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समाचार और आलेख
अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा
Posted on 04 Oct, 2023 03:09 PMमेक इन इंडिया को ज्यादातर लोग विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) पर आधारित कार्यक्रम और पहल के रूप में देखते हैं लेकिन विनिर्माण के साथ-साथ उसके कई अन्य पहलू भी हैं। विनिर्माण कोई हवा में नहीं हो जाता और विनिर्माण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अनेक बुनियादी पक्षों पर काम करना जरूरी है, जैसे निवेश को प्रोत्साहित करना तथा आधारभूत ढांचे (इन्फास्ट्रक्चर) का विकास करना। इनके बिना विनिर्माण पर केंद्रित लक्ष
बादलों में प्लास्टिक के कण
Posted on 04 Oct, 2023 01:02 PMएक शोध के अनुसार, प्लास्टिक के अत्यंत महीन कणों को जिनका आकार पांच मिलीमीटर या उससे कम होता है, ‘माइक्रोप्लास्टिक’ कहा जाता है। शोध के अनुसार, हर साल प्लास्टिक के करीब एक करोड़ टन टुकड़े जमीन से समुद्र में पहुंच रहे हैं, जहां से वो वायुमंडल में अपना रास्ता खोज लेते हैं। देखा जाए तो बादलों में इनकी मौजूदगी एक बड़े खतरे की ओर इशारा करती है। एक बार बादलों में पहुंचने के बाद यह कण वापस ‘प्लास्टिक व
गंगा हेतु रिस्कन नदी में पानी बोना होगा
Posted on 04 Oct, 2023 11:30 AMशास्त्रों के अनुसार पानी का जन्म भगवान विष्णु के पैरों से हुआ है। इसलिए पानी को नीर या नर भी कहा जाता है। गंगा नदी का नाम विष्णोपुदोद्दकी भी है अर्थात भगवान विष्णु के पैरों से निकली हुई। गंगा नदी का मुख्य स्रोत गंगोत्री में हैं लेकिन गंगा नदी में उत्तराखंड की कई गैर बर्फीली सहायक नदियाँ भी जुड़ी हैं। तभी गंगा नदी में पानी होता है।
विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष: बदल रहा है पीर पंजाल में पर्यटन का दौर
Posted on 26 Sep, 2023 01:42 PMजब भी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन की बात आती है तो लोगों के दिल और दिमाग में एकमात्र नाम कश्मीर की वादियों का आता है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कश्मीर को कुदरत ने अपने हाथों से संवारा है. लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम है कि जम्मू के पुंछ और राजौरी के सीमावर्ती जिलों से लगे पीर पंजाल के खूबसूरत पहाड़ और इन पहाड़ों से गुजरने वाले ऐतिहासिक मुगल राजमार्ग भी किसी सुंदरता से कम नहीं है.
बाढ़ के दौरान पेयजल की आपूर्ति
Posted on 18 Sep, 2023 02:57 PMबजली जिला 2021 में स्थापित असम का 34वां जिला है और 173 गांवों में इसकी कुल आबादी लगभग 3 लाख है। इस जिले में 418 वर्ग किमी का क्षेत्र शामिल है, जो भारी वर्षा के कारण 15 जून से इस मानसून के मौसम में अत्यधिक जलप्लावित था। पोहुमोरा और कालदिया. नदियों के तटबंध टूटने के कारण बाढ़ आई है। तटबंधों के आस-पास के निवासियों के घर पूरी तरह से बह गए और लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी।
जेजेएम से पत्थलघुटवा में जागी उम्मीद की नई किरण
Posted on 18 Sep, 2023 02:47 PMझारखंड राज्य में रामगढ़ जिले के चित्तरपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले मयाल गांव का पत्थलघुटवा टोला ( बसावट) मुख्य रूप से महतो लोगों का निवास है जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। हाल के दिनों तक, यह टोला जीवन यापन की सुगमता से संबंधित अधिकांश मापदंडों में पिछड़ गया, चाहे वह सड़क हो या सुरक्षित पेयजल । उस समय घरों के इन समूहों के एक छोर पर केवल एक सौर ऊर्जा से चलने वाली ओवरहेड पानी की टंकी थी। पत्थलघुटव
जल गुणवत्ता पखवाड़ा : जल गुणवत्ता नियंत्रण उपायों के लिए 15 दिवसीय अभियान
Posted on 18 Sep, 2023 02:37 PMछत्तीसगढ़, जल जीवन मिशन के विजन के लिए प्रतिबद्ध है और यह 2024 तक 'हर घर जल' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक रूप से काम कर रहा है। क्षेत्र स्तर पर हर संभव प्रयास करके, छत्तीसगढ़ सरकार, जेजेएम के प्रत्येक घटक अर्थात पानी की गुणवत्ता की पर्यवेक्षण और निगरानी (डब्ल्यूक्यूएमएस), डीपीएमयू और एसपीएमयू की स्थापना और विशेषज्ञों की नियुक्ति, केआरसी को नियोजित करने, नियोजित आईएसए के लिए प्रशिक्षण
सूख रहे झरनों का पुनरुत्थान
Posted on 18 Sep, 2023 02:28 PMअरुणाचल प्रदेश अनुमानित 3.19 बिलियन क्यूबिक मीटर भूजल संसाधनों (सीजीडब्ल्यूबी, 2020) और भारत की एक तिहाई से अधिक जलविद्युत क्षमता के साथ प्रचुर जल संसाधनों से संपन्न है। कई प्रमुख नदियाँ जैसे कामँग, सियांग, सुबनसिरी, आदि और कई आर्द्रभूमि जैसे भागजंग, नगुला, आदि इसकी समृद्ध जैव विविधता का पोषण करती हैं। इतने विशाल जल संसाधनों के बावजूद, अरुणाचल प्रदेश पीने के पानी की कमी से जूझ रहा है।
बुरहानपुर : देश का पहला 'हर घर जल' सर्टिफाइड ज़िला
Posted on 16 Sep, 2023 01:59 PMमध्य प्रदेश में दक्षिण का दरवाजा' कहे जाने वाला बुरहानपुर देश का पहला 'हर घर जल' सर्टिफाइड ज़िला बना। 15 अगस्त 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा के समय बुरहानपुर में कुल 1.01 लाख परिवारों में से केवल 37, 241 ग्रामीण परिवारों (36.54%) की पीने योग्य पेयजल तक पहुंच थी। कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान, बुरहानपुर जिला प्रशासन द्वारा किए गए निरंतर कार्य के फलस्वरूप 34 महीने की अवधि के भीतर इसके सभी 1.01 लाख
जल गुणवत्ता जांच के लिए कौशल विकास का भरपूर लाभ
Posted on 16 Sep, 2023 01:11 PMजब पूरी दुनिया कोविड-19 से जूझ रही थी, भारत में वर्ष 2021-22 के दौरान एक क्रांति हो रही थी। जैसा कि महामारी की दूसरी लहर ने पूरे भारत को अपनी चपेट में ले लिया था, गढ़वा, झारखंड की आर्यमा कुमारी, गाँवों में मास्क पहनने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या में से एक थीं, जो झिझकते हुए एक-दूसरे से दूरी बना रही थीं, और हम जो समझते हैं उससे हटकर पानी की गुणवत्ता को 'देखने के लिए प्रशिक्षण ले रही थीं।