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समाचार और आलेख
घटते जल संसाधनों में फसलोत्पादन में वृद्धि के लिए वाषोत्सर्जन आधारित जल प्रबंधन एक उचित प्रौद्योगिकी
Posted on 02 Jun, 2023 01:42 PMपानी सबसे कीमती प्राकृतिक संसाधन है जो धीरे-धीरे दुनिया भर में सीमित संसाधन बनता जा रहा है। दुनिया की एक तिहाई से अधिक आबादी को वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा। दुनिया के वर्षावन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होते हैं जो पहले से ही जनसंख्या का भारी सकेंद्रण कर रहे हैं। भारत में भी स्थिति गंभीर है, जहां पानी की कमी पहले से ही अधिकांश आबादी को प्रभावित कर रही है। कृषि, भारत
![घटते जल संसाधनों में फसलोत्पादन,PC-JAGARN](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/drip-3.jpg?itok=yWET_NZx)
फसल विविधीकरण से किसान की बढ़ी आमदनी
Posted on 02 Jun, 2023 12:53 PMश्री रामचेला सिंह पिता स्व० बालरूप सिंह, ग्राम चैनपुरा, पोस्ट अधौरा, जिला- कैमूर (बिहार) के जागरूक एवं नवाचारी आदिवासी किसान हैं। उनके पास खेती योग्य 2.4 हेक्टेयर पठारी जमीन कर्मनाशा नदी के तट पर है। नवाचारी किसान के पास सीमित साधन के होते हुए भी सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। पहले वे परंपरागत ढंग से धान, मक्का, तिल, गेहूँ, चना, मटर, सरसों एवं आलू की खेती करते थे परंतु कृषि विज्ञान केन्द्र, कैमूर
![फसल विविधीकरण से किसान की बढ़ी आमदनी,PC-भारतवर्ष](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%AB%E0%A4%B8%E0%A4%B2%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A3%20%E0%A4%B8%E0%A5%87%20%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%20%E0%A4%95%E0%A5%80%20%E0%A4%AC%E0%A4%A2%E0%A4%BC%E0%A5%80%20%E0%A4%86%E0%A4%AE%E0%A4%A6%E0%A4%A8%E0%A5%80.jpg?itok=gsyrmwrt)
छोटी नदियाँ, बड़ी उम्मीदें
Posted on 02 Jun, 2023 12:15 PMनदियाँ प्रकृति का मानवता को अनमोल तोहफा है। विश्व में नदियों के किनारे सभ्यताएं विकासित हुई। आज वही नदियाँ अपने अस्तित्व के लिए मनुष्य से सभ्य आचरण की उम्मीद कर रही है। नदी और मनुष्य का अस्तित्व पारस्परिक सहजीविता की तरह एक-दूसरे पर निर्भर है। हम यदि आज प्रयास करेंगे तो कल नदियाँ जीवित रहेगी और यदि नदियाँ जीवित रहेगी तो मनुष्य का अस्तित्व भी सुरक्षित रहेगा।
![छोटी नदियाँ,बड़ी उम्मीदें,Pc-lovepik](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/%E0%A4%9B%E0%A5%8B%E0%A4%9F%E0%A5%80%20%E0%A4%A8%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%81.jpg?itok=DJmzMhBB)
पूर्व चेतावनी प्रणाली
Posted on 01 Jun, 2023 02:09 PMपूर्व चेतावनी प्रणाली वह सिस्टम है जो कि समुदायों की व्यापारिक सम्प्पति, जायदाद आदि का संरक्षण ,रखरखाव और संचालन , पशु एवं वन्य जीवन आदि को बचाने के लिए जल्द से जल्द आवश्यक जानकारी और डेटा प्रदान करके और पूर्व चेतावनी के अन्तर्गत (आपदा के सन्दर्भ) में समय से बचने के उपायों को अपनाकर मानव एवं पशु जीवन को बचाने में मदद करता है और सम्पत्ति के नुकसान को कई हद तक काम कर सकता है।
![पूर्व चेतावनी प्रणाली,Pc-साइंस डायरेक्ट](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Early%20Warning%20system.jpg?itok=v2m4GEFU)
कम वर्षा वाले क्षेत्रों में नहरी कमांड के तहत ड्रिप सिंचाई पद्धति द्वारा कपास (सफेद सोना) की खेती से किसान के चेहरे पर मुस्कुराहट
Posted on 01 Jun, 2023 12:45 PMराजस्थान के अर्द्ध शुष्क इलाकों में गंग भाखड़ा और इंदिरा गांधी नहर परियोजना (IGNP) के नहरी कमांड क्षेत्रों में कपास की फसल अपने अधिक वाणिज्यिक मूल्य के कारण प्रचलित है जिसको वहाँ उसके लोकप्रिय नाम सफेद सोने के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा केवल 300 मिमी और इससे भी कम हो सकती हैं। वहाँ भूजल लवणीय है और सामान्य तौर पर सिंचाई के लिए उपयुक्त नहीं है। अतः फसल उत्पादन के लिए
