जिमि नर-गन मन विविध मनोरथ करत मिटावत।
सुभग स्वर्ग सोपान सरिस सब के मन भावत।
दरसन मज्जन पान त्रिविध भय दूर मिटावत।
श्रीहरि-पद-नख-चंद्रकांत-मनि-द्रवित सुधारस।
ब्रह्म कमंडल मंडन भव खंडन सुर सरबस।
शिव-सिर-मालति-माल भगीरथ नृपति-पुण्य-फल।
यमुना-छवि
Posted on 04 Jul, 2013 03:13 PM तरनि-तनुजा-तट तमाल तरुवर बहु छाए।
झुके कूल सौं जल-परसन-हित मनहु सुहाए।।
किधौं मुकुर में लखत उझकि सब निज-निज शोभा।
कै प्रनवत जल जानि परम पावन फल लोभा।।
मनु आतप-वारन तीर कौ, सिमिट सबैं छाए रहत।
कै हरि-सेवा-हित नै रहै निरखि नैन नित सुख लहत।।

कहुँ तीर पर अमल कमल सोभित बहु भाँतिन।
कहुँ सैवालिन मध्य कुमुदिनी लगि रहि पाँतिन।।
गंगा की पुकार हर दरिया का आधार
Posted on 17 Jun, 2013 03:57 PM तुम मेरी धार पर कतार बनके आए हो
मेरी अपनी जिंदगी का आधार बनके आए हो
आज मैं दुखी हूं और तुम भी दुखी हो
अरे अपने घर पर संभालो मुझको
मैं भी सुखी और तुम भी सुखी हो
हां हैं बंधनों से बहुत शिकायत तुम्हारे
फिर भी बताओ कब न आई, सर से लेकर घर तक तुम्हारे
हाय तुमसे मुझको संभाला न गया
कलशों में भरकर ले जाते हो,
मुझे बड़ी श्रद्धा के साथ
कोयला ढोर
Posted on 11 Jun, 2013 12:48 PM एकदिन मेरे गांव
पाकुड में भी आया विकास
साथ लाया एक लंबी
काली-सर्पीली सड़क खास
जो बांट गई पानी
पाट गई पोखर
लील गई खेत
बना गई हमें कामचोर।

फिर आये कतार दर कतार
ट्रक ही ट्रक
सिखा गए बेईमानी
बना गए
कोयला ढोर।

अब हर रोज रहता है
मुझे इनका इंतजार
मैं इन्हें रोक लूट लेता हूं
थोड़ा थोड़ा कोयला
coal
चीन ने छोड़ा, भारत ने ओढ़ा
Posted on 20 May, 2013 02:07 PM चीन का तथाकथित अनुभव बटोरने से सत्रह वर्ष पूर्व बाढ़ नियंत्रण के उपायों पर बिहार में विचार-विमर्श की
पीली नदी का प्रपंच
Posted on 20 May, 2013 02:02 PM पीली नदी के इलाके में बाढ़ नियंत्रण की असली तस्वीर कुछ और थी। हमार
बाढ़ नियंत्रण की कोसी यात्रा
Posted on 17 May, 2013 04:12 PM

बड़े बांधों की अवधारणा पर आज देश के लगभग हर इलाके में सिर्फ उसके विनाशकारी परिणामों के संदर्भ में ही नहीं, बल्कि

आतंक बनाम आकर्षण
Posted on 06 May, 2013 04:10 PM

नदी बांधने की आकर्षक अनिवार्यता का परिणाम यह है कि आज यह सवाल भी गौण हो गया है कि युद्ध का वही

गुजरात भूकंप : कुछ सुझाव
Posted on 29 Apr, 2013 10:12 AM राष्ट्रीय तथा आंचलिक स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं के स्वरूप तथा उसके
×