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अतुल्य भारत की बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा आर्द्रभूमियाँ
इस सम्मेलन में यह निश्चित किया गया कि प्रतिवर्ष संपूर्ण विश्व में 2 फरवरी का यह दिन "विश्व आर्द्रभूमि दिवस" के रूप में मनाया जायेगा। इसका मुख्य उद्देश्य ग्लोबल  वॉर्मिंग का सामना करने में आर्द्रभूमि, जैसे दलदल अथवा मैनग्रोव के महत्व के बारे में जागरुकता फैलाना है। वर्ष 2020 में विश्व आर्द्रभूमि  दिवस के दिन इस विषय को सर्वोपरि रखा गया और आर्द्रभूमि की वर्तमान स्थिति, जैव-विविधता और उससे जुड़े अनेकानेक विषयों पर प्रकाश डाला गया। उसमें हुई क्षति की भरपाई करने के उपायों पर बातचीत की गई और इस महत्वपूर्ण विषय को बढ़ावा दिया गया। Posted on 13 Oct, 2023 05:36 PM

वेटलैंड(आर्द्रभूमि) एक विशिष्ट प्रकार का पारिस्थितिकीय तंत्र है तथा जैव-विविधता का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। जलीय एवं स्थलीय जैव-विविधताओं का मिलन स्थल होने के कारण यहाँ वन्य प्राणी प्रजातियों व वनस्पतियों की प्रचुरता पाए जाने की वजह से वेटलैंड समृद्ध पारिस्थतिकीय तंत्र है। आज के आधुनिक जीवन में मानव को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है और ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हम अपनी जैव-विविधता का

अतुल्य भारत की बहुमूल्य प्राकृतिक सम्पदा आर्द्रभूमियाँ
नेपाल भूकंप (Nepal Earthquake In Hindi )
हिमालय पर रहते थे और फैलाश पर्वत पर स्थाई निवास बनाये थे। ऐसा लगता है हमने उनको है तपस्या भंग कर दी है। उनकी तपस्या में खलल डाला है इंसान ने जब उनको खुली तो प्रकृति के साथ हो अन्याय को देखकर के क्रोधित हुए और ने अपनी तीसरी आंख खोल दी। जिससे चारों ओर सिर्फ मौत से सीत दिखाई दे रही है। इंसान से ऐसी फोन सी गलती हुई कि शिव ने रुष्ट होकर ऐसा तांडव नृत्य किया। इस पर हमें आज विचार करने की जरूरत है। Posted on 13 Oct, 2023 03:34 PM

ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जब अपना तीसरा नेत्र खोलते हैं तो तवा मच जाती है। नेपाल में भूकंप की तस्वीरें देखकर तो यही लगता कि शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोल दिया है। पशुपतिनाथ शिव ने अपना तीसरा नेत्र खोला और देखते ही देखते पूरा इलाका मानो शान बन गया। नेपाल में दसों हज़ार लोगों के मरने की आशंका हजारों लोग जख्मी है। मौत के इस सन्नाटे की पूरी दुनिया में है। लोग खौफ में हैं, दहशत में हैं और जीने की

नेपाल भूंकप
कीटनाशक पर्यावरण पर दबाव तथा जनमानस पर दुष्प्रभाव  
कीटनाशकों के उपयोग से प्रतिवर्ष 55 प्रतिशत से 42 प्रतिशत फसले कोटों से बचाई जा सकती हैं, परन्तु कीटनाशकों और उनके अवक्रमित उत्पाद पर्यावरण में उपस्थित होने के कारण विषैले रसायनों का संचय खाद्य श्रृंखला में करते हैं Posted on 12 Oct, 2023 05:04 PM

कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग और उनके अवशेषों की खाद्य पदार्थों में उपस्थिति आज सार्वजनिक चिन्ता का विषय बना हुआ है। कीटनाशक हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं। इनका प्रयोग न केवल हमारी फसलों को कीटों से बचाकर उनके उत्पाद को बढ़ाने के लिए तथा मानव के स्वास्थ्य को प्रभावित कर क्षति पहुंचाने वाले कीटों को नष्ट करने के लिए भी किया जाता है। आज लगभग 1055 से भी अधिक सक्रिय कीटनाशक पूरे संसार में पंजीकृत

कीटनाशक पर्यावरण पर दबाब तथा जनमानस पर दुष्प्रभाव  
जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत संरचनाओं का भौगोलिक अध्ययन
आर्थिक आधारभूत संरचना में जयपुर स्मार्ट सिटी के आर्थिक परिवेश व संगठन को प्रकट किया जाता है। इसमें आर्थिक अवसर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश, बँकिंग, उद्योग, रोजगार, उत्पादन क्षमता. लाभ, एवं अन्य आर्थिक गतिविधियों को सम्मिलित किया जाता है। Posted on 12 Oct, 2023 01:30 PM
प्रस्तावना