![कम वर्षा वाले क्षेत्रों में नहरी कमांड के तहत ड्रिप सिंचाई,Pc-Jagarn](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-06/Drip%20irrigationjpg.jpg?itok=As4Ydzil)
छोटी नदियों के कायाकल्प में उपग्रह डेटा की भूमिका
Posted on 31 May, 2023 05:01 PMनदी चैनल की पहचान परिसीमन और प्रबंधन से तात्पर्य नदियों, तालाब, झीलों की आर्द्रभूमि फसल पैटर्न भूमि उपयोग प्रथाओं भू आकृति विज्ञान और क्षेत्र के भूविज्ञान सहित इलाके की सभी सतह विशेषताओं के आकलन से है।क्योंकि वे बड़ी नदियों को जिन्दा रखती हैं। इस बहुमूल्य स्रोत की रक्षा और छोटी नदियों के कायाकल्प और पैलियो चैनलों की पहचान के लिए वैश्विक स्तर पर बड़ी संख्या में अनुसंधान और जल प्रबंधन पहल चल रही
![छोटी नदियों के कायाकल्प में उपग्रह डेटा की भूमिका Pc-सरजू विकिपीडिया](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/Sarayu_River_AJTJ_P1020789.jpg?itok=r7Rm9aed)
फसलों में सिंचाई के लिये अपशिष्टजल का उपयोग
Posted on 22 May, 2023 03:33 PMप्रस्तावना
वर्तमान में बढ़ती वैश्विक आबादी के साथ जल की आपूर्ति और माँग के बीच का अंतर बहुत बढ़ता ही जा रहा है और यह एक ऐसे खतरनाक स्तर तक पहुँच गया है। कि दुनिया के कुछ हिस्सों में यह मानव अस्तित्व के लिये खतरा पैदा कर रहा है दुनिया भर में बहुत से वैज्ञानिक जल संरक्षण के नये और आधुनिक तरीकों पर अनुसंधान कर रहे हैं। लेकिन अभी भी इसमें उतनी प्रगति प्राप्त नहीं हु
![फसलों में सिंचाई के लिये अपशिष्टजल का उपयोग, PC-organicawater](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/sewage-treatment-plant-systems.jpg?itok=opF0YMou)
नमी तनावः सब्जी वर्गीय फसलों पर इसका प्रभाव एवं संभावित प्रबंधन विकल्प
Posted on 22 May, 2023 02:39 PMप्रस्तावना
ऐसे कृषि क्षेत्र जो प्रायः सूखे की समस्या से प्रभावित रहते हैं वो सभी क्षेत्र सूखे के कारण 50% तक या इससे भी अधिक फसल उपज में हानि का अनुभव कर सकते हैं। दुनिया की 35% से अधिक कृषि भूमि की सतह को शुष्क या अर्ध शुष्क माना जाता है जो अधिकांशतः कृषि उपयोग के लिये अपर्याप्त वर्षा प्राप्त करती हैं। भारत के लगभग दो तिहाई भौगोलिक क्षेत्र में 1000 मिमी से कम
![नमी तनावः सब्जी वर्गीय फसलों पर इसका प्रभाव एवं संभावित प्रबंधन विकल्प,PC-VikasPedia](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A5%80%20%E0%A4%A4%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%83%20%E0%A4%B8%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%9C%E0%A5%80%20%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%AF%20%E0%A4%AB%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%82%20%E0%A4%AA%E0%A4%B0%20%E0%A4%87%E0%A4%B8%E0%A4%95%E0%A4%BE%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%20%E0%A4%8F%E0%A4%B5%E0%A4%82%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%A7%E0%A4%A8%20%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%AA%20.jpg?itok=s4uXCkPx)
फसल एवं जल की उत्पादकता तथा आय में वृद्धि हेतु कुसुम - मटर अंतरसस्य फसल पद्धति
Posted on 22 May, 2023 02:28 PMपृष्ठभूमि
मटर के साथ
![मटर की वैज्ञानिक खेती, Pc- krishakjagat](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/download_0.jpg?itok=8U-C_NXT)
खरीफ धान के बाद फसल की उत्पादकता को बढाने और आय में वृद्धि के लिये कम से कम सिंचाई के साथ सूरजमुखी की खेती
Posted on 22 May, 2023 12:28 PMपृष्ठभूमि
सूरजमुखी एक उभरती हुई तिलहन फसल है जिसमें खरीफ धान की फसल के बाद एक आपातकालीन (Contingent ) फसल के रूप में समायोजित होने की अनुकूलन क्षमता है या यूं कह सकते हैं कि यह फसल नीची भूमि के पारिस्थितिक तंत्र में अधिक जल आवश्यकता वाली धान की फसल का एक बहुत ही अच्छा विकल्प है। किसी भी फसल की उपज की क्षमता और लाभप्रदता उचित सिंचाई की पद्धतियों और समय पर बुवाई
![सूरजमुखी एक उभरती हुई तिलहन फसल,Pc-Jagran](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/2023-05/suraj%20mukhi%20.jpg?itok=O_h1G5pi)