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समाचार और आलेख
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (NPPCF) के बारे में सूचना के लिए आवेदन (Right to Information Application for NPPCF)
Posted on 28 May, 2016 07:01 PMसेवा में,
नदी जोड़ परियोजना - गम्भीर होती परिस्थितियों से तालमेल जरूरी
Posted on 23 May, 2016 02:04 PM
सन 1858 में सर आर्थर थामस कार्टन ने विदेशी माल ढुलाई का खर्च कम करने के लिये दक्षिण भारत की नदियों को जोड़ने का सुझाव दिया था। उसके बाद, सन 1972 में डॉ. केएल राव ने गंगा और कावेरी नदी को जोड़ने का सुझाव दिया। लगभग 30 सालों तक प्रस्ताव परीक्षणाधीन रहा और अन्ततः आर्थिक तथा तकनीकी आधार पर अनुपयुक्त होने के कारण खारिज हुआ।
जल संकट - राहत नहीं समाधान चाहिए
Posted on 20 May, 2016 10:59 AM
मौजूदा जल संकट बेहद गम्भीर है। उसे तत्काल समाधान की आवश्यकता है क्योंकि देश के दस राज्यों की लगभग 70 करोड़ आबादी सूखे से प्रभावित है। प्रभावित आबादी का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों से है। इन इलाकों में पानी का मुख्य स्रोत कुएँ, तालाब, नदी या नलकूप हैं। वे ही सूख रहे हैं। प्रभावित लोग पानी के लिये तरस रहे हैं।
संविधान, जल नीति और मौजूदा जल संकट
Posted on 08 May, 2016 03:11 PMमौजूदा जल संकट की गम्भीरता का अनुमान सुप्रीम कोर्ट की 6 अप्रैल 2016 की उस टिप्पणी से लगाया जा सकता हैं जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से कहा है कि देश के दस राज्य सूखे की मार झेल रहे हैं। पारा 45 डिग्री पर पहुँच रहा है। लोगों के पास पीने का पानी नहीं है। उनकी मदद कीजिए। हालात बताते हैं कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, कर्नाटक, ओड़िशा
मानसून पूर्वानुमानों का सन्देश
Posted on 18 Apr, 2016 09:59 AM
देश के अलग-अलग राज्यों खासकर मराठवाड़ा, बुन्देलखण्ड और अन्य अंचलों में गहरा रहे मौजूदा जल संकट की परेशान करने वाली खबरों के बीच मौसम विभाग और स्काइमेट का हालिया पूर्वानुमान, काफी हद तक राहत प्रदान करता है। यह राहत 2016-17 के लिये है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में बताया है कि इस साल मानसून समय पर आएगा। जून से लेकर सितम्बर के बीच 106 प्रतिशत तक बारिश (अधिकतम पाँच प्रतिशत घट-बढ़) हो सकती है। अर्थात इस साल कम-से-कम 101 प्रतिशत और अधिक-से-अधिक 111 प्रतिशत वर्षा होने की सम्भावना है।