किसी भी स्मार्ट सिटी के लिए संस्थागत आधारभूत संरचना, भौतिक आधारभूत संरचना, सामाजिक आधारभूत संरचना तथा आर्थिक आधारभूत संरचना मुख्यरूप के चार बुनियादी स्तंभ होते हैं जिन पर एक स्मार्ट सिटी टिकी होती है अर्थात् उसका विकास संभव होता है। संस्थागत आधारभूत संरचना में उन गतिविधियों को प्रकट करते हैं जो कि शहरी क्षेत्रों के शासन एवं प्रबंधन से संबंधित होती है

जयपुर स्मार्ट सिटी में स्मार्ट आधारभूत संरचनाओं का भौगोलिक अध्ययन
ऊर्जा संरक्षण द्वारा डिमांड साइड मैनेजमेंट(Demand Side Management by Energy Conservation in Hindi)
विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है Posted on 09 Oct, 2023 02:48 PM

विद्युत डिमांड मैनेजमैंट के दृष्टिगत ग्रामीण, अर्ध शहरी एवं शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऊर्जा बचत का मतलब कटौती करना नहीं बल्कि कम ऊर्जा खपत वाले आधुनिक ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग करके ऊर्जा की खपत में कमी करना है। यदि हम कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखें तो काफी ऊर्जा की बचत कर सकते हैं:-

ऊर्जा संरक्षण
स्वच्छ भारत के निर्माण का आधार आदर्श मोहल्ला अभियान ले रहा आकार
जब प्रत्येक घर का रसोई कचरा, हमारे कचरा निस्तारण पात्र के माध्यम से न केवल घर में ही निस्तारित हो जाएगा, बल्कि उससे हमें तरल खाद भी प्राप्त होगी तो इससे नगर स्वच्छता के परिदृश्य में सुधार होगा। साथ ही तरल खाद के उपयोग से विकसित घरेलू वाटिका से प्रत्येक घर को ताजी और हरी-भरी सब्जियां प्राप्त होंगी जिनमें रसायनों का इस्तेमाल नहीं हुआ होगा। इनके उपयोग से परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। हमें विश्वास है कि धीरे-धीरे अधिकांश परिवारों तक घरेलू कचरा निस्तारण करने और इससे तरल खाद प्राप्त करने की यह विधि पहुंच जाएगी। फिर हम गर्व से कह सकेंगे Posted on 09 Oct, 2023 02:13 PM

हमारा शहर स्वच्छ हो और सुंदर हो, यह सभी चाहते हैं लेकिन ऐसा तभी संभव है जब नगर का प्रत्येक मोहल्ला और कालोनी स्वच्छता के मानकों पर खरे उतरे। इसी दृश्टिकोण से 4  जनवरी 2023  को लोक भारती की मासिक बैठक में आदर्श मोहल्ला बनाने पर विचार किया गया। लखनऊ के इंदिरा नगर सेक्टर 11 के एक मोहल्ले को आदर्श मोहल्ले के रूप में परिवर्तित करने का विचार यहां की समाज सेविका एवं लोक भारती कार्यकर्ता श्रीमती प्राची

स्वच्छ भारत के निर्माण का आधार आदर्श मोहल्ला अभियान,Pc- लोक सम्मान
समुद्री पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता
20 वर्षों की लंबी बातचीत के उपरांत एक  सैकड़ा से अधिक देश समुद्री जीवन को बचाने की अहम संधि पर मुहर लगाने को तैयार हो गए हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संपन्न इस हाई सीज ट्रीट्री के तहत 2030  तक दुनिया के 30  प्रतिशत महासागरों को संरक्षित किया जाना है। संधि को लागू करने के लिए अब सभी देशों को अपनी-अपनी संसद से मंजूरी दिलानी होगी। संधि में प्रावधान है कि समुद्री जलीय जीवन को संरक्षित करने के लिए निकाय बनेगा और जलीय जीवों को हो रहे नुकसान के आंकलन के लिए नियम बनेंगे। Posted on 09 Oct, 2023 01:15 PM

