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बहाल होंगे 45 हजार स्वच्छता दूत
Posted on 07 Sep, 2014 10:30 AM खुले में शौचराज्य में 45 हजार स्वच्छता दूतों की नियुक्ति शीघ्र होगी। इनकी चयन प्रक्रिया, कर्तव्य एवं कार्य के संबंध में मार्गदर्शिका भी तैयार कर ली गई है। स्वच्छता संबंधी लक्ष
वाटर ट्रीटमेंट या नर्मदा मिलाकर शुद्ध करें खान
Posted on 06 Sep, 2014 01:01 PM खान नदीउनका पेशा ही जल से जुड़ा है। मध्य प्रदेश और गुजरात की कई नदियों का तकनीकी अध्ययन उनके लंबे कार्य अनुभव का हिस्सा है। खान नदी के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर आइए जानते हैं नर्म
हिमालयी क्षेत्र में वृक्षारोपण पर एक हजार करोड़ खर्च
Posted on 06 Sep, 2014 11:51 AM हिमालय में वनीकरणसरकार ने हिमालयी क्षेत्र के दस राज्यों में पारिस्थितिकी संतुलन के लिए राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम के तहत पांच लाख 80 हजार हेक्टेयर भूमि का वनीकरण किया है,
जल के बिना जीवन अधूरा
Posted on 01 Sep, 2014 04:34 PM विश्व के करीब चार प्रतिशत जल स्रोतों के रहते भारत को जल अतिरेक वाला
वर्ल्ड हैरिटेज लिस्ट में भारत की साइट्स
Posted on 17 Aug, 2014 02:55 PM दोस्तों, यूनेस्को (यूनाइटेड नेशनल एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनाइजेशन) ने हाल ही में वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में भारत की दो साइट्स को शामिल किया है। इनमें कल्चरल साइट्स की कैटेगरी में गुजरात के पाटण स्थित रानी की वाव और नेचुरल साइट्स की कैटेगरी में हिमाचल प्रदेश के कुल्लू स्थित ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क शामिल है।
नालों में बहा दिया 4 करोड़ लीटर ‘अमृत’
Posted on 17 Aug, 2014 11:13 AM

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का मूल उद्देश्य बरसात के पानी को बर्बाद होने से रोकना है। भूगर्भीय

पानी की कहानी दीदी की जुबानी
Posted on 17 Aug, 2014 10:59 AM आज भी झुग्गियों में रहने वाले लोगों को उनके उपयोग का सिर्फ तीस प्रत
ऐसे बनता है पानी
Posted on 17 Aug, 2014 10:33 AM

बोतलबंद पानी पर ‘परिवर्तन’ की खोजी रिपोर्ट


क्यों है खास चातुर्मास
Posted on 28 Jul, 2014 11:06 AM भारत के पारंपरिक ज्ञानतंत्र की इस खूबी को अत्यंत बारीकी से समझने की जरूरत है कि एक ओर तो वह देवताओं के सो जाने का तर्क सामने रखे आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी से शुरु चौमासे में विवाह लग्न आदि कई शुभ कार्यों की इजाजत नहीं देता, दूसरी ओर इस पावसी चौमासे मेंं इतने महत्वपूर्ण मौके आते हैं कि उन्हें हम पूरी श्रद्धा और नियम से निभाने का प्रावधान है।
rain
अभी से रखनी होगी तैयारी
Posted on 27 Jul, 2014 03:50 PM इस कहानी को बताने की वजह थी कि अकाल की स्थिति में विश्वामित्र जैसे विचारवान पुरुष का कहां तक पतन हो जाता है। अपने स्थान से च्यूत होने के बाद मांगी भीख नहीं मिलती है और तब पैदा हुई परिस्थिति दुर्भिक्ष कहलाती है।
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