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समाचार और आलेख
सहस्त्रधारा-बाल्दी नदी के सभी कब्जे हटाए जाएं - एनजीटी
Posted on 17 Jun, 2023 05:06 PM5 जून 2023, देहरादून,
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय
Posted on 16 Jun, 2023 01:18 PMआज गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय दस्तक दे दी है । हर तरफ इसी चक्रवाती तूफान की चर्चा हो रही है। आखिर बिपरजॉय चक्रवात क्या है और कितना ये खतरनाक है इसको समझने से पहले हमें चक्रवाती तूफान होता क्या है उसको समझना होगा।
मृदा आर्द्रता संवेदक का गुरुत्वाकर्षण प्रणाली के साथ निष्पादन एवं मूल्यांकन
Posted on 12 Jun, 2023 10:58 AMप्रस्तावना
भूमि और जल संसाधन कृषि की बुनियादी जरूरते हैं और किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए यह दोनों संसाधन बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह सर्वविदित है कि बढ़ती आबादी के कारण इन संसाधनों की माँग लगातार बढ़ती रहेगी। वर्तमान में खाद्य आपूर्ति की तुलना में विश्व की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है दुनिया में कुल 3% ही जल उपयोग हेतु उपलब्ध है जबकि भारत में केवल 2.4% भू-भा
पंजाब में टिकाऊ कृषि हेतु जलसंसाधनों का प्रबंधन
Posted on 10 Jun, 2023 01:33 PMप्रस्तावना
हमारे देश में उपलब्ध कुल जल संसाधनों की 85% से अधिक खपत कृषि के क्षेत्र में होती है और इसमें से हम भूजल द्वारा ही फसलों की 72% से अधिक सिंचाई की माँग को पूरा करते हैं जिससे देश में उपलब्ध भूजल संसाधनों पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा हैं। इन भूजल संसाधनों में आ रही गिरावट के मुख्य कारण हर साल नलकूपों की संख्या में वृद्धि, वर्षा की असमान प्रवृत्ति, प्रचलित
सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एक बेहतर विकल्प
Posted on 09 Jun, 2023 04:47 PMकिसी भी देश को आगे ले जाने के लिए कृषि के योगदान को नकारा नहीं जा सकता।क्योंकि कृषि का योगदान प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में सहायक होता है जबकि ऐसे समय में जब जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और उस जनसंख्या की खाद्य पूर्ति एवं अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हमें और अधिक उत्पादन की जरूरत पड़ेगी, पर इस बढते हुए जनसंख्या को खिलाने के लिए हमारे पास जो उपलब्ध संसाधन है
नहरी कमांड क्षेत्र के तहत जल उत्पादकता में वृद्धि के विकल्प
Posted on 09 Jun, 2023 03:23 PMप्रस्तावना
भारत में लगभग 140 मिलियन हेक्टेयर खेती योग्य भूमि में से वर्ष 1950-51 के दौरान नहर से सिंचित कुल क्षेत्र 83 मिलियन हेक्टेयर ही रिपोर्ट किया जा चुका है जो अब वर्तमान में 17 मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ गया है। इसके बावजूद भी वर्ष 1951 में नहरों का सापेक्ष महत्व 40% से घटकर वर्ष 2010-11 में 26% तक घट गया है (धवन, 2017)। चूंकि, आजकल नहर से सिंचाई करने में कई ब
मोबाइल एप आधारित रिमोट संचालित पंप प्रणाली
Posted on 09 Jun, 2023 02:21 PMप्रस्तावना
हम कृषि की विभिन्न उन्नत तकनीकों को अपनाने के कारण खाद्यान उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर चुके हैं जो उत्पादन पद्धति में अधिकत्तम उत्पादन और निम्नतम जोखिम को सुनिश्चित करती हैं। इसके अतिरिक्त मशीनीकरण और कठिन परिश्रम को कम करने वाली तकनीकों ने किसानों की कामकाजी और जीवन स्तर की स्थितियों में सुधार किया है। लेकिन आज भी किसानों को अपने खेत की सिंच
नहर के अंतिम छोर पर सिंचाई जल की कम उपलब्धता की स्थिति में अरहर के साथ उड़द / धान की उन्नत खेती
Posted on 08 Jun, 2023 05:45 PMप्रस्तावना
यह सर्वविदित है कि जिस प्रकार से मनुष्य को अपनी शारीरिक आवश्यकता के हेतु जल की आवश्यकता पड़ती है वैसे ही पौधों को भी अपनी जरूरतें पूरी करने के लिये जल की आवश्यकता पड़ती है। पौधों के लिये कई प्रकार के खनिज तत्व एवं रासायनिक यौगिक मृदा में मौजूद रहते हैं। लेकिन पौधे उन्हें ठीक तरह से ग्रहण नहीं कर सकते हैं मृदा में उपस्थित जल इन तत्वों को घोल कर जड़ों
जल विज्ञान और जल की गुणवत्ता के मॉडल द्वारा शिवनाथ उप - बेसिन के समस्याग्रस्त जल ग्रहण क्षेत्रों के प्रबंधन हेतु सुझाव
Posted on 08 Jun, 2023 04:25 PMप्रस्तावना
जल विज्ञान और जल गुणवत्ता की जांच किसी भी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन कार्यक्रम के लिए बहुत ही आवश्यक है। शिवनाथ उप बेसिन, महानदी बेसिन की सबसे लंबी सहायक नदी है। शिवनाथ उप बेसिन का कुल जलग्रहण क्षेत्र 29,638.9 वर्ग किलोमीटर है। शिवनाथ उप-बेसिन 80 डिग्री 25' से 82 डिग्री 35' पूर्व देशांतर तथा 20डिग्री 16' से 22 डिग्री 41' उत्तर अक्षांश के बीच एवं औसत समु
मछली पालन आधारित एकीकृत खेती पद्धति और खेत पर जल प्रबंधन: आदिवासी किसानों हेतु वरदान
Posted on 08 Jun, 2023 04:19 PMप्रस्तावना
जातीय अल्पसंख्यक (उप जनजाति) समुदाय, जिन्हें आमतौर पर आदिवासी के रूप में जाना जाता है जो भारतीय आबादी के सबसे अधिक गरीबी वाले क्षेत्रों में रहते हैं.