यह है सुखद है कि 20 वर्षों की लंबी बातचीत के उपरांत एक  सैकड़ा से अधिक देश समुद्री जीवन को बचाने की अहम संधि पर मुहर लगाने को तैयार हो गए हैं। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संपन्न इस हाई सीज ट्रीट्री के तहत 2030  तक दुनिया के 30  प्रतिशत महासागरों को संरक्षित किया जाना है। संधि को लागू करने के लिए अब सभी देशों को अपनी-अपनी संसद से मंजूरी दिलानी होगी। संधि में प्रावधान है कि समुद्

समुद्री पर्यावरण को बचाने की आवश्यकता
अपने प्रदेश हों या पड़ोसी देश चहुंओर पहुंच रहा जहरमुक्त प्राकृतिक खेती का संदेश
देश के कई राज्य प्राकृतिक खेती के विस्तार में निरंतर संलग्न हैं, वहीं पड़ोसी देशों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की इच्छा प्रबल हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक कृषि फार्म पर देश के पूर्व राष्ट्रपति , कई प्रदेशों के राज्यपालों सहित विदेशी प्रतिनिधिमंडल का आगमन हुआ। इन सभी ने प्राकृतिक कृषि की प्रभावोत्पादकता का स्वयं अनुभव करते हुए इसे अपनाने और प्रसारित करने का संकल्प लिया है  Posted on 09 Oct, 2023 12:56 PM

रासायनिक खेती के निरंतर परिलक्षित होते हानिकारक दुश्प्रभावों को समझकर प्राकृतिक खेती को अपनाने का आग्रह लगातार प्रबल हो रहा है। देश के कई राज्य प्राकृतिक खेती के विस्तार में निरंतर संलग्न हैं, वहीं पड़ोसी देशों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की इच्छा प्रबल हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक कृषि फार्म पर देश के पूर्व राष्ट्रपति, कई प्रदेशों के राज्यपालों सहि

अपने प्रदेश हों या पड़ोसी देश चहुंओर पहुंच रहा जहरमुक्त प्राकृतिक खेती का संदेश
भूजल दोहन और भूकंप का गहरा संबंध:विनाशकारी होगी प्रकृति का धैर्य टूटने की प्रतीक्षा 
भूजल भंडार का बेलगाम दोहन हो रहा है। यदि नदियों की स्थिति बेहतर होती तो भूजल भंडार लगातार रिचार्ज होते रहते। लेकिन हमारी नदियां तो स्वयं अस्तित्व के संकट से जूझ रही हैं पिछले दिनों भूकंप के कारण धरती हिलने से देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत देश के कई शहरों में अनिष्ट की आशंका से हड़कंप मच गया। भूकंप के अनेक कारण हैं Posted on 09 Oct, 2023 11:42 AM

पिछले दिनों भूकंप के कारण धरती हिलने से देश की राजधानी दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत देश के कई शहरों में अनिष्ट की आशंका से हड़कंप मच गया। भूकंप के अनेक कारण हैं, लेकिन एक प्रमुख कारण भूजल का अंधाधुंध दोहन भी बताया जाता है। विकास की आंधी में हम हरियाली और भूमिगत जल को खोते जा रहे हैं। देखते-देखते ही महानगर ही नहीं छोटे शहर भी कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे हैं। इसके लिए भ

भूजल दोहन और भूकंप का गहरा संबंध
पिघलते ग्लेशियरों की निगरानी ज़रूरी
साल 2021 में एक अध्ययन से पता चला था कि दक्षिण लोनाक झील का आकार गंभीर रूप से बढ़ चुका है। इस अध्ययन में यह भी कहा गया था कि अब झील भारी बारिश जैसे चरम मौसम के प्रति संवेदनशील हो गयी है। अब क्योंकि हम यह अनुमान नहीं लगा सकते कि ग्लेशियर में बाढ़ कब आएगी, इसलिए ऐसी किसी बाढ़ के लिए तैयार रहना ही हमारे पास एकमात्र विकल्प है। जरूरत है उचित आपदा जोखिम न्यूनीकरण योजना और क्षति नियंत्रण की। Posted on 07 Oct, 2023 04:24 PM

बीते हफ्ते, सिक्किम में दक्षिण लोनाक झील पर बहुत भारी बारिश हुई। इसके चलते झील के पानी ने अपना किनारा छोड़ दिया। सब कुछ इतना अचानक हुआ कि झील के पानी ने चुंगथांग बांध को तोड़ दिया। और इसके बाद तबाही का ऐसा दौर आया कि फिलहाल चालीस से ज़्यादा लोगों की मौत की खबर है, तमाम लोग गायब हैं, अनगिनत लोग चोटिल हैं, और  सिक्किम के कई हिस्सों में बाढ़ आ चुकी गई।

पिघलते ग्लेशियर
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